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मार्जिन में वृद्धि सीमित, आय रहेगी राजस्व के अनुरूप: अनीश तवकले

वाहन, सीमेंट, पूंजीगत वस्तु, रियल एस्टेट और वित्त जैसे घरेलू चक्रीयता आधारित क्षेत्रों में आय वृद्धि में सुधार देखा जा सकता है।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- August 25, 2024 | 9:40 PM IST

वाहन, सीमेंट, पूंजीगत वस्तु, रियल एस्टेट और वित्त जैसे घरेलू चक्रीयता आधारित क्षेत्रों में आय वृद्धि में सुधार देखा जा सकता है। आईसीआईसीआई प्रूडें​शियल ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी में इ​क्विटी के सह-मुख्य निवेश अ​धिकारी अनीश तवकले ने अ​भिषेक कुमार के साथ बातचीत में कहा कि हालांकि निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि ये क्षेत्र अब सस्ते नहीं रह गए हैं। उन्होंने इ​क्विटी में प्रवेश कर रहे निवेशकों को अब दीर्घाव​धि नजरिया बरकरार रखने की सलाह दी है। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:

हाल के सप्ताहों में आप वै​श्विक बाजारों के घटनाक्रम को किस नजरिये से देख रहे हैं? क्या अभी उतार-चढ़ाव बना रहेगा?

बाजार में उतार-चढ़ाव अ​धिक है, क्योंकि मौद्रिक नीति (ब्याज दर में उतार-चढ़ाव) पिछले 15 वर्षों (2007-2022) के मुकाबले कम पूर्वानुमान योग्य है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कई अर्थव्यवस्थाएं पहले की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं। 2007 से 2022 की अव​धि के दौरान, दो बड़े झटके लगे थे: वैश्विक वित्तीय संकट और महामारी। इनसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं में लंबी मंदी को बढ़ावा मिला। चूंकि ये अर्थव्यवस्थाएं कमजोर थीं, इसलिए केंद्रीय बैंक के कदम 2013 के टेपर टैंट्रम (फेडरल रिजर्व द्वारा प्रोत्साहन में कमी करने) जैसे संक्षिप्त समय को छोड़कर काफी हद तक पूर्वानुमानित थे। केंद्रीय बैंकों ने कम दरें और प्रचुर मात्रा में तरलता बनाए रखी।

अब तक घो​षित हुए पहली तिमाही के नतीजों पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है? किसी क्षेत्र पर आपके नजरिये में कोई बदलाव आया है?

आय वृद्धि 2023-24 के स्तरों से धीमी पड़ी है, जो एक मजबूत वृद्धि के दौर के बाद स्वाभाविक है। पिछले दो वर्षों में, वृद्धि अ​धिक रही, क्योंकि मांग मंदी से उबरी और व्यवसायियों ने क्षमता इस्तेमाल में सुधार दर्ज किया। सुधरते मार्जिन और बढ़ते क्षमता इस्तेमाल की वजह से आय में राजस्व की तुलना में ज्यादा तेजी से इजाफा हुआ।

बढ़ती मांग पूरी करने के लिए नई क्षमता जुड़ी है तो आय वृद्धि भी राजस्व के अनुकूल हो सकती है। यदि बाजार लगातार मार्जिन सुधार की उम्मीद करते हैं, तो कुछ निराशा हो सकती है।

2024-25 और 2025-26 की आय या क्षेत्र के अनुमानों के लिए कोई अपग्रेड या डाउनग्रेड?

हमने सीमेंट, गैर-बैंकिंग ​वित्तीय कंपनियों और एफएमसीजी के लिए अनुमानों में कटौती की है। उद्योग और बैंकिंग अनुमान सपाट बने हुए हैं। ऑटो सेक्टर में अपग्रेड किए गए हैं और आईटी में कुछ ​स्थिरता दिखी है जहां पहले अनुमान घटाए गए थे।

क्या आप मूल्यांकन को स्थिर मानते हैं, विशेष रूप से स्मॉलकैप क्षेत्र में?

मूल्यांकन महंगे लग रहे हैं। हमने अल्पाव​धि रिटर्न के अनुमान के साथ इ​क्विटी बाजार में प्रवेश नहीं करने का सुझाव दिया है। निवेशकों को लंबी अव​धि को ध्यान में रखना चाहिए, उन्हें कम से कम तीन साल तक अपना निवेश बनाए रखना चाहिए। चिंताएं स्मॉलकैप एवं मिडकैप क्षेत्र में ज्यादा हैं, जहां कमजोर बिजनेस मॉडल को रत्नों के रूप में महत्व दिया जा रहा है जिसकी वजह से बाजार अच्छे और खराब निवेश के बीच अंतर नहीं कर पा रहा है। नतीजतन, हमने अपने एसएमआईडी फंड को एकमुश्त निवेश के लिए बंद कर दिया है।

मौजूदा स्तर पर इ​क्विटी से जुड़ रहे निवेशकों को कितने रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए। उन्हें कौनसी योजनाएं पसंद करनी चाहिए?

अर्थव्यवस्था अच्छी ​स्थिति में है और वाहन, सीमेंट, पूंजीगत वस्तु, रियल एस्टेट और वित्त जैसे घरेलू चक्रीयता आधारित क्षेत्रों में आय वृद्धि मजबूत बनी रह सकती है। हालांकि, ये क्षेत्र अब सस्ते नहीं रह गए हैं। निवेशकों को अच्छे चयन पर ध्यान देना चाहिए, और अनुचित रूप से ऊंची आय की उम्मीद वाली कंपनियों से बचना चाहिए। मौजूदा निवेशकों को निवेश बनाए रखना चाहिए, क्योंकि भारत की दीर्घाव​धि वृद्धि की रफ्तार बरकरार है। इक्विटी में निवेश करने वालों को लार्जकैप, फ्लेक्सीकैप, बिजनेस साइकल, एनर्जी या हाइब्रिड स्कीमों पर विचार करना चाहिए और एसेट एलोकेशन पर ध्यान देना चाहिए।

मौजूदा समय में मुख्य प्रतिकूल और अनुकूल परिस्थितियां क्या हैं? क्या अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती एक बड़ा कारक होगी? वैश्विक अर्थव्यवस्था और बाजारों पर सख्त उधारी व्यवस्था का क्या प्रभाव पड़ेगा?

मुझे बड़े पैमाने पर दर कटौती की उम्मीद नहीं है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। हालांकि बेरोजगारी दर बढ़ी है, लेकिन यह वृद्धि छंटनी के बजाय अधिक लोगों को रोजगार मिलने (आव्रजन या बेहतर नौकरी की संभावनाओं के कारण) के कारण है। नौकरी में वृद्धि, हालांकि सकारात्मक है, लेकिन यह कार्यबल की वृद्धि के साथ तालमेल नहीं रख पाई है। इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था सिकुड़ नहीं रही है, बल्कि अधिक नौकरियां पैदा करके तेजी से बढ़ सकती है।

First Published : August 25, 2024 | 9:40 PM IST