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बाजार की तेजी पर सवार Samvardhana Motherson International

समिल का शेयर पिछले एक साल के दौरान 91 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ा है जबकि एमएसडब्ल्यूआईएल का 17 प्रतिशत तेजी के साथ पीछे है।

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राम प्रसाद साहू   
Last Updated- June 02, 2024 | 11:40 PM IST

मदरसन की दो सूचीबद्ध कंपनियों के लिए रिटर्न के मोर्चे की राह अलग-अलग है। जहां समूह की वैश्विक इकाई संवर्द्धन मदरसन इंटरनैशनल (Samvardhana Motherson International) का शेयर अपने 52 सप्ताह के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है और गुरुवार को उसने 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया, वहीं भारत-केंद्रित मदरसन सूमी वायरिंग इंडिया (MSWIL) की रफ्तार सुस्त रही है।

समिल का शेयर पिछले एक साल के दौरान 91 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ा है जबकि एमएसडब्ल्यूआईएल का 17 प्रतिशत तेजी के साथ पीछे है।

समिल में ताजा तेजी वित्त वर्ष 2024 की जनवरी-मार्च तिमाही में नतीजों के बाद अपग्रेड की वजह से आई है जबकि दूसरी कंपनी के लिए समीक्षा मिली-जुली रही है। मार्च तिमाही में मजबूत परिचालन प्रदर्शन के अलावा मजबूत ऑर्डर बुक, अधिग्रहणों के बढ़ते आकार, घटते कर्ज स्तर और आपूर्तिकर्ता समेकन में ढांचागत रुझानों से समिल को मदद मिल रही है।

मांग संबंधित परिदृश्य, ऑर्डर बुक और विविध किस्म के उत्पादों तथा भौगोलिक स्थिति भविष्य में दोनों कंपनियों के लिए लगातार बिक्री वृद्धि के लिए महत्चपूर्ण रहेगी। समिल के लिए अल्पावधि परिदृश्य पर जेएम फाइनैंशियल के विश्लेषकों विवेक कुमार और रौनक मेहता का मानना है कि हल्के वाहनों के लिए मांग परिवेश सभी देशों में मजबूत बना हुआ है।

कंपनी की कुल ऑटोमोटिव (ऑटो) ऑर्डर बुक 83.9 अरब डॉलर है जिसमें 23 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों के ऑर्डर हैं। मध्यावधि-दीर्घावधि के दौरान, ब्रोकरेज को प्रीमिय और विद्युतीकरण से कंपनी के पावरट्रेन-केंद्रित उत्पाद पोर्टफोलियो के लिए प्रति वाहन तेजी आने का अनुमान है।

मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का भी समिल के बारे में ऐसा ही नजरिया है और उन्हें उम्मीद है कि कंपनी ईवी की बढ़ती लोकप्रियता तथा सभी सेगमेंट में प्रीमियमाइजेशन यानी महंगे उत्पादों के बढ़ते चलन से उसे फायदा होगा।

170 रुपये के लक्ष्य के साथ ‘खरीदें’ रेटिंग देने वाले मोतीलाल ओसवाल रिसर्च ने वित्त वर्ष 2025 से वित्त वर्ष 2026 के लिए आय अनुमान 2 से 5 प्रतिशत तक बढ़ा दिए हैं। कंपनी के गैर-वाहन खंडों, खासकर एयरोस्पेस और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए आगामी वर्षों में मजबूत वृद्धि और मार्जिन में सुधार की संभावना से ये अनुमान बढ़ाए गए हैं।

कंपनी को समेकित आधार पर बेहतर प्रदर्शन करने में जिससे मदद मिलेगी, वह है परिचालन क्षमता में सुधार तथा हाल के अधिग्रहणों को कंपनी की वित्तीय स्थिति के साथ एकीकृत करना।

कंपनी ने संकेत दिया है कि याचियो, ल्यूमेन और एडीआई अधिग्रहणों का मुनाफा एवं नुकसान प्रभाव वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में दिखना शुरू हो जाएगा। इन अधिग्रहणों से वित्त वर्ष 2025 के शुद्ध राजस्व में अतिरिक्त 14,400 करोड़ रुपये योगदान रहने का अनुमान है।

