इक्विटी म्युचुअल फंडों (एमएफ) ने नई शेयर बिक्री में निवेश करने के लिए सेकंडरी बाजार से अपनी शेयरधारिता घटाई है। न्यूवामा वेल्थ मैनेजमेंट द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़े के अनुसार, म्युचुअल फंडों ने नवंबर में आए आठ आईपीओ 3,300 करोड़ रुपये का निवेश किया। पिछले महीने उनका कुल इक्विटी निवेश 1,700 करोड़ रुपये पर रहा, जिसमें आईपीओ शामिल नहीं हैं। वहीं इक्विटी फंडों ने 1,600 करोड़ रुपये की बिकवाली की।
न्यूवामा वेल्थ मैनेजमेंट के प्रमुख (अल्टरनेटिव एंड क्वांटीटेटिव रिसर्च) अभिलाष पगारिया ने कहा, ‘म्युचुअल फंडों ने सेकंडरी बाजार के मुकाबले आईपीओ पर दांव लगाना पसंद किया।’ उनके द्वारा कराए गए विश्लेषण के अनुसार, म्युचुअल फंडों ने ग्लोबल हेल्थ (मेदांता) और आर्चियन केमिकल इंडस्ट्रीज (आर्चियन केमिकल्स) में 900-900 करोड़ रुपये का निवेश किया।
आईपीओ में निवेश वृद्धि ज्यादा सौदों के बीच दर्ज की गई है। प्राइम डेटाबेस के अनुसार, दिसंबर 2021 के बाद से सौदों की मात्रा के संदर्भ में 2022 का नवंबर आईपीओ के लिए अच्छा महीना था। करीब 10 आईपीओ ने 10,566 करोड़ रुपये जुटाए हैं।हालांकि म्युचुअल फंडों के प्राथमिक बाजार की तरफ बढ़ते रुझान के बाद भी सेकंडरी बाजार अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहे हैं, क्योंकि उन्हें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के मजबूत निवेश से मदद मिली है।
वैश्विक फंडों ने इक्विटी कैश सेगमेंट में करीब 35,000 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिससे निफ्टी को 4.1 प्रतिशत चढ़कर नई ऊंचाई छूने में मदद मिली। सकारात्मक एफपीआई प्रवाह के लिहाज से यह 2022 का तीसरा महीना था। एक फंड प्रबंधक ने कहा, ‘घरेलू बाजारों के लिए घरेलू तरलता, खासकर फंड प्रवाह में इजाफा हुआ है। यदि ज्यादा आईपीओ आते हैं तो सेकंडरी बाजार से तरलता में निकासी आएगा और उस सेगमेंट के प्रदर्शन पर दबाव पड़ेगा।’
नवंबर में, सक्रिय इक्विटी एमएफ योजनाओं में शुद्ध प्रवाह 2,260 करोड़ रुपये के साथ घटकर 21 महीने के निचले स्तर पर रह गया था। फंड प्रबंधक ने कहा, ‘जहां आईपीओ में 3,300 करोड़ रुपये का निवेश कम लग रहा है, वहीं महीने के लिए कुल शुद्ध प्रवाह को देखते हुए यह मजबूत दिख रहा है।’
घरेलू फंड प्रबंधकों ने मजबूत एफपीआई प्रवाह के दौरान निवेश पर ज्यादा तेजी नहीं दिखाई। नवंबर में आईपीओ दांव सफल साबित हुए। जिन आठ कंपनियों में म्युचुअल फंडों ने निवेश किया, उनमें सिर्फ दो के शेयर ही अपने निर्गम भाव से नीचे हैं, जबकि मेदांता, आर्चियन केमिकल्स, और बीकाजी फूड्स इंटरनैशनल जैसे प्रमुख निर्गमों में शेयर मौजूदा समय में उनके निर्गम भाव से 25 प्रतिशत से नीचे कारोबार कर रहे हैं।