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2025 में IPO से जुटाए रिकॉर्ड ₹1.76 लाख करोड़, 2026 में भी दिख सकती है शानदार रैली

इस साल लेंसकार्ट, ग्रोव, मीशो और फिजिक्सवॉला समेत 18 स्टार्टअप्स ने आईपीओ लाए और मिलकर 41,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए।

Last Updated- December 23, 2025 | 3:49 PM IST
IPO
Representational Image

देश के आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) मार्केट में 2025 के दौरान जबरदस्त तेजी देखने को मिली और यह रफ्तार 2026 में भी जारी रहने की उम्मीद जताई जा रही है। मजबूत घरेलू नकदी, निवेशकों का भरोसा और बेहतर आर्थिक हालात इसकी बड़ी वजह रहे। साल 2025 में आईपीओ के जरिए कंपनियों ने रिकॉर्ड 1.76 लाख करोड़ रुपये जुटाए, जो अब तक का रिकॉर्ड लेवल है।

2025 की एक बड़ी खासियत यह रही कि कई बड़े स्टार्टअप्स शेयर बाजार में लिस्ट हुए। इस साल लेंसकार्ट, ग्रोव, मीशो और फिजिक्सवॉला समेत 18 स्टार्टअप्स ने आईपीओ लाए और मिलकर 41,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए। इसके मुकाबले 2024 में स्टार्टअप्स ने करीब 29,000 करोड़ रुपये जुटाए थे।

इस साल कंपनियों ने बिक्री पेशकश (OFS) के जरिए ज्यादा फंड जुटाया। 2025 में जुटाई गई कुल राशि का करीब 60% हिस्सा OFS से आया। आनंद राठी एडवाइजर्स के मुताबिक, आईपीओ की संख्या भले बढ़ी, लेकिन नई पूंजी जुटाने के बजाय प्रमोटर्स ने शेयर बेचकर ज्यादा पैसा निकाला।

2026 के IPO को लेकर मार्केट बुलिश

बाजार से जुड़े जानकारों का कहना है कि 2026 में भी IPO गतिविधियां मजबूत रह सकती हैं। इक्विरस कैपिटल के एमडी भावेश शाह ने बताया कि 75 से ज्यादा कंपनियों को सेबी से मंजूरी मिल चुकी है। करीब 100 कंपनियां अभी नियामक मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। आने वाले आईपीओ में टेक्नोलॉजी, फाइनेंशियल सर्विसेज, इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और कंज्यूमर सेक्टर की कंपनियां शामिल हो सकती हैं।

2026 में जिन बड़े आईपीओ की चर्चा है, उनमें रिलायंस जियो, SBI म्यूचुअल फंड, ओयो और फोनपे जैसे नाम शामिल हो सकते हैं।

पिछले तीन साल में कैसा रहा IPO मार्केट

  • 2025: 103 कंपनियों ने 1.76 लाख करोड़ रुपये जुटाए
  • 2024: 90 कंपनियों ने 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए
  • 2023: 57 कंपनियों ने 49,436 करोड़ रुपये जुटाए
    (सोर्स: आईपीओ सेंट्रल)

तेजी की वजह क्या रही?

जेएम फाइनेंशियल की नेहा अग्रवाल के मुताबिक, मजबूत घरेलू निवेश और निवेशकों का भरोसा रिकॉर्ड फंड जुटाने की बड़ी वजह रहा। भावेश शाह ने कहा कि मजबूत GDP ग्रोथ, महंगाई पर नियंत्रण, और स्थिर नीतियों ने घरेलू और विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ाया।

हालांकि यह तेजी पूरे साल एक जैसी नहीं रही। साल के पहले सात महीनों में बाजार में उतार-चढ़ाव रहा। विदेशी निवेशकों की कमजोर भागीदारी और भू-राजनीतिक तनाव के चलते IPO गतिविधियां धीमी रहीं। लेकिन अगस्त के बाद हालात सुधरे, नकदी बढ़ी और शेयर बाजार स्थिर हुए, जिससे IPO की रफ्तार तेज हो गई।

