पिछले कुछ हफ्तों में मुख्य सूचकांक अपने हालिया शिखर से 10 फीसदी से अधिक नीचे आए हैं। बाटलीवाला ऐंड करणी ग्रुप के प्रबंध निदेशक साहिल मुरारका ने पुनीत वाधवा को बातचीत में बताया कि जब बाजार ऊंचाई पर हो तो निवेश करना गलत रणनीति नहीं हो सकती है, बशर्ते निवेशक रकम लगाए रखें और लागत-औसत तकनीक अपनाएं। मुख्य अंश…
रिसर्च हाउस के रूप में आपकी स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट में विशेषज्ञता है। हाल की बाजार गिरावट में इन दोनों सेगमेंट पर सबसे ज्यादा असर हुआ है। इस पर आपकी राय?
स्मॉल व मिडकैप सेगमेंट के साथ काम करते समय निवेशकों को यह मानना चाहिए कि इनमें रिटर्न कभी घटेगा और कभी घटेगा। लार्जकैप सेगमेंट के उलट (जो प्रदर्शन में ज्यादा स्थिरता दिखाते हैं) हमने हमेशा ही इन दो सेगमेंट में तेज उछाल देखी हैं जिससे रिटर्न बढ़ा रहा है।
पिछले पांच वर्षों में स्मॉल और मिडकैप के लिए अधिकांश रिटर्न 2020 और 2022 के बीच सृजित हुए। इसके बाद 2023-24 में वृद्धि की छोटी अवधि आई। 2020 के बाद स्मॉल और मिडकैप में देखी गई जोरदार तेजी इस तथ्य को झुठलाती है कि स्मॉल व मिडकैप सेगमेंट ने 2020 से पहले की पांच साल की अवधि में सपाट से लेकर नकारात्मक रिटर्न दिया। यह पूरा विश्लेषण सूचकांक स्तर पर है। इस तरह की तेजी से सेगमेंट के अधिकांश शेयरों में बढ़ोतरी होती है, भले ही अंतर्निहित वृद्धि की कहानी या बिजनेस मॉडल न हो।
मंदी के दौरान ही गुणवत्ता वाले शेयरों का वजूद रहता है और वे फलते-फूलते हैं। ऐसे उतार-चढ़ाव से निपटने में सक्षम होने के लिए गुणवत्ता पर ध्यान देना समझदारी है। स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट के भीतर उपलब्ध मौकों पर शोध एक मजबूत बॉटम-अप दृष्टिकोण के जरिये बेहतर तरीके से किया जाता है। लिहाजा, स्मॉल व मिडकैप सेगमेंट के भीतर अच्छे कारोबारों में हमेशा दीर्घकालिक चक्रवृद्धि के रूप में बढ़ने की क्षमता होगी।
क्या खुदरा निवेशकों के बीच अब भरोसे का संकट है?
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लानों की संख्या खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी का व्यापक पैमाना हो सकती हैष लेकिन हमें चीजों को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए। एकमुश्त म्युचुअल फंड (एमएफ) निवेश, प्रत्यक्ष इक्विटी निवेश, बीमा, वैकल्पिक निवेश फंड और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) से जो सकारात्मक नकदी प्रवाह हम देख रहे हैं, वह एक मजबूत निवेश इच्छा को दर्शाता है। जब बाजार ऊंचाई पर हो तो निवेश करना गलत नहीं हो सकता है, बशर्ते निवेशक बने रहें और लागत-औसत तकनीक अपनाएं।
बाजार में इंतजार के बजाय ‘बाजार में उतरने का समय’ वास्तव में मायने रखता है। हमारे ग्राहकों से बातचीत से पता चलता है कि गिरावट के दौरान स्मार्ट रिटेल मनी बाजार में आ रहा है।
क्या आपको लगता है कि अगले 10 वर्षों में पारंपरिक ब्रोकरेज का काम खत्म हो जाएगा क्योंकि सलाह पर होने वाले शेयर निवेश के बजाय डेरिवेटिव कारोबार में तेजी आएगी?
नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता। हालांकि डेरिवेटिव कारोबार बाजार प्रेमी निवेशकों के एक छोटे वर्ग की जरूरत पूरी कर सकता है। लेकिन समृद्ध वर्ग का एक बहुत बड़ा हिस्सा है जो सलाह-आधारित निवेश सेवाओं की पेशकश करने के लिए शानदार अवसरों की पेशकश करता है।
ट्रेडिंग और निवेश में भी अंतर है। बुनियादी व्यवसायों में निवेश करने के इच्छुक ग्राहक के लिए हमेशा शोध-आधारित निवेश की जरूरत रहेगी। इसके विपरीत, भागीदारी में इजाफे से बढ़ता ट्रेडिंग वॉल्यूम बाजार में नकदी और व्यापकता में वृद्धि होगी।
ब्रोकिंग और पीएमएस उद्योग में जरूरत से ज्यादा निवेशक कब हो जाएंगे?
भारत में बचत का वित्तीयकरण अभी शुरू ही हुआ है। फंडों में खुदरा और पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों की भागीदारी हाल के वर्षों में बढ़ रही है जो अभी भी कुल आबादी का केवल 3 फीसदी ही है। कुल आबादी के लगभग 14.3 फीसदी के पास डीमैट खाते हैं। यह वैश्विक आंकड़ों की तुलना में एक छोटी संख्या है।
हम एक तेजी से बढ़ते समृद्ध निवेशक वर्ग को भी देखते हैं जो बाजार को लेकर उत्साहित है और जिसे अलग-अलग निवेश आइडिया चाहता है। यह मांग पीएमएस पेशकशों में वृद्धि के बारे में बताती है। इसलिए इन खंडों को भीड़ बढ़ने से पहले लंबा रास्ता तय करना है।
भारतीय ब्रोकिंग उद्योग में अगली बड़ी उथलपुथल कहां से आएगी और कितनी जल्दी?
भारतीय ब्रोकिंग उद्योग पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुआ है। उसने नियमों में बड़े बदलावों, नए योजनाओं, प्लेटफार्मों और प्रौद्योगिकी का आगाज देखा है, जिससे काफी उथल-पुथल हुई है। प्रौद्योगिकी के मामले में उन्नत रहने से किसी भी तरह की बाधा से आसानी से निपटने में अत्यधिक लचीलापन मिलता है।
जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक ऐसी ही उथल-पुथलकारी संभावित घटना है। हालांकि हमारा अनुभव है कि एआई उत्पादकता बढ़ाने में अधिक सक्षम हो सकता है।
आप पोर्टफोलियो प्रबंधन में प्रौद्योगिकी/एआई का किस हद तक उपयोग कर रहे हैं?
एआई ग्राहकों के साथ सार्थक रूप से जुड़ने और वैज्ञानिक प्रक्रियाओं और निगरानी के माध्यम से उनके अनुकूल निवेश योजनाएं प्रदान करने का मौका देता है। हम एआई को निर्णय लेने, निगरानी और डेटा विश्लेषण की सटीकता और दक्षता बढ़ाने के लिए एक मजबूत साधन के रूप में देखते हैं, जो प्रबंधन की दृष्टि और उत्साह को कार्रवाई योग्य योजनाओं में तब्दील करने के बजाय प्रबंधन की आवश्यकताओं के प्रभावी निष्पादन में मददगार है।