HSBC Steel Stocks: कैलेंडर ईयर 2025 में अब तक Nifty Metal इंडेक्स करीब 20% बढ़ गया है। HSBC का कहना है कि मेटल सेक्टर की यह तेजी आगे भी जारी रह सकती है। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में मेटल की मांग लगातार बढ़ रही है क्योंकि देश में नए घर, सड़कें, फैक्ट्रियां और दूसरी बड़ी चीजें तेजी से बन रही हैं। भारत के पास कोयला, लोहा, बॉक्साइट जैसे सस्ते प्राकृतिक संसाधन भी ज्यादा मात्रा में हैं, जिससे कंपनियों को कम खर्च में काम करने में मदद मिलती है। सरकार भी नीतियों के जरिए इन कंपनियों को समर्थन देती है।
इसी वजह से भारतीय मेटल कंपनियों के शेयर दुनिया की कई कंपनियों से बेहतर कीमत पर बिक रहे हैं। HSBC ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कई भारतीय कंपनियों ने पिछले सालों में अपना कर्ज भी कम किया है और उनकी आर्थिक स्थिति पहले से ज्यादा मजबूत हुई है। कुल मिलाकर, यह सेक्टर आने वाले समय में अच्छी ग्रोथ दिखा सकता है।
मेटल इंडेक्स में शामिल लगभग सभी कंपनियों के शेयर इस साल काफी बढ़े हैं। हिंदुस्तान कॉपर 32% चढ़ा है, हिंडाल्को 31% ऊपर है, JSW स्टील 29% बढ़ा है, टाटा स्टील 25% ऊपर है, SAIL लगभग 24% बढ़ा है और नाल्को 21% चढ़ा है। सिर्फ अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर थोड़ा सा, करीब 0.75%, गिरा है। बाकी सभी मेटल शेयरों ने Nifty 50 से भी अच्छा प्रदर्शन किया है, जो अभी सिर्फ 10.7% बढ़ा है।
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HSBC का कहना है कि भारत में शहर तेजी से बढ़ रहे हैं और देश में बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसी वजह से मेटल की मांग लगातार बढ़ रही है। सड़कें, पुल, रेलवे, मेट्रो, फैक्ट्रियां और घर बनाने के लिए एल्यूमिनियम, स्टील, जिंक और कॉपर जैसे मेटल की जरूरत पड़ती है, इसलिए इनकी खपत भी तेजी से बढ़ रही है। भारत के पास कोयला, बॉक्साइट, जिंक और आयरन ओर जैसे प्राकृतिक संसाधनों के बड़े भंडार हैं, जिससे भारतीय कंपनियां दूसरे देशों की तुलना में कम खर्च में मेटल बना लेती हैं।
सरकार भी मेटल कंपनियों को मदद देती है, जैसे आयात पर टैक्स लगाना, ताकि चीन जैसे देशों से आने वाला सस्ता माल भारत की कंपनियों को नुकसान न पहुंचाए। भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादन करने वाला देश है और अपने बड़े संसाधनों की वजह से यह सेक्टर और मजबूत होता जा रहा है।
HSBC ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उन्हें एल्यूमिनियम से जुड़े स्टॉक्स सबसे ज्यादा पसंद आ रहे हैं। इसी वजह से उन्होंने हिंडाल्को और नाल्को को Buy यानी खरीदने की सलाह दी है। HSBC का मानना है कि चीन ने एल्यूमिनियम बनाने की मात्रा पर लिमिट लगा रखी है और दुनिया में इसकी मांग भी अच्छी है, इसलिए एल्यूमिनियम की कीमतें आगे भी मजबूत रह सकती हैं।
हिंडाल्को की अमेरिकी कंपनी Novelis से जुड़े जो भी जोखिम थे, वे आने वाले सालों में काफी कम हो जाएंगे। रिपोर्ट में HSBC ने टाटा स्टील को भी Buy रेटिंग दी है, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि टाटा स्टील की यूरोप वाली यूनिट का घाटा आने वाले समय में कम हो जाएगा।
वहीं, हिंदुस्तान जिंक को उन्होंने Hold रेटिंग दी है। इसका मतलब है, न खरीदने की सलाह, न बेचने की; क्योंकि कंपनी मजबूत है, लेकिन इसका शेयर दाम पहले से ही काफी महंगा है। कोल इंडिया को भी उन्होंने Hold रेटिंग दी है, क्योंकि कंपनी अच्छे डिविडेंड देती है, हालांकि भारत में कोयले की सप्लाई पहले से ही काफी ज्यादा है।
इसके उलट, HSBC को SAIL और NMDC ज्यादा पसंद नहीं आए। उन्होंने इन दोनों कंपनियों को Reduce रेटिंग दी है। उनका कहना है कि इन कंपनियों का खर्च (कैपेक्स) बहुत बढ़ रहा है, लेकिन मुनाफे में उतनी तेजी नहीं दिख रही।
HSBC ने अपनी रिपोर्ट में कुछ खतरे भी बताए हैं। उनका कहना है कि इस साल एल्यूमिनियम की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। अगर आगे चलकर चीन या अमेरिका जैसे बड़े देशों की अर्थव्यवस्थाएं कमजोर होती हैं, तो मेटल की मांग कम हो सकती है और कीमतें गिर सकती हैं। अगर डॉलर मजबूत हुआ, तो भारतीय कंपनियों पर भी असर पड़ेगा और उनका खर्च बढ़ सकता है।
कई मेटल कंपनियाम इस समय बड़े-बड़े प्रोजेक्ट में पैसा लगा रही हैं, इसलिए अगर बाजार खराब हुआ तो उनका कर्ज बढ़ने का खतरा रहेगा। हालांकि नाल्को, NMDC और कोल इंडिया जैसी कंपनियां ज्यादा सुरक्षित मानी जाती हैं, क्योंकि इनके पास अच्छा पैसा बचा हुआ है और बैलेंस शीट भी मजबूत है। सरकार भी आयात पर 12% सेफगार्ड ड्यूटी जैसी सुरक्षा देती है, जिससे भारतीय स्टील कंपनियां सस्ते विदेशी माल से बची रहती हैं और ज्यादा मजबूत बनती हैं।