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Bajaj Finance से लेकर Wipro तक, बाजार की उठापटक में भी इन स्टॉक्स ने दिया शानदार रिटर्न

निफ्टी 200 में शामिल 200 में से 185 स्टॉक्स (92.5%) में गिरावट दर्ज की गई, जबकि 137 स्टॉक्स (68.5%) की कीमत 15% या उससे ज्यादा गिरी है।

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कृष्ण कांत   
राम प्रसाद साहू   
Last Updated- March 15, 2025 | 10:13 AM IST

भारतीय शेयर बाजार सितंबर 2023 में नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद से लगातार गिरावट झेल रहा है। निफ्टी 200 इंडेक्स सितंबर के अंत से अब तक 15.9% नीचे आ चुका है, जबकि बड़े शेयरों पर आधारित निफ्टी 50 इस दौरान 13.2% गिरा है। यह गिरावट लगभग सभी सेक्टर्स में देखने को मिली है। निफ्टी 200 में शामिल 200 में से 185 स्टॉक्स (92.5%) में गिरावट दर्ज की गई, जबकि 137 स्टॉक्स (68.5%) की कीमत 15% या उससे ज्यादा गिरी है।

हालांकि, इस करेक्शन के बावजूद कुछ स्टॉक्स ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इनमें ज्यादातर वे स्टॉक्स शामिल हैं, जो पिछले दो सालों की तेजी के दौरान दबाव में थे।

पिछले दो वित्तीय वर्षों (FY23 और FY24) में बाजार की तेजी से दूर रहने के बाद, अब ये निवेशकों के लिए सुरक्षित ठिकाने बन गए हैं। इसकी वजह है इनका तुलनात्मक रूप से कम मूल्यांकन और वित्त वर्ष 2026 (FY26) में संभावित विकास और मुनाफे में सुधार की उम्मीद।

सितंबर 2024 के बाद निफ्टी 200 के टॉप 10 स्टॉक्स, SRF सबसे आगे

सितंबर 2024 के अंत के बाद से निफ्टी 200 इंडेक्स में कई स्टॉक्स ने अच्छा प्रदर्शन किया है। खासकर केमिकल्स, फाइनेंस और सीमेंट सेक्टर की कंपनियों ने तेजी दिखाई है। ये सेक्टर पहले कमजोर थे, लेकिन अब इनमें सुधार देखने को मिल रहा है।

इस लिस्ट में SRF सबसे आगे है, जिसने सितंबर के अंत से अब तक 18% की बढ़त दर्ज की है। इसके बाद इंडियन होटल्स और मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स का नाम आता है, जिन्होंने लगभग 10% की तेजी दिखाई है।

केमिकल्स, फाइनेंस और सीमेंट सेक्टर के स्टॉक्स ने हाल ही में बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन सेक्टर्स में आगे भी मजबूती देखने को मिल सकती है, लेकिन बाजार के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखना जरूरी है।

हाल ही में आई तेजी के बावजूद, ब्रोकरेज हाउस कई स्टॉक्स में और बढ़त की संभावना देख रहे हैं। इसकी वजह आकर्षक वैल्यूएशन और वित्त वर्ष 2026 में तेज कमाई बढ़ोतरी बताई जा रही है।

हालांकि, कुछ स्टॉक्स की कीमत हालिया रैली के बाद महंगी हो गई है, जिससे मौजूदा स्तरों से उनकी आगे की बढ़त सीमित हो सकती है।

SRF के तिमाही नतीजे शानदार, FY24-27 में 28% मुनाफे की उम्मीद

देश की सबसे बड़ी लिस्टेड स्पेशियलिटी केमिकल्स कंपनी SRF ने कुछ कमजोर तिमाहियों के बाद दिसंबर तिमाही में मजबूत नतीजे पेश किए हैं। कंपनी के केमिकल बिजनेस में मार्च तिमाही में और सुधार की उम्मीद है, खासकर स्पेशियलिटी केमिकल्स सेगमेंट में।

रेफ्रिजरेंट गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से फायदा

चीन में कीमतों में बढ़ोतरी और कुछ देशों में फेज-डाउन कटौती के कारण ग्लोबल मार्केट में रेफ्रिजरेंट गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। इससे कंपनी को फायदा मिलने की संभावना है।

पैकेजिंग फिल्म्स बिजनेस पर दबाव, लेकिन आगे सुधार की उम्मीद

निकट भविष्य में पैकेजिंग फिल्म्स बिजनेस में कुछ चुनौतियां बनी रह सकती हैं, लेकिन अगले तीन वर्षों में इसमें कीमतों और मार्जिन में सुधार होने की संभावना जताई जा रही है।

