म्युचुअल फंड

Jio BlackRock क्या लो कॉस्ट स्ट्रैटेजी के सहारे म्युचुअल फंड सेक्टर में करेगी बड़ा खेल?

यह ज्वाइंट वेंचर अपने व्यापक डिजिटल नेटवर्क का इस्तेमाल करके उन पारंपरिक डिस्ट्रीब्यूटर्स को दरकिनार करने की तैयारी में है जिन पर अभी तक बाकी इंडस्ट्री निर्भर रही है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- July 08, 2025 | 4:09 PM IST

जियो ब्लैकरॉक (Jio BlackRock) म्युचुअल फंड बाजार में हलचल मचाने की तैयारी में हैं। भारत में इस साल के अंत तक यह AMC करीब एक दर्जन इक्विटी और डेट फंड लॉन्च करने की योजना बना रही है। यह फंड छोटे निवेशकों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए जाएंगे और लागत कम रखने के लिए पारंपरिक डिस्ट्रीब्यूटर्स के बजाय सीधे निवेशकों तक पहुंचने की स्ट्रैटेजी अपनाई जाएगी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने तीन सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी।

Jio BlackRock लो कॉस्ट स्ट्रैटेजी अपनाएगा

अरबपति मुकेश अंबानी की जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) और ब्लैकरॉक (BlackRock) के इस ज्वाइंट वेंचर की भारत के 72.2 लाख करोड़ रुपये के फंड बाजार में एंट्री एक ऐसे बिजनेस मॉडल के साथ हो रही है जो इस सेक्टर में हलचल मचा सकता है। यह ज्वाइंट वेंचर अपने व्यापक डिजिटल नेटवर्क का इस्तेमाल करके उन पारंपरिक डिस्ट्रीब्यूटर्स को दरकिनार करने की तैयारी में है जिन पर अभी तक बाकी इंडस्ट्री निर्भर रही है।

जियो ब्लैकरॉक, भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम नेटवर्क कंपनी जियो (Jio) और ब्लैकरॉक के इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म ‘अलादीन’ (Aladdin) का उपयोग करके एक भीड़भाड़ वाले बाजार में अलग तरह के प्रोडक्ट पेश करने की योजना बना रहा है। रॉयटर्स को यह जानकारी तीन में से दो सूत्रों ने दी है।

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Jio BlackRock लॉन्च करेगा 8 नए फंड

सूत्रों के मुताबिक, एसेट मैनेजर ने बाजार नियामक के पास आठ नए फंड लॉन्च करने के लिए आवेदन किया है। ये फंड पिछले महीने लॉन्च किए गए तीन फंडों के अतिरिक्त होंगे। दोनों सूत्रों ने बताया कि इन फंडों में न्यूनतम 500 रुपये से निवेश किया जा सकेगा।

जियो ब्लैकरॉक ने सोमवार को बताया कि उसने तीन नई डेट म्युचुअल फंड योजनाओं — ओवरनाइट, लिक्विड और मनी मार्केट — के जरिए 17,800 करोड़ रुपये जुटाया है। इन फंडों में अब तक 90 संस्थागत निवेशक (institutional investors) और 67,000 रिटेल निवेशक (retail investors) पैसा लगा चुके हैं।

कम खर्च, डायरेक्ट मॉडल पर फोकस

सूत्रों में से एक ने बताया कि जियो ब्लैकरॉक के फंड्स में योजनाओं से जुड़ी औसत लागत इंडस्ट्री के औसत के मुकाबले कम होगी, हालांकि उन्होंने इसका सटीक स्तर बताने से इनकार कर दिया। इस सूत्र ने कहा, “डायरेक्ट-ओनली मॉडल अपनाकर जियो ब्लैकरॉक डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट को पूरी तरह खत्म करने की योजना में है।”

जियो ब्लैकरॉक ने रॉयटर्स की फंड लॉन्च और प्राइसिंग स्ट्रैटेजी से जुड़ी पूछताछ पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जो अब तक सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई थी। जियो ब्लैकरॉक ने रॉयटर्स के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। ये सवाल फंड लॉन्च और प्राइसिंग स्ट्रैटेजी से जुड़े थे।

