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सेबी के जुर्माने का आकलन कर रही है फोर्टिस हेल्थकेयर

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 6:50 PM IST

फोर्टिस हेल्थकेयर (एफएचएल) के पूर्व प्रवर्तकों द्वारा कोष की कथित हेराफेरी से संबंधित 18 मई के बाजार नियामक सेबी के आदेश की प्रतिक्रिया में कंपनी ने कहा है कि बोर्ड अब इस आदेश पर आकलन कर रहा है और अपने कानूनी सलाहकारों से परामर्श ले रहा है।
फोर्टिस ने यह भी कहा है कि 18 मई का आदेश एफएचएल की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई ऐस्कॉट्र्स हार्ट इंस्टीट्यूट ऐंड रिसर्च सेंटर लिमिटेड (ईएचआईआरसीएल) से संबंधित था। फोर्टिस ने स्टॉक एक्सचेंजों को दी जानकारी में कहा है, ‘कंपनी के प्रबंधन और बोर्ड अपने कानूनी सलाहकारों की मदद से इस आदेश का व्यापक तौर पर आकलन कर रहे हैं।’
फोर्टिस ने अपनी जानकारी में कहा है कि सेबी ऐक्ट, 1992 और सेबी (प्रतिभूति बाजार से संबंधित धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रणालियों की रोकथाम), अधिनियम 2003 के कुछ खास प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ईएचआईआरसीएल पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
हालांकि फोर्टिस ने कहा है कि सेबी का मानना है कि ईएचआईआरसीएल मौजूदा समय में पूरी तरह नया प्रबंधन है और नए प्रबंधन ने धोखाधड़ी के लिए पूर्व प्रबंधन के खिलाफ कदम उठाए हैं।
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने 32 इकाइयों पर 38.75 करोड़ रुपये का कुल जुर्माना लगाया, जिनमें फोर्टिस हेल्थकेयर होल्डिंग्स भी शामिल है। उस पर एफएचएल के कोष गबन से संबंधित आरोप है।
यह मामला वर्ष 2018 का है जब वह मीडिया में खबरें आई थीं कि सूचीबद्घ एफएचएल के प्रवर्तकों ने कथित तौर पर सूचीबद्घ इकाई से बड़ी पूंजी गायब की है।
एफएचएल की ऑडिटर डेलॉयट हैस्किंस ऐंड सेल्स एलएलपी ने कोष का हिसाब पूरा नहीं होने तक कंपनी की दूसरी तिमाही के नतीजों को अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया पूरी करने से इनकार कर दिया है। इस मामले में जांच शुरू की गई थी। वित्त वर्ष 2011-2012 से 2017-2018 की अवधि के दौरान जांच तीन कर्जदार कंपनियों – बेस्ट हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, फर्न हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, और मॉडलैंड वियर्स प्राइवेट के इंटर-कॉरपोरेट-डिपोजिट (आईसीडी) के अनुदान की समीक्षा पर आधारित थी।
सेबी ने पाया कि धोखाधड़ी वाली योजना एफएचएल के पूर्व प्रवर्तकों द्वारा शुरू की गई थी। इसके अलावा फोर्टिस हेल्थकेयर होल्डिंग्स, फोर्टिस ग्लोबल हेल्थकेयर, ऐस्कॉट्स हार्ट इंस्टीट्यूट ऐंड रिसर्च सेंटर, आरएचसी फाइनैंस, शीमल हेल्थकेयर, एएनआर सिक्योरिटीज, ऑस्कर इन्वेस्टमेंट्स, लिगारे एविएशन, एडेप्ट लाइफस्पेसेज, बेस्ट क्योर पर भी 1-1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।

First Published : May 21, 2022 | 12:41 AM IST