पिछले कुछ समय में म्युचुअल फंडों ने कई नए इक्विटी म्युचुअल फंड पेश किए हैं, जिसके कारण जून में नए फंड पेशकश (एनएफओ) के जरिये अब तक की सबसे ज्यादा रकम जुटा ली गई। पिछले महीने 11 इक्विटी एनएफओ आए, जिनसे कुल 14,370 करोड़ रुपये जुटाए गए।
इससे पहले एनएफओ में सबसे ज्यादा निवेश वाला महीना जुलाई, 2011 था। उस महीने चार एनएफओ से 13,709 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। इनमें से 9,808 करोड़ रुपये तो अकेले आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ के फ्लेक्सी एनएफओ में ही आए थे।
विशेषज्ञों के अनुसार नए एनएफओ की पेशकश और उनमें आने वाली रकम में तेजी उम्मीद के मुताबिक ही रही। उनका कहना है कि इक्विटी फंड आम तौर पर तब जारी किए जाते हैं, जब बाजार में तेजी होती है। पिछले 5 साल में जून पहला महीना है जब 10 से ज्यादा एक्टिव इक्विटी फंडों ने अपनी ऑफर अवधि पूरी की।
इस दौरान थीम पर आधारित एनएफओ में इजाफा हुआ है, जो म्युचुअल फंड में सबसे ज्यादा जोखिम वाली श्रेणी मानी जाती है। इसी वजह से उद्योग के कुछ लोग सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं। पीपीएफएस म्युचुअल फंड के चेयरमैन और सीईओ नील पारिख ने गुरुवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘गजब.. इतने सारे नए एनएफओ खास तौर पर थीमैटिक फंड थोड़ा डराते हैं.. जरा संभलकर दोस्तों।’
वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार भी ऐसा ही सोचते हैं। उन्होंने कहा, ‘फंड कंपनियों के लिए पुरानी योजनाओं के बजाय नए फंड ऑफर पैसा जुटाने का आसान रास्ता होते हैं क्योंकि एनएफओ में निवेश करने वालों के पास पिछले कुछ समय का प्रदर्शन देखने का मौका नहीं होता। इसलिए जब शेयर बाजार चढ़त पर होता है तो एनएफओ की संख्या भी बढ़ जाती है। निवेशकों को इनमें रकम लगाने से पहले अच्छी तरह खुर्दबीन कर लेनी चाहिए क्योंकि नए ऑफर अक्सर बहुत जोखिम वाली थीमों पर आधारित होते हैं।’
पिछले एक महीने में ऐक्टिव और पैसिव दोनों इक्विटी क्षेत्रों में एनएफओ की आवक बढ़ी है क्योंकि चुनाव का दौर खत्म हो चुका है और बाजार में तेजी का सिलसिला बना हुआ है। जून की शुरुआत से म्युचुअल फंडों ने ऐक्टिव इक्विटी और पैसिव सेगमेंट में 29 नए उत्पाद उतारे हैं। आंकड़ा इससे पहले के 5 महीनों में आए कुल एनएफओ का करीब 50 फीसदी है।
सात ऐक्टिव और पैसिव इक्विटी एनएफओ तो अब भी खरीदारी के लिए खुले हैं। ऐक्टिव इक्विटी एनएफओ में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ का एनर्जी ऑपर्च्यूनिटी फंड, फ्रैंकलिन टेंपलटन एमएफ का मल्टीकैप एनएफओ और एडलवाइस एमएफ का बिजनेस साइकल फंड शामिल हैं।
एडलवाइस ऐसेट मैनेजमेंट की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी राधिका गुप्ता ने कहा, ‘स्कीम पेश करते समय फंड कंपनियां पक्का कर लेती हैं कि उस श्रेणी या थीम की ज्यादा योजनाएं बाजार में नहीं हों। उदाहरण के लिए हमारा टेक फंड साल की शुरुआत में आया था और स्मॉलकैप 2019 में तथा यूएस टेक फंड कोविड के दौरान आया था।’
म्युचुअल फंड इस साल जून तक 30 ऐक्टिव इक्विटी योजनाएं ला चुके हैं, जबकि पिछले पूरे साल में केवल 51 योजनाएं आई थीं। मगर ऐक्टिव इक्विटी योजनाओं से पैसे जुटाने के मामले में 2024 पहले ही पिछले साल को पीछे छोड़ चुका है। इस जून तक इनसे 37,885 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं, जबकि 2023 में कुल 36,657 करोड़ रुपये ही आए थे। 2022 में 27 योजनाओं से 29,586 करोड़ रुपये जुटाए थे।
इक्विटी योजनाओं में पहले ही अच्छा खासा निवेश आ रहा था मगर एनएफओ के कारण हाल के महीनों में यह और भी बढ़ गया है। मई में इक्विटी म्युचुअल फंड योजनाओं में रिकॉर्ड 34,697 करोड़ रुपये आए, जिनमें 9,563 करोड़ रुपये एनएफओ के जरिये ही आए। जून में निवेश बढ़कर 40,608 करोड़ रुपये हो गया।