वर्तमान में डिस्ट्रीब्यूशन चैनल के जरिए पेश किए जाने वाले एक्टिव फंड्स का औसत टोटल एक्सपेंस रेश्यो करीब 1.78% होता है। ये फंड अधिकतम 2.5% तक शुल्क वसूल सकते हैं। वहीं, डायरेक्ट फंड्स में आमतौर पर लागत 0.5% से 0.6% तक कम हो जाती है।

सूत्रों ने बताया कि जियो ब्लैकरॉक डिस्ट्रीब्यूटर्स के प्रचलित चैनल को दरकिनार करते हुए अपने फंड सीधे संस्थागत और खुदरा निवेशकों को उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। इससे फंड्स से जुड़ी फीस या एक्सपेंस रेश्यो में कमी आएगी।

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Jio की डिजिटल पहुंच का फायदा उठाने की कोशिश

अंबानी की टेलीकॉम कंपनी जियो अपने आक्रामक प्राइसिंग और व्यापक पहुंच के जरिए बाजार में बदलाव लाने के लिए जानी जाती है। 2016 में लॉन्च हुई जियो, जो आज भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है, ने मोबाइल फोन और वॉयस-डेटा पैक्स बेहद कम दामों पर उपलब्ध कराकर इंडस्ट्री में बड़ा उलटफेर किया था।

जियो के पास फिलहाल 47.5 करोड़ ग्राहक हैं। मामले से परिचित एक अन्य सूत्र ने बताया कि जियो ब्लैकरॉक अपने पार्टनर जियो की मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन पहुंच का इस्तेमाल करेगा और MyJio और Jio Finance जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद 80 लाख एक्टिव फाइनेंशियल यूजर्स को टारगेट करेगा।

ब्लैकरॉक दुनिया का सबसे बड़ा फंड मैनेजर

ब्लैकरॉक दुनिया का सबसे बड़ा फंड मैनेजर है। दिसंबर 2024 तक, उसके पास 11.6 लाख करोड़ डॉलर की एसेट्स थी। ब्लैकरॉक अपने पैसिव फंड्स के लिए जाना जाता है, जो पहले से मौजूद इंडेक्स को फॉलो करते हैं। कंपनी 7.8 लाख करोड़ डॉलर की राशि एक्सचेंज ट्रेडेड और इंडेक्स फंड्स के जरिए मैनेज करती है।

हालांकि, जियो ब्लैकरॉक भारत में एक्टिव और पैसिव, दोनों तरह के फंड्स का मिश्रण पेश करने की योजना में है, जहां अभी भी एक्टिव फंड्स का दबदबा है।

पहले सूत्र ने कहा, “भारत में पैसिव फंड्स हर साल तेजी से बढ़ रहे हैं और ब्लैकरॉक के पास इस सेगमेंट को और मजबूत करने की अच्छी संभावनाएं हैं।”

मई तक भारत में पैसिव फंड्स की हिस्सेदारी 12.11 लाख करोड़ रुपये रही, जो कुल एसेट्स का 16.78% है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 25% की वृद्धि को दर्शाता है।

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क्या दिखेगा ‘अलादीन’ का जादू?

पहले सूत्र ने बताया कि फंड हाउस ‘अलादीन’ (Aladdin) नामक इनवेस्टमेंट और रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग करेगा, ताकि लगातार बेहतर रिटर्न दिए जा सकें।

अलादीन एक एंड-टू-एंड इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट सिस्टम है, जो सभी एनालिटिक्स को एक ही जगह इकट्ठा करता है ताकि पोर्टफोलियो मैनेजर बेहतर निवेश फैसले ले सकें। पहले सूत्र ने आगे कहा, “अलादीन के जरूरी हिस्से जियो ब्लैकरॉक के निवेशकों को भी उपलब्ध कराए जाएंगे।”

First Published : July 8, 2025 | 4:04 PM IST