बाजार

रेलिगेयर को बर्मन के ओपन ऑफर पर काम करने का आदेश

कंपनी को जरूरी मंजूरी हासिल करने के लिए रिजर्व बैंक, आईआरडीएआई और सेबी के पास 12 जुलाई से पहले करना होगा आवेदन

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- June 20, 2024 | 9:30 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (आरईएल) को निर्देश दिया है कि वह बर्मन परिवार के ओपन ऑफर को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी मंजूरी पाने को अधिकारियों के पास आवेदन करे। रेलिगेयर को 12 जुलाई से पहले भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्रा​धिकरण (आईआरडीएआई) और सेबी के पास आवेदन करना होगा।

सेबी का आदेश रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की चेयरपर्सन रश्मि सलूजा के नेतृत्व वाले प्रबंधन के लिए झटके सरीखा है क्योंकि उसने डाबर प्रवर्तकों की ओपन ऑफर की दरख्वास्त नौ महीनों से रोक रखी थी। रेलिगेयर के प्रबंधन ने पूछा है कि क्या बर्मन परिवार इस अधिग्रहण के लिए वाकई सही (फिट ऐंड प्रॉपर) है।

सेबी के आदेश के बाद रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के प्रवक्ता ने कहा, ‘सेबी की सलाह के मुताबिक कंपनी अधिग्रहण करने वालों की पात्रता का पता करने के लिए रिजर्व बैंक और दूसरे नियामकों के पास दरख्वास्त डालेगी।’

बर्मन परिवार के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के आम शेयरधारकों के हित में ओपन ऑफर को पूरा करने का संकल्प लिया है।’ रेलिगेयर एंटरप्राइजेज का शेयर आज करीब 4 फीसदी बढ़त के साथ 233.4 रुपये पर बंद हुआ।

सेबी ने ओपन ऑफर पर काम शुरू करन के लिए रेलिगेयर एंटरप्राइजेज को पहले भी पत्र लिखे थे मगर कंपनी बोर्ड ने उन पर ध्यान नहीं दिया। मजबूर होकर सेबी को आज का आदेश जारी करना पड़ा। सेबी ने कहा है कि कोई भी 25 फीसदी की तय सीमा से अधिक शेयर खरीद लेता है तो खरीदने वाले को 26 फीसदी शेयर और खरीदने के लिये ओपन ऑफर लाना ही पड़ता है।

12 पृष्ठ के अपने आदेश में उसने कहा, ‘शेयरधारकों द्वारा उस अधिकार के प्रयोग को कंपनी के मौजूदा प्रबंधन की मर्जी पर नहीं छोड़ा जा सकता, खास तौर पर जब प्रबंधन अधिग्रहण करने वाली कंपनी के खिलाफ रुख दिखा रहा हो और नियंत्रण में बदलाव की संभावना देखकर अधिग्रहणकर्ता का ओपन ऑफर लाने में उसे हितों का टकराव दिख रहा हो।’

बर्मन परिवार के स्वामित्व वाली कंपनियों की रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में 21.54 फीसदी हिस्सेदारी थी। चार कंपनियों ने सितंबर 2023 में खुले बाजार से 5.27 फीसदी हिस्सेदारी और खरीद ली। उसके बाद प्रवर्तकों ने 26 फीसदी हिस्सेदारी और खरीदने के लिए ओपन ऑफर का ऐलान कर दिया। बर्मन परिवार अब रेलिगेयर एंटरप्राइजेज का सबसे बड़ा शेयरधारक है मगर कंपनी के बोर्ड में उसका कोई प्रतिनि​धि नहीं है।

अक्टूबर 2023 के बाद से ही रेलिगेयर एंटरप्राइजेज को बोर्ड सेबी से कई बार कह चुका है कि बर्मन परिवार अधिग्रहण के लिए उपयुक्त नहीं है। उसका कहना है कि बीमा, ऋण एवं ब्रोकिंग कारोबार के महत्त्वपूर्ण लाइसेंस वाली किसी वित्तीय कंपनी का प्रवर्तक बनने के लिए बर्मन परिवार सही नहीं है।

इस बीच बर्मन परिवार भी इस शिकायत के साथ सेबी के पास पहुंच गया कि रेलिगेयर एंटरप्राइजेज का प्रबंधन बिल्कुल भी मदद नहीं कर रहा है। उसका आरोप था कि नियामकीय मंजूरी हासिल करने और ओपन ऑफर पूरा करने के लिए जरूरी जानकारी देने के उसके प्रयासों में प्रबंधन रुकावट बन गया है।

सेबी ने 31 मई 2024 को रेलिगेयर एंटरप्राइजेज को सलाह दी कि उसे रिजर्व बैंक, आईआरडीएआई और सेबी से जरूरी मंजूरी हासिल करने के लिए आवेदन करना चाहिए। सेबी की चिट्ठी के जवाब में रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के स्वतंत्र निदेशकों की समिति इस सलाह को अनावश्यक, अधिकार क्षेत्र से बाहर और नियामक द्वारा दायरे से बाहर जाना बताया।

सेबी ने कहा कि ओपन ऑफर के आवेदन पर विचार करते समय हरेक नियामक पात्रता के पैमानों और रेलिगेयर के आरोपों को नजर में रखेगा। सेबी ने कहा कि बार-बार मांगे जाने के बाद भी रेलिगेयर ने पैमाने पूरे नहीं करने के अपने आरोप के पक्ष में कोई प्रमाण पेश नहीं किया।

इस बीच सेबी ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज, सलूजा और 5 अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि एलओडीआर नियमों में से नियम 4(2)(एफ) के कथित उल्लंघन के लिए क्यों न उन्हें शेयर बाजार से बाहर कर दिया जाए। नियामकीय सूत्रों ने बताया कि सलूजा पर प्रस्तावित अ​धिग्रहण की घोषणा से पहले भेदिया कारोबार करने के भी आरोप हैं, जिनकी जांच चल रही है।

First Published : June 20, 2024 | 9:30 PM IST