प्रतीकात्मक तस्वीर
भारत के रियल्टी क्षेत्र में वित्त वर्ष 2025 में भी निजी इक्विटी (पीई) निवेश में नरमी बरकरार है। एनारॉक की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच निवेशकों की प्राथमिकताएं बदल रही हैं। उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2021 में निवेश उच्चतम स्तर 6.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया था जो वित्त वर्ष 2025 में घटकर 3.7 अरब डॉलर रह गया। इन पांच वर्षों के दौरान निवेश में करीब 43 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2024 में निवेश 3.8 अरब डॉलर था। सौदों की संख्या में भी भारी गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2024 में 51 सौदों के मुकाबले बीते वित्त वर्ष 2025 में 39 सौदे ही हुए। नतीजतन, सौदों का औसत आकार 7.5 करोड़ डॉलर से बढ़कर 9.4 करोड़ डॉलर हो गया।
एनारॉक कैपिटल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी शोभित अग्रवाल ने कहा, ‘बीते पांच वर्षों में पीई निवेश में लगातार गिरावट आ रही है। यह वित्त वर्ष 2021 के 6.4 अरब डॉलर के मुकाबले वित्त वर्ष 2025 में घटकर 3.7 अरब डॉलर रह गया है जो वित्त वर्ष 2021 के मुकाबले 43 फीसदी की गिरावट है। इसकी वजह मुख्य तौर पर वैश्विक वृहद आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक अस्थिरता के बीच विदेशी निवेशकों की कम गतिविधियां हैं।’
रियल एस्टेट कंपनी मैक्रोटेक डेवलपर्स लिमिटेड की पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में बिक्री बुकिंग में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह रिकॉर्ड 4,810 करोड़ रुपये रही है। इसका मुख्य कारण घरों की मजबूत मांग है, जिससे कंपनी को अपने वार्षिक बिक्री पूर्व लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिली।
एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी की बिक्री बुकिंग 4,230 करोड़ रुपये थी। एक नियामकीय सूचना में मुंबई स्थित मैक्रोटेक डेवलपर्स ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की बिक्री बुकिंग 21 प्रतिशत बढ़कर 17,630 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले वर्ष में 14,520 करोड़ रुपये थी।