facebookmetapixel
2025 में निवेशकों को लगे बड़े झटके, सोना चमका तो मिडकैप-स्मॉलकैप फिसले; 2026 में इससे बचना जरूरी!Year Ender 2025: SIP निवेश ने तोड़ा रिकॉर्ड, पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पारMidcap Funds Outlook 2026: रिटर्न घटा, जोखिम बढ़ा; अब मिडकैप फंड्स में निवेश कितना सही?Share Market: लगातार 5वें दिन बाजार में गिरावट, सेंसेक्स-निफ्टी दबाव मेंYear Ender: 42 नए प्रोजेक्ट से रेलवे ने सबसे दुर्गम इलाकों को देश से जोड़ा, चलाई रिकॉर्ड 43,000 स्पेशल ट्रेनें2026 में भारत-पाकिस्तान में फिर होगी झड़प? अमेरिकी थिंक टैंक का दावा: आतंकी गतिविधि बनेगी वजहपर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिशों के बावजूद भारत में पर्यटन से होने वाली कमाई इतनी कम क्यों है?क्या IPOs में सचमुच तेजी थी? 2025 में हर 4 में से 1 इश्यू में म्युचुअल फंड्स ने लगाया पैसानया साल, नए नियम: 1 जनवरी से बदल जाएंगे ये कुछ जरूरी नियम, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा!पोर्टफोलियो में हरा रंग भरा ये Paint Stock! मोतीलाल ओसवाल ने कहा – डिमांड में रिकवरी से मिलेगा फायदा, खरीदें

HDFC सिक्योरिटीज ने कहा, अगले साल सुस्त रिटर्न के आसार

2025 में मूल्यवान बाजारों में प्रवेश की चुनौती, वैश्विक कर्ज और मुद्रास्फीति की चिंताओं के बावजूद निफ्टी में 10.5% तेजी की उम्मीद

Last Updated- December 19, 2024 | 10:56 PM IST
HDFC Securities

घरेलू ब्रोकरेज फर्म एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने निवेशकों को ऊंचे मूल्यांकन के बीच कम रिटर्न की उम्मीद रखने की सलाह दी है। ब्रोकरेज फर्म ने निफ्टी के 10 साल तक लगातार अच्छा प्रदर्शन के बाद कम रिटर्न के परिदृश्य पर निवेशकों की प्रतिक्रियाओं पर चिंता जताई है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी धीरज रेल्ली ने कहा, ‘सबसे बड़ी चिंता यह है कि हम पूरी तरह से मूल्यवान बाजारों के साथ 2025 में प्रवेश करने जा रहे हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि कोई अवसर नहीं है, और एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में इक्विटी अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगी। मेरा मानना है कि इक्विटी भारत और वैश्विक स्तर पर अन्य परिसंपत्ति वर्गों से बेहतर प्रदर्शन करना जारी रखेंगी। फिर भी, हमें अपनी रिटर्न की अपेक्षाओं को कम करना होगा।’

रेल्ली ने कहा कि अमेरिका में अगले साल नीतिगत उथल-पुथल मुद्रास्फीतिकारी हो सकती है। उनसे निपटने के लिए मौद्रिक नीतिगत कदम अपर्याप्त साबित हो सकते हैं। रेल्ली ने कहा, ‘मौद्रिक नीतियां केवल मुद्रास्फीति के मांग पक्ष से निपट सकती हैं। अगर शुल्कों से अधिकांश वस्तुएं महंगी हो जाती हैं और लगातार भू-राजनीतिक मसले आपूर्ति पक्ष को और ज्यादा मुश्किल बनाते हैं तो इससे मुद्रास्फीति के लिए और अधिक प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं।’

उन्होंने कहा कि बढ़ता वैश्विक कर्ज बाजारों की अन्य चिंता है। रेल्ली ने कहा, ‘वैश्विक कर्ज करीब 323 लाख करोड़ डॉलर है। यह दुनिया के जीडीपी के कई गुना से भी ज्यादा है। मेरा मानना है कि ये टिकाऊ नहीं हैं। वह भी तब, जब ब्याज दरें ऊंची हों।’एचडीएफसी सिक्योरिटीज का मानना है कि अगले साल तक निफ्टी 26,482 तक पहुंच सकता है जो मौजूदा स्तर से 10.5 फीसदी की तेजी है।

First Published - December 19, 2024 | 10:56 PM IST

संबंधित पोस्ट