मजबूत ग्रोथ का अनुमान

Sharekhan Research के मुताबिक, स्पेशियलिटी केमिकल्स के सही क्षेत्रों में निवेश और फ्लोरोकेमिकल्स सेगमेंट में रेफ्रिजरेंट गैस की मजबूत घरेलू मांग से कंपनी को फायदा होगा। इस आधार पर वित्त वर्ष 2024-27 के दौरान SRF के नेट प्रॉफिट में 28% की ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है।

Wipro: तिमाही नतीजों में मजबूत मुनाफा, छोटे और मध्यम डील्स में बढ़त

विप्रो का दिसंबर तिमाही (Q3) का रेवेन्यू ग्रोथ अनुमान के मुताबिक रहा, लेकिन कंपनी के मुनाफे में जबरदस्त सुधार दिखा। यह मुनाफा बीते 12 तिमाहियों में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचा, जिससे बाजार को सकारात्मक सरप्राइज मिला।

मुनाफे में सुधार की वजहें

  • बेहतर उपयोग (utilisation) और ऑफशोरिंग
  • फिक्स्ड प्राइस प्रोडक्टिविटी में बढ़ोतरी
  • सब-कॉन्ट्रैक्टर कॉस्ट में कमी
  • वेतन वृद्धि (wage hikes) के प्रभावों के बावजूद लागत नियंत्रण

डील्स और ग्रोथ का ट्रेंड

  • तिमाही के दौरान कुल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू $3.5 बिलियन तक पहुंची
  • बड़ी डील्स का योगदान लगभग $1 बिलियन रहा
  • छोटे और मध्यम आकार की डील्स में बढ़त दर्ज हुई
  • अल्पकालिक (short-cycle) डील्स में मजबूती दिखी, जिससे वैकल्पिक खर्च (discretionary spending) में रिकवरी के संकेत मिले

भविष्य की संभावनाएं

Systematix Research ने बेहतर डिमांड और मजबूत डील्स को देखते हुए वित्त वर्ष 2024-27 के लिए कंपनी के सालाना रेवेन्यू ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 3.6% किया है, जबकि FY24-26 के लिए यह अनुमान 2.2% रखा गया है।

Indian Hotels Co को मिलेगा हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के बूम का फायदा

इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) को हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के ग्रोथ फेज में बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है। कंपनी को लीजर, बिजनेस और MICE (मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) से मजबूत डिमांड मिल रही है।

बड़े शहरों में इसके ज्यादातर होटल 80% तक ऑक्यूपेंसी रेट पर काम कर रहे हैं, जिससे कंपनी को प्रति रात कमरे की कीमत बढ़ाने का मौका मिल रहा है। टाटा ग्रुप की यह कंपनी आने वाले तिमाहियों में Revenue Per Available Room (RevPAR) में हाई सिंगल डिजिट से लो डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद कर रही है।

YES Securities के मुताबिक, इंडियन होटल्स अपने मैनेज्ड और ओन्ड होटल्स के पोर्टफोलियो में बदलाव कर रही है। FY24 में जहां इसका मैनेज्ड होटल्स का हिस्सा 43% था, वहीं FY28-29 तक इसे 60:40 तक ले जाने का प्लान है। इससे कंपनी की Return on Capital Employed (ROCE) और मार्जिन में सुधार होगा।

UPL ने Q3 में किया दमदार प्रदर्शन, मार्जिन और वॉल्यूम ग्रोथ में सुधार

यूपीएल (UPL) ने छह तिमाहियों की गिरावट के बाद वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (Q3) में मजबूत प्रदर्शन किया है। कंपनी को एग्रोकेमिकल्स की मांग में सुधार से फायदा हुआ, जिससे वॉल्यूम ग्रोथ को भी समर्थन मिला।

मार्जिन और लागत नियंत्रण में बड़ा सुधार

Q3 में कंपनी का परिचालन लाभ मार्जिन (Operating Profit Margin) 15 प्रतिशत बढ़कर 19.8% हो गया। यूपीएल ने लागत बचत के लिए कई नए उपाय लागू किए हैं, जिससे आगे भी मार्जिन में सुधार की उम्मीद है।

इन्वेंट्री नॉर्मलाइजेशन से मिली बढ़त

कंपनी के प्रमुख बाजारों में इन्वेंट्री स्तर सामान्य होने से तिमाही में वॉल्यूम ग्रोथ को समर्थन मिला। इससे यूपीएल के वित्तीय प्रदर्शन में मजबूती आई।

यूपीएल ने कहा कि मार्च तिमाही में वह अपना कर्ज $300-$400 मिलियन तक घटाने का लक्ष्य पूरा कर लेगी। वर्तमान में कंपनी का कुल कर्ज लगभग $3 बिलियन है। FY26 तक कंपनी का नेट-डेट टू ऑपरेटिंग प्रॉफिट रेशियो बेहतर रहने की उम्मीद है।

