जून तिमाही में डॉ. रेड्डीज का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा, लिहाजा बुधवार को शेयर में 5 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी में इससे मदद मिली। लॉकडाउन और अवरोध के कारण अमेरिका और भारत में बिक्री हालांकि उम्मीद के मुताबिक नरम रही, लेकिन यूरोप, उभरते बाजारों और ऐक्टिव इनग्रेडिएंट सेगमेंट की बिक्री उम्मीद से बेहतर रही।
मार्च तिमाही में अमेरिका में काफी ज्यादा स्टॉकिंग हो गई थी, ऐसे में उत्तर अमेरिका की बिक्री क्रमिक आधार पर 4 फीसदी कम रही। इसके बावजूद नई पेशकश और विदेशी मुद्रा की अनुकूल चाल से सालाना आधार पर उत्तर अमेरिका में राजस्व 6 फीसदी बढ़ गया। कंपनी ने छह नए उत्पाद उतारे और 101 जेनेरिक उत्पादों की मंजूरी लंबित है, जिसमें से 28 के लिए सिर्फ डॉ. रेड्डीज को ही मंजूरी मिल सकती है।
भारतीय कारोबार ने 14 फीसदी का योगदान किया, जहां लॉकडाउन का असर रहा क्योंकि ओपीडी सेवा व सर्जरी बाधित रहने से दवाओं की बिक्री पर असर पड़ा। इस तरह से डॉक्टरों की तरफ से दवाओं की पर्ची कम मिली। भारत की
बिक्री सालाना आधार पर 10 फीसदी घटी जबकि क्रमिक आधार पर 8 फीसदी।
हालांकि उभरते बाजारों और यूरोपीय बिक्री की रफ्तार ने अन्य जगह की नरमी की भरपाई कर दी। उभरते बाजारों (रूस सीआईएस और बाकी दुनिया) की बिक्री सालाना आधार पर 9 फीसदी बढ़ी। सीआईएस, रोमानिया और बाकी दुनिया में नए उत्पादों की पेशकश और बिक्री की रफ्तार ने इस बढ़त की अगुआई की। यूरोप ने कुल बिक्री में 8 फीसदी का योगदान किया और सालाना आधार पर वहां 48 फीसदी की तीव्र बढ़ोतरी दर्ज हुई।
ऐक्टिव इनग्रेडिएंट सेगमेंट में हालांकि सालाना आधार पर 88 फीसदी की मजबूत बढ़ोतरी दर्ज हुनई। ऐक्टिव इनग्रेडिएंट की बिक्री मजबूत बनी रही और उससे मिलने वाली रकम में भी खासा इजाफा हुआ। इससे सकल मार्जिन में इजाफा करने में भी मदद मिली। यह कहना है विश्लेषकों का।
कंपनी का सकल मार्जिन 56 फीसदी रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही के 51.7 फीसदी के मुकाबले बेहतर है। तिमाही में राजस्व सालाना आधार पर 51 फीसदी बढ़ा जबकि परिचालन मार्जिन सालाना आधार पर 16 फीसदी की बढ़त के साथ 1,162 करोड़ रुपये रहा। इस अवधि में कर पूर्व लाभ 3 फीसदी बढ़ा जबकि शुद्ध आय में 54 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
