Categories: बाजार

आईटी शेयरों पर कर्मचारी लागत का दबाव, गिरावट पर खरीदें

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:26 PM IST

आईटी क्षेत्र के शेयरों में 2022 में अब तक कमजोरी दिखी है और निफ्टी आईटी सूचकांक एनएसई पर 7 प्रतिशत गिरा, जबकि इस अवधि के दौरान निफ्टी-50 में 2 प्रतिशत तक की मजबूती दर्ज की गई। आईटी सूचकांक एनएसई पर अपने प्रतिस्पर्धियों में सर्वाधिक गिरावट का शिकार हुआ है।
विश्लेषकों का मानना है कि आईटी शेयरों में अनिश्चितता ऐसे समय में बढ़ती कर्मचारी लागत की वजह से दर्ज की गई है जब व्यावसायिक वृद्घि दिसंबर 2021 तिमाही में सालाना आधार पर सुस्त रही है। इक्विनोमिक्स रिसर्च के संस्थापक एवं मुख्य निवेश अधिकारी जी चोकालिंगम ने कहा, ‘ऊंची कर्मचारी लागत का बड़ी आईटी कंपनियों पर प्रभाव पड़ रहा है। टीसीएस जैसी कंपनियों ने अपनी पूंजी का बड़ा हिस्सा कर्मचारियों पर खर्च किया है। इसके अलावा, डॉलर के संदर्भ में रास्व वृद्घि भी कमजोर रही है। क्या दो अंक में वृद्घि, कर्मचारी लागत में वृद्घि चिंता का कारण होगी। इस विषय में बड़े आईटी शेयरों का कमजोर प्रदर्शन बरकरार रहने का अनुमान है।’
विश्लेषकों का मानना है कि आईटी सेवा कंपनियों में नियुक्ति गतिविधि कैलेंडर वर्ष 2022 में बरकरार रहने की संभावना है। टीसीएस ने वित्त वर्ष 2022 के पहले 9 महीनों में 77,000 फ्रेशर जोड़े थे। रिपोर्टों से पता चलता है कि दूसरी तरफ, इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2022 के लिए कुल फ्रेशर नियुक्ति लक्ष्य पूर्व के 45,000 से बढ़ाकर 55,000 कर दिया है, और एक्सेंचर ने कैलेंडर वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में 105,000 कर्मचारियों की नियुक्ति की, जिनमें ज्यादातर भारत से थे। अनुष्का छाजेड के साथ मिलकर तैयार की गई रिपोर्ट में प्रभुदास लीलाधर के अमनीश अग्रवाल ने लिखा है, ‘प्रतिभाओं के लिए मांग में तेजी भारतीय आईटी कंपनियों के लिए लैटरल हायरिंग लागत बढ़ा रही है। हमारे आकलन वाली आईटी कंपनियों के लिए कर्मचारी लागत वित्त वर्ष 2022/23/23ई के लिए प्रति वर्ष 645/548/569 अरब रुपये तक बढऩे की संभावना है।’
पिछले कुछ सप्ताहों में आईटी शेयरों में गिरावट फिर से तेज हुई है, क्योंकि नैस्डैक में भी कमजोरी आई है, जिसमें कैलेंडर वर्ष 2022 में अब तक करीब 8 प्रतिशत की कमजोरी आई है। विश्लेषकों का मानना है कि आगामी महीनों में मौद्रिक नीतिगत सख्ती को लकर चिंताओं का टेक कंपनियों पर भारी दबाव पड़ रहा है, जिन्होंने अब तक राजस्व और मुनाफा वृद्घि की घोषणा नहीं की है।
जेफरीज के विश्लेषकों ने एक ताजा रिपोर्ट में लिखा है, ‘फेडरल की सख्ती को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं, जिसका लाभहीन कंपनियों पर दबाव पड़ा है। हम फैंगमैन शेयरों (फेसबुक, ऐपल, एन्वीडिया, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एमेजॉन, और नेटफ्लिक्स) में पिछले एक महीने में 10-30 प्रतिशत की कमजोरी आई है।  इसका असर उभरते बाजारों में भी दिखा है। नियामकीय चिंताओं की वजह से, चीन भी अपने ऊंचे स्तरों से भारी गिरावट का शिकार हुआ है, लेकिन कई कंपनियों में हाल में तेजी आई है।’
प्रभुदास लीलाधर अपने पोर्टफोलियो में आईटी सेक्टर पर ओवरवेट बने हुए हैं।

First Published : February 3, 2022 | 11:17 PM IST