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महंगे मल्टीपल का मुकाबला कर सकते हैं देसी बाजार: मॉर्गन स्टैनली

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पुनीत वाधवा   
Last Updated- June 06, 2023 | 11:06 PM IST

मॉर्गन स्टैनली (Morgan Stanley) ने प्रमुख सूचकांकों में ऊंचे स्तरों से बड़ी गिरावट के बावजूद पिछले कुछ महीनों में भारतीय इक्विटी बाजारों पर अपने नजरिये में बदलाव नहीं किया है।

मॉर्गन स्टैनली में एशिया इक्विटी रणनीतिकार जोनाथन गार्नर ने पुनीत वाधवा के साथ मुंबई में हुई बातचीत में वैश्विक इक्विटी परिदृश्य और भारतीय बाजारों पर अपने नजरिये से अवगत कराया। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:

क्या आप मानते हैं कि वैश्विक इक्विटी बाजार जोखिम से जूझ रहे हैं?

मेरा मानना है कि एशिया और भारत समेत उभरते बाजारों में, हमारे पास ऐसी कुछ विशेषताएं हैं जो अमेरिका और यूरोप से काफी अलग हैं। एशिया में, हमने मुद्रास्फीति का इतना ज्यादा खतरा कभी नहीं देखा, जैसा कि अमेरिका और यूरोप में देखा गया है। साथ ही हमने मजबूत जीडीपी वृद्धि दर्ज की। भारत में, ताजा त्रैमासिक जीडीपी आंकड़ा काफी अच्छा था। वहीं अमेरिका में मुद्रास्फीति में इजाफा हुआ है। एशिया में उभरते बाजारों में हम मजबूत वृद्धि, मुद्रास्फीति में नरमी, अच्छी आय की उम्मीद कर रहे है, जो शेयर बाजारों के लिए भी अनुकूल है।

आपने भारतीय इक्विटी के लिए रेटिंग ‘ओवरवेट’ नहीं की है। इसकी क्या वजह है?

हमने अक्टूबर 2022 में एशिया के संदर्भ में अपना नजरिया बदला था और कोरिया तथा ताइवान जैसे बाजारों में शुरुआती चक्रीयता आधारित बदलावों पर ध्यान दे रहे थे और तब चीन ने अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि हाल के समय में चीन का प्रदर्शन कुछ हद तक निराशाजनक रहा है। लेकिन तब से कोरिया और ताइवान का प्रदर्शन सुधरा है।

अक्टूबर 2022 में, हमने महंगे मूल्यांकन की वजह से भारत की रेटिंग अंडरवेट कर दी थी। तब से भारतीय बाजारों ने कोरिया के मुकाबले बड़ी मूल्यांकन वृद्धि दर्ज की है। मार्च 2023 के अंत तक, भारतीय बाजारों का प्रदर्शन कमजोर था और इस वजह से मल्टीपल में कमी आई। भारतीय बाजार मजबूत जीडीपी वृद्धि, महंगाई में नरमी और आरबीआई द्वारा अगले 18-24 महीनों में ब्याज दरें घटाने की संभावना को देखते हुए कुछ हद तक महंगे मल्टीपल का मुकाबला कर सकते हैं।

दुनियाभर में कौन से इक्विटी बाजार अब लोकप्रिय नजर आ रहे हैं?

हमारा मुख्य पसंदीदा बाजार जापान है और हम कई वर्षों से जापानी इक्विटी बाजार पर आशान्वित बने हुए हैं। सभी ईएम के संदर्भ में हम कोरिया और ताइवान को पसंद कर रहे हैं।, लेकिन हमारा मानना है कि भारत सभी उभरते बाजारों के अनुरूप प्रदर्शन करेगा। हमारा मानना है कि मौजूदा स्तरों से करीब 10 प्रतिशत की तेजी आ सकती है। हमारी भारतीय टीम के अनुमानों के अनुसार, सेंसेक्स का लक्ष्य 68,650 है।

भारतीय इक्विटी के संदर्भ में नजरिया इतना सुस्त क्यों है?

विदेशी निवेशकों के लिए, एशियाई क्षेत्र में जापान, कोरिया और ताइवान में खरीदारी करने का अच्छा अवसर है। ये तीन बड़े बाजार हैं। भारत ईएम ट्रैकर फंडों में सक्रिय प्रवाह में अपनी भागीदारी हासिल करेगा। हालांकि मैं नहीं मानता कि भारत में मूल्यांकन के संदर्भ में विपरीत नजरिया अपना अच्छा मौका है। मूल्यांकन काफी महंगा है।

भारतीय बाजार में प्रमुख थीम कौन से हैं?

आप भारत में कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी क्षेत्र पर दांव लगा सकते हैं। हमने कुछ समय से आईटी सेवाओं और फार्मास्युटिकल क्षेत्रों पर कम ध्यान दिया है। कई निवेशक इस शुरुआती चरण के शहरीकरण और औद्योगिकीकरण पर दांव लगाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं, और यह बाजार पर दांव लगाने का सही तरीका है।

क्या वित्तीय बाजार वैश्विक मंदी की चिंता से उबर चुके हैं? कब तक अमेरिकी फेड और आरबीआई दर वृद्धि पर विराम लगा सकते हैं?

अमेरिका में मुद्रास्फीति नरम पड़ रही है, लेकिन यह काफी धीरे धीरे नीचे आ रही है। ब्याज दरें कुछ समय तक 5 प्रतिशत से ऊपर बरकरार रहने का अनुमान है, और इससे अमेरिकी बाजार के ब्याज दर संवेदी क्षेत्रों पर पहले ही दबाव पड़ चुका है, जिनमें आवासीय एवं वाणिज्यिक रियल एस्टेट मुख्य रूप से शामिल है। हमें अमेरिका में कुछ क्षेत्रीय बैंकों को लेकर भी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। यही वजह है कि वृद्धि के लिए परिवेश काफी जोखिमपूर्ण लग रहा है।

First Published : June 6, 2023 | 11:06 PM IST