रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले दो पैसे बढ़कर 83.28 (अस्थायी) के स्तर पर बंद हुआ। भू-राजनीतिक तनाव के बीच रुपये ने सीमित दायरे में कारोबार किया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि सकारात्मक व्यापक आर्थिक आंकड़ों से रुपये को समर्थन मिला। दूसरी ओर भू-राजनीतिक तनाव ने रुपये की बढ़त को सीमित किया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.25 पर खुला और दिन के कारोबार में इसने 83.24 के ऊपरी और 83.28 के निचले स्तर को छुआ।
कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले दो पैसे बढ़कर 83.28 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले छह पैसे गिरकर 83.30 पर बंद हुआ था। वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से रुपये पर दबाव बना, जबकि अनुमान से कम थोक मूल्य सूचकांक आधारित (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति के आंकड़ों से स्थानीय मुद्रा को मजबूती मिली।
शुक्रवार को कुछ एफआईआई की खरीद ने भी रुपये को समर्थन दिया। शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों के हमास-इजराइल संघर्ष को रोकने के लिए कदम उठाने के बाद अमेरिकी डॉलर में थोड़ी नरमी आई।
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चौधरी ने कहा कि आने वाले दिनों में वैश्विक बाजारों में जोखिम की आशंका और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण रुपया दबाव में रह सकता है। दूसरी ओर पश्चिम एशिया में तनाव कम होने से रुपये को समर्थन मिल सकता है। ]
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.13 प्रतिशत गिरकर 106.51 पर आ गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.08 प्रतिशत गिरकर 90.82 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। घरेलू शेयर बाजारों में बीएसई सेंसेक्स 115.81 अंक या 0.17 प्रतिशत गिरकर 66,166.93 अंक पर बंद हुआ।
]व्यापक एनएसई निफ्टी 19.30 अंक या 0.1 प्रतिशत गिरकर 19,731.75 पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 317.01 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।