इंडस्ट्रियल ग्लासेज ऐंड इंजीनियरिंग फर्म लिंडे इंडिया ने मूल्यांकन के बाजार नियामक सेबी के आदेश पर प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) से राहत मांगी है। पंचाट इस मामले पर अंतिम फैसला मंगलवार को दे सकता है। यह मामला लिंडे इंडिया की तरफ से संबंधित पक्षकारों प्रैक्सिर इंडिया और लाइन साउथ एशिया सर्विसेज के साथ विभिन्न करारों व लेनदेन से जुड़ा है।
सेबी ने कंपनी के निर्देश दिया था कि अगर संबंधित पक्षकार के साथ लेनदेन की वैल्यू सीमा से ज्यादा होती है तो वह शेयरधारकों की मंजूरी ले। नियामक ने नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता की नियुक्ति करने को कहा था ताकि वह कारोबार का मूल्यांकन कर सके।
अपनी याचिका में लिंडे इंडिया ने मूल्यांकन की कवायद पर स्थगन की मांग की है। लिंडे के वकील की दलील है कि मूल्यांकनकर्ता ने ऐसी जानकारी मांगी है जो कीमत संवेदी है और अगर इसे तीसरे पक्षकार के साथ साझा किया गया तो इससे गोपनीयता संबंधी जोखिम पैदा हो सकता है।
वकील ने कहा कि सेबी मूल्यांककर्ता को 40 से 45 दिन की सख्त समयसीमा में मूल्यांकन पूरा करने पर जोर दे रहा है। हालांकि बहुराष्ट्रीय फर्म ने चिंता जताई है कि इस समयसीमा में काम पूरा करना खासा चुनौतीपूर्ण होगा।
उन्होंने कहा कि सेबी ने लिंडे इंडिया को मूल्यांकन रिपोर्ट और एक्सचेंजों के ऑब्जर्वेशन को साझा करने का निर्देश दिया था, जो शेयर कीमतों पर जोखिम पैदा करेगा, अगर वह सही तस्वीर पेश नहीं कर पाता है।
लिंडे इंडिया ने मूल्यांकन कवायद पर 15 अक्टूबर तक स्थगन की मांग की है जब कंपनी की पहले दी गई याचिका की ट्रिब्यूनल में सुनवाई होनी है। सेबी की तरफ से लिंडे इंडिया की जांच जारी है। सेबी ने 29 अप्रैल को अंतरिम आदेश जारी किया था, जिसमें उसने कहा था कि वह जांच के निष्कर्ष निकलने के बाद दंडात्मक कदम पर विचार करेगा।
सेबी के वकील ने कहा कि मूल्यांकन की कवायद को रोकना सार्वजनिक नीति के लिए पूर्वाग्रह होगा और आश्वस्त किया कि कीमत संवेदी सूचना पर गोपनीयता बनाए रखी जाएगी।