रेलवे कोच बनाने वाली कंपनियों के लिए लंबे समय के बाद बड़ा मौका आया है। मुंबई रेलवे विकास निगम (MRVC) ने अपने ‘वंदे मेट्रो’ प्रोजेक्ट के लिए 2,856 एसी कोच बनाने की बोली मांगी है। इस कॉन्ट्रैक्ट की कीमत करीब ₹21,000 करोड़ आंकी गई है। यह प्रोजेक्ट मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (MUTP) के तीसरे और तीसरे-ए चरण का हिस्सा है। इसके तहत मुंबई की उपनगरीय रेल को आधुनिक बनाने के लिए 238 नई एसी लोकल ट्रेनें खरीदी जाएंगी। 47 ट्रेनें MUTP-III में और 191 ट्रेनें MUTP-3A में। कॉन्ट्रैक्ट में कोच सप्लाई के साथ-साथ 35 साल तक की मेंटेनेंस और दो नए डिपो बनाने की जिम्मेदारी भी शामिल है।
बोली की शर्तों के मुताबिक पूरा ऑर्डर (2,856 कोच) एक ही कंपनी को दिया जा सकता है। ऐसे में डिलीवरी 7.5 साल में पूरी करनी होगी। अगर ऑर्डर दो हिस्सों में बंटता है तो सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी (L1) को 1,715 और दूसरी कंपनी (L2) को 1,141 कोच मिल सकते हैं, बशर्ते L2 कंपनी भी L1 की कीमत पर काम करने को तैयार हो। इस स्थिति में डिलीवरी 6.5 साल में करनी होगी। पहली 12-कोच वाली ट्रेन 24 महीने में और दूसरी 26 महीने में देनी होगी।
इस टेंडर में सभी कोच भारत में ही बनाने होंगे। यानी विदेशी कंपनियों के लिए दिक्कत बढ़ जाएगी और सिर्फ वही प्लेयर बचेंगे जिनके पास भारत में पहले से मैन्युफैक्चरिंग सुविधा है। इनमें अल्सटॉम, बीईएमएल और टिटागढ़ रेल के नाम सामने आते हैं।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों का कहना है कि पिछले दो साल से कोच मैन्युफैक्चरिंग सुस्त थी, लेकिन अब ऑर्डर फिर से आने लगे हैं। देशभर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट्स भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मुंबई का यह बड़ा टेंडर आने वाले कई साल तक कंपनियों को मजबूत ऑर्डर बुक देगा।
टिटागढ़ रेल ने हाल के सालों में अपनी क्षमता और तकनीक दोनों को बढ़ाया है। ऐसे में सीमित कंपटीशन और सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ नीति का सीधा फायदा कंपनी को मिल सकता है। नुवामा ने कंपनी पर अपना ‘Buy’ रेटिंग बनाए रखा है और कहा है कि आने वाले समय में इसके पास बड़ी ग्रोथ संभावनाएं हैं।
पिछले एक महीने में टिटागढ़ रेल के शेयर 5.3% चढ़े हैं। छह महीने में यह बढ़त करीब 19.3% की रही है। हालांकि, पिछले एक साल में शेयर अब भी करीब 38.5% गिरा हुआ है।