नुवामा रिसर्च (Nuvama Research) ने यूपीएल की FY25 की आय अनुमान में 6% की कटौती की है, लेकिन FY26-27 के लिए इसे 10-12% बढ़ा दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले वर्षों में मांग के माहौल में सुधार देखने को मिल सकता है।

Shree Cement के शेयर में तेजी, लेकिन तिमाही नतीजे कमजोर

श्री सीमेंट के शेयरों में हाल के महीनों में मजबूती देखने को मिली है, जबकि पिछले पांच वर्षों में यह प्रदर्शन में पिछड़ रहा था। सितंबर 2024 के अंत से अब तक कंपनी के शेयरों में 6% की बढ़ोतरी हुई है, जो व्यापक बाजार और प्रमुख इंडेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन है।

हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (Q3FY25) में कंपनी के नतीजे कमजोर रहे। सालाना आधार पर कंपनी की बिक्री मात्रा 1% घटी, जबकि नेट सेल्स में 12% और शुद्ध लाभ में 72.4% की गिरावट दर्ज की गई।

ब्रोकरेज फर्मों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में मांग में सुधार होगा और अगले दो वर्षों में कंपनी की कमाई में दो अंकों की वृद्धि देखने को मिलेगी। मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2025-27 (FY25-27) के दौरान श्री सीमेंट का शुद्ध लाभ 16% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ सकता है। हालांकि, फर्म ने इस स्टॉक पर ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी है।

MDL का ₹34,800 करोड़ का ऑर्डर बुक, क्षमता दोगुनी करने की योजना

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) का ऑर्डर बुक फिलहाल ₹34,800 करोड़ का है, जिसमें कई बड़े रक्षा प्रोजेक्ट अगले 2-3 साल में पूरे किए जाने हैं। कंपनी अगले 4-5 साल में ₹5,000 करोड़ का पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) करने की योजना बना रही है, जिससे इसकी उत्पादन क्षमता दोगुनी हो सकती है।

रक्षा क्षेत्र के अलावा, कंपनी शिपबिल्डिंग और ग्रीन एनर्जी प्लेटफॉर्म्स जैसे हाइब्रिड फेरी और ग्रीन टग्स पर भी ध्यान दे रही है, जिससे भविष्य में ग्रोथ के अच्छे मौके मिल सकते हैं।

मजबूत ऑर्डर बुक, समय पर प्रोजेक्ट डिलीवरी और तीन साल की स्पष्ट रेवेन्यू विजिबिलिटी को देखते हुए, निर्मल बंग रिसर्च ने MDL के स्टॉक पर अपनी रेटिंग ‘होल्ड’ से बढ़ाकर ‘बाय’ कर दी है।

Divi’s Laboratories के शेयरों में तेजी, लेकिन आगे सीमित बढ़त की संभावना

फार्मास्युटिकल्स निर्माता Divi’s Laboratories के शेयरों में बीते कुछ महीनों में तेजी देखी गई है। सितंबर 2024 से अब तक यह स्टॉक करीब 2% चढ़ चुका है, जो व्यापक बाजार और बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है।

हालांकि, इससे पहले FY23, FY24 और FY25 के शुरुआती महीनों में कंपनी के शेयरों में लगातार गिरावट दर्ज की गई थी। लेकिन हाल ही में इसमें उछाल आया है, जिसका मुख्य कारण कंपनी के मुनाफे में जबरदस्त बढ़ोतरी है।

Q3FY25 में Divi’s Laboratories का नेट प्रॉफिट 64.5% Y-o-Y बढ़ा, जबकि नेट सेल्स 25% Y-o-Y बढ़ी। इस प्रदर्शन ने कंपनी को तिमाही के टॉप परफॉर्मर्स में शामिल कर दिया।

हालांकि, ब्रोकरेज फर्म्स का मानना है कि मौजूदा उच्च वैल्यूएशन और FY25 के ऊंचे बेस की वजह से FY26 में कमाई की रफ्तार धीमी हो सकती है, जिससे आगे स्टॉक में सीमित बढ़त की संभावना है।

Bajaj Finance के शेयर में जोरदार वापसी, Q3FY25 में मुनाफे में 16.7% की बढ़ोतरी

Bajaj Finance के शेयरों ने बीते पांच महीनों में जबरदस्त तेजी दिखाई है। यह स्टॉक पिछले तीन वर्षों से बाजार से कमजोर प्रदर्शन कर रहा था, लेकिन अब इसमें सुधार देखा जा रहा है। सितंबर 2024 के अंत से अब तक इसके शेयरों में 8.3% की बढ़ोतरी हो चुकी है।

