facebookmetapixel
SEBI कानूनों में दशकों बाद बड़ा बदलाव: लोकसभा में पेश हुआ सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल 2025‘नो PUC नो फ्यूल’ नियम से पहले दिल्ली में अफरा-तफरी, 24 घंटे में 31 हजार से ज्यादा PUC सर्टिफिकेट जारीSBI, PNB, केनरा से लेकर IOB तक ने लोन की दरों में कटौती की: आपके लिए इसका क्या मतलब है?Ola-Uber की बढ़ी टेंशन! दिल्ली में लॉन्च हो रही Bharat Taxi, ₹30 में 4 किमी का सफरExplainer: ओमान के साथ भी मुक्त व्यापार समझौता, अबतक 17 करार; भारत FTA पर क्यों दे रहा है जोर?खत्म नहीं हो रही इंडिगो की समस्या! अब CCI ने शिकायत पर उड़ानों में रुकावट को लेकर शुरू की जांचIndia-Oman FTA: भारत और ओमान के बीच मुक्त व्यापार समझौता, 98% भारतीय निर्यात को ड्यूटी-फ्री पहुंचबिहार में ग्रीन एनर्जी में ₹13,000 करोड़ का बड़ा निवेश, BSPGCL ने ग्रीनको एनर्जीज के साथ किया करारटैक्स डिपार्टमेंट ने ईमेल कर बड़े ट्रांजेक्शन और प्रॉपर्टी डील पर संदेह जताया है? जानें ऐसी स्थिति में क्या करेंचीन चुपचाप बना रहा दुनिया की सबसे ताकतवर चिप मशीन, जानिए अंदर की कहानी

ओमीक्रोन और फेड की चिंता से लुढ़का बाजार

Last Updated- December 11, 2022 | 11:06 PM IST

नया कोरोनावायरस ओमीक्रोन फैलने की चिंता और फेडरल रिजर्व के सतर्क रुख ने आज शेयर बाजार को फिर लुढ़का दिया। बेंचमार्क सेंसेक्स 765 अंक लुढ़ककर 57,696 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 205 अंक के नुकसान के साथ 17,196 पर बंद हुआ। गिरावट के बावजूद शेयर बाजार तीन हफ्ते में पहली बार इस हफ्ते करीब एक फीसदी बढ़त पर बंद हुआ।
इस हफ्ते बेहतर आर्थिक आंकड़ों से उत्साहित बाजार में खासी तेजी आई थी। लेकिन कोरोनावायरस के नए स्वरूप की चिंता और उच्च स्तर पर बिकवाली से बाजार में गिरावट आ गई। विशेषज्ञों ने कहा कि गुरुवार को कर्नाटक में ओमीक्रोन का मामला सामने आने के बाद निवेशकों का मनोबल थोड़ा कमजोर पड़ा है। ओमीक्रोन 25 देशों में फैल चुका है और खबरों के मुताबिक यह काफी संक्रामक है। दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण के अध्ययन के अनुसार कोरोनावायरस की पहले की किस्मों के मुकाबले ओमीक्रोन से संक्रमण आगे फैलने की आशंका तीन गुना अधिक है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्टï ने कहा, ‘आगे ओमीक्रोन के घटनाक्रम का बाजार पर असर पड़ेगा। अगर ओमीक्रोन के मामले बढ़ते हैं तो धारणा प्रभावित हो सकती है। अभी तक के हालात से पता चला है कि यह ज्यादा गंभीर नहीं है और इसके प्रसार को काबू में किया जा सकता है।’
मुद्रास्फीति के मद्देनजर फेडरल रिजर्व का सतर्क रुख भी निवेशकों को परेशान कर रहा है। निवेशकों को चिंता है कि फेडरल रिजर्व बॉन्ड खरीद कार्यक्रम तेजी से घटा सकता है और ब्याज दरों में उम्मीद से पहले इजाफा कर सकता है। फेड के प्रमुख जेरोम पॉवेल भी बढ़ती मुद्रास्फीति पर चिंता जता चुके हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग में उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘कोविड के नए स्वरूप की खबरों से दुनिया भर के बाजारों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है और निकट अवधि में इससे राहत मिलने की उम्मीद कम ही है। बाजार के प्रतिभागियों के पास अपनी पोजिशन को अनुकूल बनाने और हेज करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। निवेशकों को इस उतार-चढ़ाव से चिंतित होने की जरूरत नहीं है और गिरावट में समय-समय पर अच्छे शेयरों को खरीदना चाहिए।’ अमेरिका में बेरोजगारी का आंकड़ा कम हुआ है, जिससे रोजगार बाजार में सुधार का संकेत मिलता है। विश्लेषकों का कहना है कि रोजगार के ताजा आंकड़े फेड को बॉन्ड खरीद घटाने पर निर्णय लेने में और स्पष्टïता प्रदान करेंगे। विदेशी निवेशक इन दिनों खूब बिकवाली कर रहे हैं। इस महीने उन्होंने 8,300 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में रिटेल शोध प्रमुख सिद्घार्थ खेमका ने कहा, ‘ओमीक्रोन और फेड की अनिश्चितता के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। लेकिन गिरावट से शेयरों का मूल्यांकन सहज स्तर पर भी आ सकता है।’

First Published - December 3, 2021 | 11:18 PM IST

संबंधित पोस्ट