प्रतीकात्मक तस्वीर
अपने होटल कारोबार को अलग करने के आईटीसी (ITC) के कदम का पैसिव फंडों व एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों के लिए वैसे ही निहितार्थ होंगे, जैसा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) से जियो फाइनैंशियल (Jio Financials) को अलग करने के दौरान देखा गया था। आईटीसी अभी निफ्टी (Nifty) व सेंसेक्स (Sensex) जैसे लोकप्रिय सूचकांकों का हिस्सा है और कई इंडेक्स फंडों व ईटीएफ फंडों ने इसमें निवेश किया हुआ है। पहले, विलय की कवायद के दौरान कंपनी को इंडेक्स से बाहर कर दिया जाता था। इससे पैसिव फंडों के लिए अनावश्यक तौर पर रकम को इधर-उधर करना होता था।
वैश्विक चलन के मुताबिक, देसी इंडेक्स प्रदाताओं ने नया चलन शुरू किया, जिसके तहत अलग की हुई इकाई को तीन दिन तक इंडेक्स में बरकरार रखा गया ताकि पैसिव फंड बिकवाली में सक्षम हो सके। मौजूदा चलन के तहत आईटीसी होटल्स (ITC Hotels) सूचीबद्धता तक एनएसई (NSE) व बीएसई (BSE) सूचकांकों मसलन निफ्टी-50 और सेंसेक्स का हिस्सा बनी रहेगी। इस शेयर को ट्रेडिंग शुरू होने के तीन दिन बाद सूचकांक से निकाला जाएगा।
हालांकि एक्सचेंज इस शेयर को बाहर निकालने में देर सकता है, अगर शेयर में लगातार सर्किट लग रहा हो। अगस्त 2023 की पिछली घटनाओं के दौरान जियो फाइनैंशियल के शेयर ने सूचीबद्धता के बाद लगातार पांच कारोबारी सत्रों में लोअर सर्किट को छुआ क्योंकि पैसिव फंडों ने अपने निवेश की बिकवाली शुरू कर दी थी। इस वजह से इस शेयर को सूचकांकों से बाहर निकालने का काम टालना पड़ा था।
Nuvama Alternative and Quantitative Research Report के मुताबिक, आईटीसी होटल्स को आखिरी ट्रेडिंग कीमत पर एनएसई व बीएसई के सभी सूचकांकों से बाहर निकाला जाएगा, जो आईटीसी होटल्स की लिस्टिंग की तारीख व 3 कारोबारी दिवस में प्रभावी होगा। अगर यह शेयर सर्किट की सीमा को छूता है तो हर बार दो कारोबारी दिवस के लिए इसे टाल दिया जाएगा।
पिछली बार अहम कारोबारों को अलग करने की समयसारणी पर नजर डालें तो सूचीबद्धता में करीब एक महीने लग सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, सूचीबद्धता तक शेयर की कीमत स्थिर बनी रहेगी। कीमत की गणना 3 जनवरी, 2025 को आईटीसी के आखिरी बंद भाव और 6 जनवरी को स्पेशल प्री-ओपन सेशन के दौरान आईटीसी की डिस्कवर्ड पाइस के अंतर के आधार पर होगी।
पिछले उदाहरणों को देखते हुए ब्रोकरेज को उम्मीद है कि सूचीबद्धता में कुछ हफ्ते लगेंगे। जियो फाइनैंशियल को करीब 33 दिन लगे थे। नुवामा के मुताबिक, आईटीसी होटल्स (ITC Hotels) की शुरुआती बाजार कीमत 150-175 रुपये प्रति शेयर के बीच हो सकती है। आईटीसी होटल्स घरेलू सूचकांकों से बाहर निकलने के लिए हालांकि तैयार है, लेकिन कंपनी को एमएससीआई ग्लोबल स्मॉलकैप इंडेक्स में जगह मिल सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटीसी एमएससीआई मानक सूचकांक का हिस्सा बनी रहेगी। एफटीएसई सूचकांक के मामले में अनिश्चितता है।
नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है, मौजूदा पद्धति के अनुसार अगर स्टॉक (आईटीसी होटल्स) डीमर्जर की रिकॉर्ड तिथि के बाद 20 कार्यदिवसों के भीतर सूचीबद्ध नहीं होता है तो उसे बाहर कर दिया जाएगा। मेरी सामान्य समझ के आधार पर आईटीसी होटलों को बाहर नहीं किया जाना चाहिए। डीमर्जर आज प्रभावी हो गया। डीमर्जर के बाद आईटीसी होटल्स सीधे तौर पर आईटीसी के शेयरधारकों को इस तरह शेयर जारी करेगी कि 60 फीसदी हिस्सेदारी सीधे तौर पर शेयरधारकों के पास हो और बाकी 40 फीसदी आईटीसी के पास। आईटीसी के किन शेयरधारकों को आईटीसी होटल्स के शेयर आवंटित होंगे, यह तय करने के लिए 6 जनवरी, 2025 की रिकॉर्ड तारीख तय की गई है।