भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सूचीबद्ध कंपनियों को बाजार पूंजीकरण (Market Cap) के हिसाब से रैंकिंग देने की प्रणाली में बदलाव किया है। एक दिन के मार्केट कैप के बजाय अब रैंकिंग 6 महीने के औसत बाजार पूंजीकरण पर होगी।
नियामक ने स्टॉक एक्सचेंजों को कैलेंडर वर्ष के अंत में यह गणना करने और 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक के औसत मार्केट कैप के आधार पर रैंकिंग रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। अभी तक यह गणना 31 मार्च तक के मार्केट कैप के आधार पर की जाती थी।
कई निर्देशों और नियमों के अनुपालन के लिए रैंकिंग महत्वपूर्ण होती है। उदाहरण के लिए शीर्ष-100 सूचीबद्ध कंपनियों को 1 जून से अफवाह की पुष्टि के मानकों का पालन करना होगा। शीर्ष-250 कंपनियों के लिए अनुपालन की समय सीमा 1 दिसंबर से लागू होगी।
इसी तरह ईएसजी-संबंधित मानकों और कॉरपोरेट प्रशासनिक मामलों में अनुपालन के लिए सेबी ने मार्केट कैप के आधार पर शीर्ष-100, शीर्ष-500 और शीर्ष-1000 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए राह आसान की है।
खेतान ऐंड कंपनी में पार्टनर अभिमन्यु भट्टाचार्य ने कहा, ‘सेबी को बाजार हितधारकों की प्रतिक्रिया से पता चला है कि एक ही दिन में बाजार पूंजीकरण की गणना करने और सेबी लिस्टिंग ऑब्लाइगेशंस ऐंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स (LODR) नियमों के परिणामस्वरूप सूचीबद्ध कंपनियों के लिए अनुपालन बोझ में इजाफा हुआ है।’
नई रैंकिंग के बाद जो भी कंपनी पहली बार नियामक द्वारा ऐसे किसी भी आदेश का अनुपालन करने के लिए पात्र होगी, उसे अनुपालन के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा।