निवेश डेटा फर्म प्रीकिन के अनुसार, भारत-केंद्रित निजी इक्विटी एवं उद्यम पूंजी (पीई/वीसी) कंपनियां 12.88 अरब डॉलर की गैर-आवंटित पूंजी से संपन्न हैं, जो वर्ष 2016 से सर्वाधिक है। प्रीकिन के आंकड़े के अनुसार, भारत पर ध्यान केंद्रित करने वाली वीसी कंपनियों के पास 6.81 अरब डॉलर की गैर-आवंटित राशि मौजूद है। यह वर्ष के अंत में भारत-केंद्रित वीसी के पास उपलब्ध कोष के सबसे ऊंचे स्तरों में से एक है। वर्ष 2016 के अंत में उनके पास 3.7 अरब डॉलर की राशि थी। इस साल यह आंकड़ा 2021 की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा और 2020 के मुकाबले करीब 39 प्रतिशत अधिक है।
रुझान पीई फंडों के लिए भी लगभग समान बना हुआ है। उनके पास 6.07 अरब डॉलर की गैर-आवंटित राशि उपलब्ध है, जो कैलेंडर वर्ष 2016 के अंत में दर्ज 3.52 अरब डॉलर और कैलेंडर वर्ष 2021 के 4.73 अरब डॉलर के मुकाबले भी ज्यादा है। वैश्विक तौर पर, वर्ष 2022 कुल मिलाकर स्टार्टअप के लिए खराब रहा। भारत में स्टार्टअप के लिए, कोष उगाही में नरमी की बात की जाए तो पता चलता है कि इस साल अब तक कोष उगाही में करीब 40 प्रतिशत की कमी आई है और निवेश राउंड की संख्या 32 तक घटी है। लेकिन क्या इसका मतलब यह भी है कि गैर-इस्तेमाल वाली पूंजी को देखते हुए 2023 अब अलग साबित हो सकता है?
प्रीकिन में वरिष्ठ शोध विश्लेषक एंजेला लई ने कहा, ‘2023 शुरू होने जा रहा है और हमारा मानना है कि अल्पावधि में बड़ा सुधार नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि वृहद परिदृश्य मुद्रास्फीति और ब्याज दरों को लेकर अनिश्चित बना हुआ है। इसलिए, पीई/वीसी मूल्यांकन कमजोर बने रहने की संभावना है, क्योंकि इनका संबंध सार्वजनिक क्षेत्र के बाजारों से है, जो काफी हद तक अस्थिर बने हुए हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मौजूदा समय में, हम यह उम्मीद कर रहे हैं कि सभी पीई/वीसी के लिए कोष उगाही पिछले कुछ वर्षों की तुलना में 2027 तक धीमी रहेगी। हमारा मानना है कि 2022 में कोष उगाही में आई सुस्ती 2023 में बनी रहेगी और 2024 से इसमें अच्छी तेजी आ सकती है।’ आयरन पिलर में मैनेजिंग पार्टनर आनंद प्रसन्ना का मानना है कि गैर-आवंटित कोष का बड़ा हिस्सा आवश्यक तौर पर निवेश नहीं बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा, ‘निवेशक 3-4 वर्षों के सामान्य निवेश चक्र पर फिर से जोर दे सकते हैं और इसलिए मैं नहीं मानता कि गैर-आवंटित कोष से अतिरिक्त निवेश में ज्यादा तेजी आएगी।
मुख्य वाहक बेहतर किफायत पर ध्यान देने वाली कंपनियां, 2021 में निर्धारित मूल्यांकन के उच्च स्तरों में बढ़ रही कंपनियां, और वैश्विक वृहद जोखिम में कमी लाने पर आधारित होंगे।’ अन्य दिलचस्प बिंदु यह है कि बड़ी तादाद में फंड पूंजी जुटाने की संभावना तलाश रहे हैं। प्रीकिन के आंकड़े के अनुसार, पीई/वीसी कंपनियां करीब 27 अरब डॉलर की पूंजी जुटाने की तैयारी कर रही हैं। भारत केंद्रित करीब 56 पीई फंड 14.91 अरब डॉलर और करीब 146 वीसी 12.8 अरब डॉलर जुटाने की तैयारी कर रहे हैं।