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रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की AGM में विलंब पर इनगवर्न ने जताई चिंता, सेबी से की जांच की मांग

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ संस्थागत निवेशकों ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि यह सलूजा की पुनर्नियुक्ति पर मतदान से बचने की रणनीति हो सकती है।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- September 22, 2024 | 9:48 PM IST

सलाहकार फर्म इनगवर्न ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की सालाना आम बैठक (एजीएम) में देरी को लेकर चिंता जताई है और बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से जांच की मांग की है। वित्तीय फर्म रेलिगेयर ने अपनी एजीएम इस साल सितंबर से दिसंबर तक के लिए टाल दी है।

एजीएम को टालने का फैसला ऐसे समय लिया गया है जब इसकी कार्यकारी अध्यक्ष रश्मि सलूजा पर कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक बर्मन समूह की खुली पेशकश को रोकने, भेदिया कारोबार के आरोप और एक सहायक कंपनी से कर्मचारी शेयर विकल्प (ईसॉप) जारी करने में कथित उल्लंघन के आरोप लगे हैं।

कंपनी ने मौजूदा ओपन ऑफर के संबंध में लंबित नियामकीय मंजूरियों तथा कंपनी और उसकी शेयरधारिता पर संभावित प्रभाव को एजीएम के स्थगन का कारण बताया था।

रविवार को प्रका​शित एक रिपोर्ट में प्रॉक्सी सलाहकार ने कहा कि एजीएम टालने से शेयरधारकों में निराशा हुई है क्योंकि कंपनी ने देरी के लिए कोई वैध कारण नहीं बताया है, विशेषकर तब, जब उसने पहले ही एक्सचेंजों पर अपने वित्तीय विवरण प्रकाशित कर दिए हैं।

इनगवर्न ने कहा, ‘एजीएम स्थगन खासकर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. र​श्मि सलूजा की पुनर्नियुक्ति होनी थी क्योंकि उनकी सितंबर में मूल रूप से निर्धारित एजीएम में रोटेशन के आधार पर सेवानिवृत्ति होगी। एकमात्र गैर-स्वतंत्र निदेशक के रूप में उनके पद के लिए प्रत्येक एजीएम में पुनर्नियुक्ति की आवश्यकता है, जिससे यह देरी चिंताजनक है।’

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ संस्थागत निवेशकों ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि यह सलूजा की पुनर्नियुक्ति पर मतदान से बचने की रणनीति हो सकती है।

इनगवर्न ने कहा है, ‘सेबी को रेलिगेयर की एजीएम स्थगन के हालात की व्यापक जांच शुरू करने का अधिकार है। नियामक निर्णय संबंधी उन प्रक्रियाओं की जांच कर सकता है जिनके कारण देरी हुई, साथ ही शेयर आवंटन और इम्पलॉयी स्टॉक ऑनर​शिप प्लांस (ईएसओपी) के संबंध में कंपनी के कदमों की भी जांच कर सकता है। इस जांच का उद्देश्य किसी भी संभावित कॉरपोरेट प्रशासनिक मुद्दे या नियामकीय उल्लंघन को उजागर करना हो सकता है।’

बाजार नियामक भेदिया कारोबार के आरोपों (खुली पेशकश और बर्मन के हिस्सेदारी खरीद से पहले किए गए व्यापार) को लेकर सलूजा की जांच कर रहा है।

First Published : September 22, 2024 | 9:48 PM IST