बाजार में जारी तेजी के बीच आज सेंसेक्स और निफ्टी ने नई ऊंचाई छू ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) से आई रकम और सूचकांकों में अधिक भारांश रखने वाले शेयरों के मजबूत प्रदर्शन की इसमें अहम भूमिका रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 195 अंक (0.3 प्रतिशत) उछल कर 63,523 पर बंद हुआ। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 40 अंक चढ़कर 18,857 पर बंद हुआ।
सूचकांकों की इस उपलब्धि में HDFC बैंक, HDFC और रिलायंस इंडस्ट्रीज का अहम योगदान रहा। दिन के कारोबार (इन्ट्रा-डे) में भी सेंसेक्स ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। मगर निफ्टी इंट्रा-डे रिकॉर्ड से 12 अंक पीछे रह गया। इससे पहले 12 दिसंबर, 2020 को दिन के कारोबार में सेंसेक्स 63,583 और निफ्टी 18,888 तक पहुंचे थे। आज सेंसेक्स 63,588 और निफ्टी 18,876 को चूमकर लौटे।
विदेश से आने वाली रकम के बूते इस साल मार्च के निचले स्तरों से सेंसेक्स और निफ्टी 10 प्रतिशत से अधिक चढ़ चुके हैं। साल की शुरुआत में FPI खरीदारी से अधिक बिकवाली की थी मगर अप्रैल से उन्होंने भारतीय बाजार में जमकर खरीदारी की है। इस साल अब तक वे 53,469 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी कर चुके हैं। आज भी FPI ने 4,013 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। स्टॉक एक्सचेंजों के अंतरिम आंकड़ों के मुताबिक देसी संस्थागत निवेशकों ने 550 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
अर्थव्यवस्था से मिल रहे मजबूत संकतों और आर्थिक तरक्की की उम्मीद से देसी और विदेशी निवेशक भारतीय शेयरों पर न्योछावर हो रहे हैं। शेयरों के मूल्यांकन भी सभी पुराने स्तरों को पीछे छोड़ चुके हैं।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज में मुख्य कार्याधिकारी एवं सह-प्रमुख प्रतीक गुप्ता कहते हैं, ‘भारत का पूंजी बाजार मुख्य रूप के FPI निवेश के दम पर आगे बढ़ रहा है। देश की आर्थिक संभावनाएं मजबूत होने और कंपनियों की आय में बढ़ोतरी से भारत को मिल रहा है। कंपनियों की आय वित्त वर्ष 2024 में 14 प्रतिशत और 2025 में 15 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। चीन और अन्य तेजी से उभरते बाजारों की तुलना में यह आंकड़ा ज्यादा आकर्षक है।’
अपस्टॉक्स के निदेशक पुनीत माहेश्वरी ने कहा, ‘भारत की शानदार आर्थिक तरक्की को देखते हुए निवेशकों का उत्साह नई बुलंदियों पर पहुंच गया है। भारत की अर्थव्यवस्था आगे और भी रफ्तार पकड़ सकती है। हमें लगता है कि तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ी संभावनाओं का असर बाजार में दिखना चाहिए और दिख भी रहा है।’
हालांकि मॉनसून में विलंब और ब्याज दरों पर अनिश्चितता के बीच निवेशक थोड़े सतर्क भी हैं। मूल्यांकन की चिंता भी उन्हें आशंकित कर रही है। पिछले 10 वर्षों के औसत 18 गुना प्राइस-टु-अर्निंग (पीई) मल्टिपल की तुलना में सेंसेक्स पिछले 12 महीने में 24 गुना पीई मल्टिपल पर कारोबार कर रहा है।
गुप्ता ने कहा, ‘मूल्यांकन कुछ महंगा तो हो ही गया है। इससे निकट अवधि में बढ़त थोड़ी सीमित रह सकती है।’