म्युचुअल फंड

जून में इक्विटी म्युचुअल फंड्ल में निवेश 24% बढ़ा, SIP और गोल्ड ETF इनफ्लो रिकॉर्ड स्तर पर

बाजार धारणा में सुधार के बावजूद एकमुश्त निवेश में नरमी बनी हुई है। 2025 में एसआईपी निवेश का इक्विटी म्युचुअल फंड निवेश में प्रमुख योगदान रहा है।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- July 09, 2025 | 9:19 PM IST

इ​क्विटी म्युचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं में शुद्ध निवेश जून में मासिक आधार पर 24 फीसदी बढ़कर 23,587 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसके साथ ही पांच महीने से जारी गिरावट का सिलसिला थम गया है। शुद्ध निवेश में यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से शेयर बाजारों में तेजी के बीच निकासी में कमी की वजह से हुई है। विश्लेषकों के अनुसार इक्विटी म्युचुअल फंड निवेश में वृद्धि से निवेशकों के इक्विटी में बढ़ते भरोसे का पता चलता है।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में एसोसिएट निदेशक-शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘यह निवेश सुधरती बाजार धारणा, हाल की गिरावट के बाद आकर्षक मूल्यांकन और अन्य परिसंपत्ति वर्गों में कमजोर रिटर्न के बीच पोर्टफोलियो में इक्विटी फिर से बढ़ाए जाने के कारण हुआ।’ ऐ​क्टिव इक्विटी श्रेणी में फ्लेक्सीकैप, स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों ने निवेश का बड़ा हिस्सा हासिल करना जारी रखा।

आनंद राठी वेल्थ के संयुक्त सीईओ फिरोज अजीज ने कहा, ‘लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और फ्लेक्सीकैप फंडों में अच्छी तेजी देखी गई और निवेश में मासिक आधार पर 25-35 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इक्विटी सेगमेंट में फ्लेक्सीकैप फंडों ने निवेश में दबदबा बनाए रखा, जिससे विविध रणनीतियों में निवेशकों की बढ़ती रुचि का पता चलता है क्योंकि बाजार निचले स्तरों से बढ़ोतरी सुरू होने लगी थी।’

बाजार धारणा में सुधार के बावजूद एकमुश्त निवेश में नरमी बनी हुई है। 2025 में एसआईपी निवेश का इक्विटी म्युचुअल फंड निवेश में प्रमुख योगदान रहा है। संभवतः इस बार भी 56,944 करोड़ रुपये के सकल इक्विटी फंड निवेश में सबसे अधिक हिस्सा एसआईपी से ही आया। जून में सकल एसआईपी निवेश 2 प्रतिशत बढ़कर 27,269 करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। मासिक निवेश में योगदान देने वाले एसआईपी खातों की संख्या मई के 8.56 करोड़ से बढ़कर 8.65 करोड़ हो गई।

पिछले महीने इक्विटी म्युचुअल फंडों में निवेश बढ़ा क्योंकि सूचकांक लगातार चौथे महीने बढ़त के साथ सर्वा​धिक ऊंचे स्तर के करीब पहुंच गए। निफ्टी 50 और सेंसेक्स में लगभग 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अन्य प्रमुख सूचकांकों में भी अच्छी बढ़त दर्ज की गई और निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 में क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार कुल मिलाकर इक्विटी, डेट, हाइब्रिड और पैसिव स्कीमों में शुद्ध निवेश जून में 49,095 करोड़ रुपये रहा। इस निवेश और मार्क-टू-मार्केट बढ़त ने उद्योग की प्रबंध अधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा किया जिससे कुल परिसंपत्तियां 74 लाख करोड़ रुपये के नए ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं।

एम्फी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वेंकट चलसानी ने कहा, ‘जून 2025 में एयूएम 74 लाख करोड़ रुपये को पार कर गईं। यह नया रिकॉर्ड है। मजबूत खुदरा भागीदारी और एसआईपी निवेश में लगातार बढोतरी से ऐसा संभव हो सका। एसआईपी निवेश इस महीने 27,269 करोड़ रुपये का आया। एसआईपी खातों की संख्या भी 8.64 करोड़ की ऊंचाई पर पहुंच गई जो एक अनुशासित निवेश माध्यम के रूप में म्युचुअल फंडों में बढ़ते भरोसे को दर्शाती है।’

आर्बिट्रेज फंड और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) में भी अपेक्षाकृत अधिक निवेश आया। पिछले तीन महीनों में सुस्ती के बाद गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़कर 2,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया जबकि आर्बिट्रेज फंडों में निवेश बढ़कर 15,585 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

First Published : July 9, 2025 | 9:12 PM IST