म्युचुअल फंड

मिडकैप फंड: अच्छे मूल्यांकन और दमदार आय वृद्धि की संभावनाओं के साथ करें निवेश

एम्फी के अनुसार, अगस्त 2025 के दौरान मिडकैप फंड में 5,330 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज किया गया जो किसी एक महीने का अब तक का सर्वाधिक निवेश है

Published by
सर्वजीत के सेन   
Last Updated- October 02, 2025 | 11:09 PM IST

इक्विटी बाजार की मिडकैप श्रेणी अक्सर निवेशकों का ध्यान आकर्षित करती रहती है। म्युचुअल फंडों के संगठन एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के अनुसार, अगस्त 2025 के दौरान मिडकैप फंड में 5,330 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज किया गया जो किसी एक महीने का अब तक का सर्वाधिक निवेश है।

मिरे ऐसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) के वरिष्ठ फंड मैनेजर अंकित जैन ने कहा, ‘पिछले 4-5 वर्षों के दौरान मिडकैप फंड में निवेश इक्विटी में शुद्ध निवेश का 8 से 9 फीसदी पर बरकरार रहा है। अगस्त में यह करीब 11 फीसदी था। इससे स्पष्ट तौर पर पता चलता है कि इस श्रेणी में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और उनका नजरिया परिपक्व हुआ है जहां मध्यावधि में मजबूत आय वृद्धि की क्षमता है।’

मिडकैप योजनाएं अपनी कुल निधि का कम से कम 65 फीसदी रकम उन कंपनियों में निवेश करती हैं जिनकी रैंकिंग बाजार पूंजीकरण के लिहाज से 101 से 250 के बीच है। 31 अगस्त, 2025 तक कुल 67 मिडकैप योजनाओं ने 4.44 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का प्रबंधन किया।

लंबी अवधि में फायदेमंद

बाजार में अनिश्चितता के दौरान काफी अधिक निवेश अतार्किक लग सकता है, लेकिन यह निवेशकों की परिपक्वता और सोच समझकर जोखिम उठाने की इच्छा को दर्शाता है।

वृद्धि की क्षमता

अर्थव्यवस्था का विस्तार होने के साथ ही कई मिडकैप फर्म दमदार बहीखाते एवं मजबूत आय वाली बड़ी कंपनी के रूप में विकसित होती हैं। अपने क्षेत्र की कई अग्रणी कंपनियां इसी श्रेणी से आती हैं।

मूल्यांकन के साथ सहजता

बाजार में हालिया गिरावट ने मूल्यांकन को निवेश के लिए काफी बेहतर स्तर पर ला दिया है। जैन ने कहा, ‘पिछले एक साल के गिरावट के कारण मूल्यांकन काफी आकर्षक हो चुका है। वह सितंबर 2024 में प्राइस-टू-अर्निंग (पी/ई) के करीब 35 गुना से अब 28 गुना रह गया है जो ऐतिहासिक औसत से करीब 15 फीसदी अधिक है। यह भविष्य में आय वृद्धि की क्षमता के लिहाज से बिल्कुल उचित है।’

उतार-चढ़ाव का जोखिम

बाजार में गिरावट के दौरान मिडकैप श्रेणी में लार्जकैप के मुकाबले तेज गिरावट आती है। धवन ने कहा, ‘इसमें गिरते बाजार में भारी गिरावट का जोखिम रहता है। ऐतिहासिक तौर पर देखा जाए तो बाजार में गिरावट के दौरान इसमें 40 से 50 फीसदी तक की गिरावट दिख सकती है। घरेलू सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में निवेश प्रवाह दमदार रहने और बेहतर स्थिरता की संभावना रहती है।

जोखिम लेने वालों के लिए उपयुक्त

मिडकैप फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं जिनकी जोखिम लेने की क्षमता अधिक है और जो लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं। धवन ने कहा, ‘कम अधिक के लिए निवेश करने वालों अथवा उतार-चढ़ाव के प्रति कम सहनशीलता लोगों को मिडकैप फंड से बचना चाहिए। आदर्श तौर पर इसमें कम से कम 10 वर्षों के लिए निवेश की सलाह दी जाती है। एक खास इक्विटी पोर्टफोलियो के तहत मिडकैप में करीब 20 फीसदी आवंटन हो सकता है, जहां आक्रामक निवेशक मूल्यांकन कम होने पर 40 फीसदी तक निवेश कर सकते हैं।’

First Published : October 2, 2025 | 11:06 PM IST