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FPI पूंजी प्रवाह में आया सुधार, विदेशी निवेश भी बढ़ा

विश्लेषकों का मानना है कि यदि बाजार मूल्यांकन और बढ़ता है, तो इससे भारत में नया एफपीआई प्रवाह प्रभावित हो सकता है।

Last Updated- May 23, 2023 | 8:33 PM IST
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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) प्रवाह दिसंबर 2021 के बाद से पहली बार पिछले 12 महीने (TTM) के आधार पर मजबूत हुआ है। पिछले तीन महीनों के दौरान मजबूत निवेश प्रवाह की मदद से घरेलू इ​​क्विटी बाजारों में टीटीएम वै​​श्विक प्रवाह 7.3 अरब डॉलर पर दर्ज किया गया जो नवंबर 2021 के बाद से सर्वा​धिक है। इससे निफ्टी के एक वर्षीय प्रतिफल को 12 प्रतिशत पर पहुंचने में मदद मिली।

जनवरी 2021 और अप्रैल 2023 के बीच, टीटीएम एफपीआई प्रवाह लगातार 16 महीनों तक कमजोर रहा था। इस अ​व​धि के दौरान औसत टीटीएम निफ्टी प्रतिफल 7.6 प्रतिशत रहा, और 16 में से 8 महीनों के दौरान 5 प्रतिशत से भी कम रहा।

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि जहां मजबूत घरेलू प्रवाह से बाजार को मदद मिली, वहीं सकारात्मक एफपीआई प्रवाह बाजारों के लिए शानदार प्रतिफल देने के लिए जरूरी है।
विश्लेषकों का कहना है कि एफपीआई प्रवाह में ताजा सुधार कई कारणों से आया है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषक विनोद कार्की और नीरज करनानी ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘एफपीआई प्रवाह के लिए परिदृश्य सुधरा है, क्योंकि हाल में वै​श्विक इ​​क्विटी बाजारों के मुकाबले अमेरिका और भारत के मजबूत प्रदर्शन की वजह से भी यहां एफपीआई का निवेश बढ़ा है। भारतीय बाजार में तेजी पिछले एक साल के दौरान उभरते बाजार (ईएम) के सूचकांकों के मुकाबले भारत के महंगे मूल्यांकन में कमी और पर केंद्रित रही है।’

वर्ष की शुरुआत के दौरान, भारत ने एफपीआई प्रवाह में कमजोरी दर्ज की थी। लेकिन मार्च और खासकर मई में भारत में एफपीआई प्रवाह अन्य ईएम के मुकाबले तेजी से बढ़ा है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट ने कहा, ‘इसे लेकर काफी अनि​​श्चितता थी कि क्या विकसित दुनिया में बैंकिंग संकट की वजह से अल्पाव​धि प्रभाव दिखेगा। उस समय ऐसा लग रहा था कि ब्याज दरें बढ़ रही हैं। लेकिन अब यह माना जा रहा है कि ब्याज दरें ​स्थिर हो गई हैं, और प​श्चिम में बैंकिंग संकट थमा है।’

मजबूत एफपीआई प्रवाह से बाजारों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचने में मदद मिली। लेकिन इस बार, मूल्यांकन सहज है, क्योंकि बाजार करीब 20 महीने से मौजूदा स्तरों के आसपास बना हुआ है।

भट ने कहा, ‘आय में तेजी आई है। इसकी वजह से, हम ऐसी खास ​स्थिति में हैं, जहां मूल्यांकन अपेक्षाकृत आकर्षक है, भले ही बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं।’
मौजूदा समय में एमएससीआई ईएम सूचकांक के मुकाबले निफ्टी का मूल्यांकन पीई 56 प्रतिशत पर है। हालांकि यह 100 प्रतिशत के आसपास के ताजा ऊंचे स्तरों के मुकाबले काफी कम है, लेकिन 45 प्र​तिशत के दीर्घाव​धि औसत से ऊपर है।

कार्की और करनानी को आशंका है कि यदि मूल्यांकन और बढ़ता है, तो इससे भारत में नया एफपीआई प्रवाह प्रभावित हो सकता है।

First Published - May 23, 2023 | 8:33 PM IST

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