RBI के फैसले का मिला फायदा

Bajaj Finance को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हालिया फैसले से भी लाभ मिला है। RBI ने बैंकों द्वारा NBFCs को दिए जाने वाले कर्ज पर लगाए गए अतिरिक्त जोखिम भार (risk weight) को हटाने का फैसला किया है। इससे कंपनी के शेयरों में सकारात्मक असर दिखा।

Q3FY25 के नतीजे

  • कंपनी का ग्रॉस NPA (Non-Performing Asset) Q3FY25 में बढ़कर 1.12% हो गया, जो एक साल पहले 0.95% था।
  • इस दौरान प्रोविजन और राइट-ऑफ्स में 63.7% की सालाना बढ़ोतरी हुई, जो असुरक्षित कर्ज (unsecured lending) में बनी चुनौतियों को दर्शाता है।
  • कंपनी का समेकित (consolidated) शुद्ध लाभ Q3FY25 में 16.7% सालाना बढ़कर पहुंच गया।
  • ग्रॉस ब्याज आय (gross interest income) भी 26.8% सालाना बढ़ी।

ब्रोकरेज हाउस बने बुलिश

ब्रोकरेज फर्म्स Bajaj Finance को लेकर सकारात्मक नजरिया बनाए हुए हैं। उनका मानना है कि अगले दो वर्षों में कंपनी की आय में मजबूत दोहरे अंकों की वृद्धि देखने को मिल सकती है।

Muthoot Finance के शेयर में उछाल, गोल्ड की बढ़ती कीमतों का फायदा

गोल्ड लोन देने वाली प्रमुख कंपनी मुथूट फाइनेंस ने बीते पांच महीनों में बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके पीछे सोने की कीमतों में आई तेजी बड़ी वजह रही है।

सोने की कीमतों में बढ़ोतरी

सितंबर 2024 के बाद से अमेरिकी डॉलर में सोने की कीमत करीब 11% बढ़ी है, जबकि भारतीय रुपये में यह बढ़त 15% तक पहुंच चुकी है। सोने की बढ़ती कीमतों से मुथूट फाइनेंस जैसी गोल्ड लोन कंपनियों को भी फायदा हुआ है। यदि कोई ग्राहक लोन चुकाने में असमर्थ रहता है, तो ऊंची कीमत पर सोना बेचकर कंपनियां आसानी से अपना फंसा हुआ पैसा निकाल सकती हैं।

शेयर प्राइस और बैड लोन का असर

सितंबर 2024 के बाद से मुथूट फाइनेंस के शेयरों में करीब 7% की तेजी आई है। हालांकि, कंपनी को तिमाही नतीजों में कुछ दबाव का सामना करना पड़ा है। Q3FY25 में बदले लोन और प्रोविजन (बकाया राशि का प्रावधान) 231.3% सालाना आधार पर बढ़ गया है, जिससे बैड लोन की समस्या उजागर हुई है।

ब्रोकरेज हाउस का सकारात्मक रुख

बावजूद इसके, प्रमुख ब्रोकरेज फर्म्स का मानना है कि मुथूट फाइनेंस FY26 में भी अपनी ग्रोथ बनाए रखेगी। बाजार विशेषज्ञ इस स्टॉक को लेकर बुलिश हैं और आगे भी मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं।

SBI Cards: शेयर बाजार में मजबूती, लेकिन मुनाफे में गिरावट जारी

SBI Cards & Payment Services ने मौजूदा गिरावट के बीच बेहतर प्रदर्शन किया है। सितंबर 2024 के अंत से अब तक कंपनी का शेयर 8.4% चढ़ा है, जबकि इसी अवधि में NSE200 इंडेक्स में 15.4% की गिरावट आई है।

हालांकि, कंपनी की वित्तीय स्थिति संघर्ष कर रही है। वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (Q3FY25) में SBI Cards का शुद्ध लाभ सालाना आधार (Y-o-Y) पर 30.2% घट गया है। वहीं, इसका सकल ब्याज आय (Gross Interest Income) लगभग स्थिर रही।

कंपनी की परिसंपत्ति गुणवत्ता (Asset Quality) भी हल्की गिरावट के साथ कमजोर हो रही है। ब्रोकरेज फर्म Elara Capital के अनुसार, SBI Cards का ग्रॉस NPA वित्त वर्ष 2024 के अंत में 2.8% था, जो वित्त वर्ष 2025 के अंत तक बढ़कर 2.9% हो सकता है।

Elara Capital ने गिरते रिटर्न ऑन एसेट्स (ROA), कमजोर कमाई और बढ़ते खराब ऋणों के चलते इस स्टॉक पर ‘Reduce’ रेटिंग दी है।

First Published : March 15, 2025 | 10:13 AM IST