डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा अपने 20 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। आज शुरुआती कारोबार के बाद रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 51 पैसे गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर 80.47 रुपए पर खुला है। बुधवार को भी रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 26 पैसे गिरकर 80 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया था।
क्या है कारण
महंगाई पर काबू पाने के लिए शीर्ष अमेरिकी केन्द्रीय बैंक की ओर से लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने के कारण रुपये में गिरावट हुई। अमेरिकी केन्द्रीय बैंक द्वारा लगातार तीसरी बार ब्याज दर बढ़ाया गया। अमेरिकी बैंक द्वारा ब्याज दर बढ़ाने पर डॉलर की कीमत बढ़ जाती है जिसके कारण डॉलर धीरे धीरे मजबूत होने लगता है। जिसके कारण रुपया तथा दूसरे विदेशी मुद्रा में गिरावट देखी जाती है।
कैसे होता है सुधार
किसी भी देश में मुद्रा संबंधित उतार चढ़ाव को नियंत्रित करने का काम उस देश के केन्द्रीय बैंक का होता है। भारत में यह भूमिका भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की है। रुपये के कमजोर होने पर भारतीय रिजर्व बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार से या फिर विदेशों से डॉलर खरीदकर उस कमी पूरी करने की कोशिश करता है।