कर्ज में कटौती कंपनी के लिए अन्य सकारात्मक बदलाव है। वित्त वर्ष 2024 के आखिर में कंपनी का राजस्व 99,000 करोड़ रु. से थोड़ा ही कम का था। जहां सकल ऋण 1,835 करोड़ रुपये तक घटकर 17,351 करोड़ रुपये रह गया, वहीं शुद्ध कर्ज 2,178 करोड़ रुपये तक घटकर 10,372 करोड़ रुपये रहा। नकदी बैलेंस में वृद्धि की वजह से कर्ज में कमी को
बढ़ावा मिला।

कोटक सिक्योरिटीज ने वित्त वर्ष 2025 से वित्त वर्ष 2026-27 के लिए अपने आय अनुमान 7 से 12 प्रतिशत तक बढ़ाए हैं। ऊंचे मुनाफा मार्जिन और कम ब्याज खर्च को ध्यान में रखते हुए ब्रोकरेज फर्म ने इन अनुमानों में इजाफा किया है।

ब्रोकरेज के विश्लेषकों ऋषि वोरा और प्रवीण पोरेड्डी का मानना है कि विलय और अधिग्रहण, प्रीमियम उत्पादों, वाहन निर्माताओं के साथ मजबूत संबंध और आपूर्तिकर्ताओं के साथ समेकन के जरिये यात्री वाहनों में प्रति वाहन वृद्धि होने से कंपनी को मदद मिलेगी। उन्होंने 160 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर के लिए ‘जोड़ें’ रेटिंग दी है।

एमएसडब्ल्यूआईएल के परिदृश्य पर ब्रोकरों का मिलाजुला नजरिया है। कंपनी ने मार्च तिमाही में मजबूत प्रदर्शन किया। जहां उसका राजस्व 20 प्रतिशत बढ़ा, वहीं परिचालन और शुद्ध लाभ में 32 से 38 प्रतिशत के बीच तेजी दर्ज की गई। प्रबंधन ने संकेत दिया है कि मौजूदा प्रीमियमाइजेशन ट्रेंड (एसयूवी और विद्युतीकरण पर जोर) कंपनी के लिए मुख्य विकास वाहक हैं।

एमके रिसर्च ने 80 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर पर खरीदें रेटिंग दी है और उसका मानना है कि मारुति सुजूकी इंडिया में बाजार भागीदारी का नुकसान अब पीछे छूट गया है।

दो बड़ी एसयूवी-केंद्रित वाहन निर्माता मिलने और ईवी की तरफ जाने से कंपनी को मजबूत प्रदर्शन बनाए रखने में मदद मिलेगी, भले ही पीवी उद्योग की वृद्धि धीमी हो रही हो। भविष्य में कंपनी के मार्जिन प्रदर्शन को बढ़ती परिचालन दक्षता और स्थानीयकरण पर जोर दिए जाने से मदद मिलेगी।

वित्त वर्ष 2025 में नई क्षमता वृद्धि ग्राहक ऑर्डरों की संख्या में तेजी के अनुरूप है और इससे मध्यावधि वृद्धि को मदद मिलने की संभावना है।

जेएम फाइनैंशियल रिसर्च ने पीवी उद्योग की वृद्धि में नरमी को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2025 के लिए अपना वृद्धि अनुमान घटाया है। हालांकि ब्रोकरेज ने 75 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर के लिए ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखी है।

इलारा सिक्योरिटीज ने ‘बेचें’ रेटिंग दी है, जबकि 62 रुपये का कीमत लक्ष्य बरकरार रखा है। जहां ब्रोकरेज को ईवी में प्रति वाहन कंटेंट बढ़ने का अनुमान है, वहीं उसने तकनीकी एवं प्लेटफॉर्म बदलावों से संबंधित जोखिमों का भी संकेत दिया है। दुनिया भर में वाहन निर्माता अपने वाहन का वजन घटाने के लिए वाहन में वायरिंग हार्नेस का हिस्सा घटाने पर जोर दे रहे हैं।

First Published : June 2, 2024 | 11:40 PM IST