Stock Market: बजट से पहले लगातार दूसरे दिन भारतीय शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई। रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोटक महिंद्रा बैंक में भारी बिकवाली के दबाव के कारण इक्विटी बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी सोमवार को निचले स्तर पर बंद हुए। इसके अलावा, ग्लोबल मार्केट में कमजोर रुख से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 102.57 अंक या 0.13 प्रतिशत गिरकर 80,502.08 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में आज 80,100.65 और 80,800.92 के रेंज में कारोबार हुआ।
वहीं, दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी (Nifty) भी 21.65 अंक या 0.09 प्रतिशत गिरकर 24,509.25 पर बंद हुआ। निफ्टी में आज 24,362.30 और 24,595.20 के रेंज में कारोबार हुआ।
आज के कारोबार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में 16 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। कोटक बैंक, रिलायंस, ITC, SBI और HCL टेक सेंसेक्स के टॉप-5 लूजर्स रहे। इसके अलावा, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, नेस्ले इंडिया, इंडसइंड बैंक, एशियन पेंट्स, एक्सिस बैंक, TCS, ICICI बैंक, JSW स्टील, टाइटन और अदाणी पोर्ट्स के शेयर नुकसान में रहे।
वहीं, दूसरी तरफ सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 14 शेयर हरे निशान पर बंद हुए। NTPC, अल्ट्राटेक सीमेंट, HDFC बैंक, टाटा स्टील और M&M सेंसेक्स के टॉप-5 गेनर रहे। इसके अलावा, पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स, सन फार्मा, L&T, मारुति, इंफोसिस, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा और HUL के शेयर लाभ में रहे।
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सोमवार को संसद में पेश किए गए इकनॉमिक सर्वे के अनुसार, प्रौद्योगिकी, इनोवेशन और डिजिटलीकरण के कारण पूंजी निर्माण और निवेश आउटलुक में बढ़ती हिस्सेदारी के साथ, पूंजी बाजार देश की वृद्धि गाथा में अपनी भूमिका बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा आज भारतीय बाजार वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों को झेलने में अधिक सक्षम हैं।
इकनॉमिक सर्वे बताता है कि बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिम, बढ़ती ब्याज दरों और जिंस कीमतों में अस्थिरता के बावजूद भारतीय पूंजी बाजार का प्रदर्शन बीते वित्त वर्ष में अन्य उभरते बाजारों में सबसे बेहतर रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में BSE का 30 शेयर वाला सूचकांक सेंसेक्स करीब 25 प्रतिशत चढ़ा। चालू वित्त वर्ष में भी यही रुख जारी है और तीन जुलाई को सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान पहली बार 80,000 अंक के स्तर को छू गया।
इकनॉमिक सर्वे में कहा गया कि वैश्विक और उभरते बाजारों की तुलना में भारतीय शेयर बाजारों के अनुकरणीय प्रदर्शन की मुख्य वजह भारत की वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों को झेलने की क्षमता, ठोस तथा स्थिर घरेलू वृहद आर्थिक परिदृश्य तथा एक मजबूत घरेलू निवेशक आधार है।
एशियाई बाजारों में, सियोल, टोक्यो और शंघाई निचले स्तर पर बंद हुए, जबकि हांगकांग सकारात्मक क्षेत्र में बंद हुआ। दोपहर के सत्र में यूरोपीय बाजार बढ़त पर कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। इस बीच, वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.08 प्रतिशत गिरकर 82.53 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने शुक्रवार को 1,506.12 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।
पिछले कारोबारी सत्र यानी शुक्रवार को स्थानीय शेयर बाजारों में जारी चार दिनों की रिकॉर्ड तोड़ तेजी पर ब्रेक लग गया था। ग्लोबल मार्केट से मिले कमजोर रुझानों के बीच बाजार के नए शिखर पर पहुंचने के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली करना पसंद किया।
सेंसेक्स 738.81 अंक या 0.91 प्रतिशत गिरकर 81,000 अंक से नीचे 80,604.65 पर बंद हुआ था। निफ्टी भी 269.95 अंक या 1.09 प्रतिशत लुढ़क गया और 24,530.90 पर बंद हुआ था।
(PTI के इनपुट के साथ)