SME IPO: 252 कंपनियों ने जुटाए ₹11,400 करोड़

आईपीओ बाजार की तेजी SME (छोटी और मझोली कंपनियों) के सेगमेंट में भी साफ नजर आई। IPO सेंट्रल के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2025 में 252 SME कंपनियों ने आईपीओ के जरिए करीब 11,400 करोड़ रुपये जुटाए। इसके मुकाबले 2024 में 222 SME कंपनियों ने 9,580 करोड़ रुपये जुटाए थे। यह बढ़ोतरी दिखाती है कि निवेशकों की दिलचस्पी अब छोटे आईपीओ में भी बढ़ रही है, हालांकि इनमें रिटेल निवेशकों के लिए जोखिम ज्यादा होता है।

2025 के सबसे बड़े मेन-बोर्ड IPO

साल 2025 के बड़े मेन-बोर्ड आईपीओ में सबसे ऊपर टाटा कैपिटल का 15,512 करोड़ रुपये का आईपीओ रहा। इसके बाद HDB फाइनेंशियल सर्विसेज- 12,500 करोड़ रुपये, LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया- 11,607 करोड़ रुपये, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज- 8,750 करोड़ रुपये, लेंसकार्ट सॉल्यूशंस- 7,278 करोड़ रुपये, बिलियनब्रेन गैरेज वेंचर्स- 6,632 करोड़ रुपये रहा। दूसरी ओर, जिंकुशल इंडस्ट्रीज ने साल का सबसे छोटा आईपीओ पेश किया, जिसमें सिर्फ 116.5 करोड़ रुपये जुटाए गए। यह दिखाता है कि 2025 में आईपीओ बाजार में छोटी से लेकर बड़ी कंपनियों तक ने हिस्सा लिया।

IPO से कंपनियों को क्या हुआ फायदा 

आईपीओ सिर्फ पैसा जुटाने का जरिया नहीं रहे। कंपनियों ने आईपीओ से मिली रकम का इस्तेमाल कारोबार विस्तार, वर्किंग कैपिटल, कर्ज चुकाने, और पुराने निवेशकों को एग्जिट देने जैसे कई उद्देश्यों के लिए किया।

साल भर निवेशकों का उत्साह बना रहा, जिसका असर बहुत ऊंचे सब्सक्रिप्शन आंकड़ों में दिखा। 2025 का सबसे ज्यादा सब्सक्राइब होने वाला आईपीओ रहा हाइवे इंफ्रास्ट्रक्चर, जिसे 300 गुना से ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिला। इसके बाद इंडो फार्म इक्विपमेंट, डेंटा वॉटर एंड इंफ्रा सॉल्यूशंस, स्टैलियन इंडिया फ्लुओरोकेमिकल्स, क्वाड्रंट फ्यूचर टेक, स्टैंडर्ड ग्लास लाइनिंग टेक्नोलॉजी के आईपीओ के लिए सर्वा​धिक बोलियां मिली।

ज्यादातर IPO ने दिया अच्छा रिटर्न

103 कंपनियों में से 70 कंपनियों ने लिस्टिंग के दिन फायदा दिया, जबकि 32 कंपनियां डिस्काउंट पर लिस्ट हुईं। इक्विरस कैपिटल के भावेश शाह के मुताबिक, अच्छे लिस्टिंग गेन यह दिखाते हैं कि निवेशकों का भरोसा मजबूत है, वहीं नुकसान वाले आईपीओ यह बताते हैं कि बाजार सोच-समझकर निवेश कर रहा है, सिर्फ जोश में नहीं।

साल 2025 में भारतीय शेयर बाजार ने भी अच्छा रिटर्न दिया। हालांकि साल की शुरुआत उतार-चढ़ाव भरी रही, लेकिन बाद के महीनों में बाजार संभल गया। NSE निफ्टी 50 में 10% से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली। वहीं, BSE सेंसेक्स में 9% से ज्यादा की उछाल दर्ज किया।

पीटीआई इनपुट के साथ

First Published - December 23, 2025 | 3:49 PM IST

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