व्यापक बाजारों में अच्छी तेजी से भारत का बाजार पूंजीकरण (Mcap) नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण गुरुवार को कारोबारी सत्र के दौरान बढ़कर 291.8 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था, लेकिन अंत में 290.9 लाख करोड़ रुपये पर टिका। पिछला रिकॉर्ड 14 दिसंबर 2022 का था और तब यह 291.3 लाख करोड़ रुपये रहा था।
बीएसई (BSE) में सूचीबद्ध कंपनियों के इस साल के 251.9 लाख करोड़ रुपये के निचले स्तर से एमकैप में 39 लाख करोड़ रुपये यानी 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के मजबूत निवेश, मिडकैप व स्मॉलकैप शेयरों में अच्छी खासी तेजी और अदाणी समूह के शेयरों में सुधार से खोई जमीन वापस पाने में मदद मिली।
सेंसेक्स व निफ्टी की 1 दिसंबर 2022 की अपनी-अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे रहने के बावजूद एमकैप की नई ऊंचाई देखने को मिली है। हालांकि मिड व स्मॉलकैप शेयरों के प्रदर्शन की माप करने वाला इंडेक्स इस महीने नई ऊंचाई पर पहुंच गया।
अदाणी समूह (Adani Group) के शेयरों पर 12 लाख करोड़ रुपये की चोट के बीच फरवरी में वैश्विक एमकैप में भारत की रैकिंग सातवें पायदान पर चली गई थी। हालांकि देसी बाजारों ने एक बार फिर पांच अग्रणी एमकैप में अपनी जगह बना ली और भारत का एमकैप 3.5 लाख करोड़ डॉलर के पार निकल गया।
साल के पहले दो महीनों में शुद्ध बिकवाल रहने के बाद एफपीआई आक्रामक खरीदार बन गए। इस कैलेंडर वर्ष में वे 42,383 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे हैं। जून में उन्होंने 13,124 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। मूल्यांकन में नरमी ने शुरू में उन्हें भारतीय इक्विटी ने खींचा, लेकिन एफपीआई की खरीदारी में
सुधरते वैश्विक जोखिम सेंटिमेंट, उत्साहजनक कॉरपोरेट नतीजे और सकारात्मक आर्थिक संकेतकों का योगदान
विकसित दुनिया में बैंकिंग संकट के प्रसार को लेकर डर कम होने से भी सेंटिमेंट मजबूत हुआ। इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा, एफपीआई के निवेश से सूचकांकों को आगे बढ़ने में मदद मिली, जिससे खुदरा निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ, जो मोटे तौर पर स्मॉल व मिडकैप में निवेश करते हैं।
पिछले साल के उलट 2023 में कोई बड़ी कंपनी सूचीबद्ध नहीं हुई। इसके परिणामस्वरूप बाजार पूंजीकरण में हुई बढ़ोतरी मौजूदा कंपनियों के शेयर कीमतों में इजाफे के दम पर हुई। इस साल अब तक बीएसई मिडकैप इंडेक्स 11.1 फीसदी चढ़ा जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 10.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही नई पीढ़ी की कंपनियों मसलन पेटीएम और जोमैटो में इस साल तेज बढ़ोतरी हुई।
साल 2022 में नई सूचीबद्धता मसलन एलआईसी, अदाणी विल्मर और डेलिवरी ने बाजार पूंजीकरण की मजबूती में मदद की थी। जून में अदाणी समूह की कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 1.3 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 10.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि समूह का एमकैप अभी भी 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के बाद के मुकाबले करीब 9 लाख करोड़ रुपये कम है।
मौजूदा एमकैप के स्तर पर कुछ का मानना है कि भारत का मूल्यांकन पूरी तरह समाहित है और निराशा की काफी कम गुंजाइश है। मॉनसून में देरी और आय अनुमानों में कटौती के कारण विशेषज्ञ हालांकि बाजारों में पलटाव की संभावना से इनकार नहीं करते।
स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, हम अब एकीकरण देख सकते हैं क्योंकि बाजार काफी ज्यादा चढ़ चुका है।