टाटा कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (Tata Consumer Products Ltd – TCPL) ने वित्त वर्ष 2025 (FY25) में ऐसा प्रदर्शन किया है जो कंपनी के भविष्य के लिए नई दिशा तय करता दिख रहा है। देश की बड़ी FMCG कंपनियों में से एक, टाटा कंज़्यूमर ने इस साल न सिर्फ अपने पारंपरिक बिज़नेस को मज़बूत रखा बल्कि अपने ग्रोथ सेगमेंट को ज़बरदस्त तरीके से आगे बढ़ाया।
ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने कंपनी की इस शानदार परफॉर्मेंस को देखते हुए अपनी रिपोर्ट में ‘BUY’ रेटिंग दोहराई है और 12 महीने का शेयर टारगेट 1,335 रुपए तय किया है। अभी शेयर की कीमत लगभग 1,083 रुपए है, यानी करीब 23% का संभावित रिटर्न दिख रहा है। रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि कंपनी के फंडामेंटल्स मज़बूत हैं और उसका फोकस तेजी से बढ़ रहे बिज़नेस पर है, जो उसे बाकी FMCG कंपनियों से अलग बनाता है।
टाटा कंज़्यूमर के नए और तेजी से बढ़ते बिज़नेस सेगमेंट की FY25 में शानदार ग्रोथ रही। इन ग्रोथ बिज़नेस का योगदान कंपनी की कुल कमाई में अब 28% तक पहुंच गया है, जो पिछले साल सिर्फ 18% था। खासतौर पर ‘Tata Soulfull’ ब्रांड ने 32% की ग्रोथ हासिल की और अब इसकी पहुंच 6 लाख दुकानों तक हो गई है, जो पिछले साल से दोगुनी है। वहीं, ‘Tata Sampann’ ने 29% की ग्रोथ दर्ज की, जो इस सेगमेंट की पकड़ को दर्शाता है। हाल ही में शामिल हुए ‘Capital Foods’ ब्रांड ने अपने पहले पूरे साल में 23% की ग्रोथ दिखाई, जबकि ‘Organic India’ की ग्रोथ 12% रही, जो थोड़ी कमज़ोर मानी गई।
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FY25 में ग्रोथ बिज़नेस के तहत कुछ खास प्रॉडक्ट्स ने उम्मीद से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया। ‘Tata Simply Better’ के कोल्ड-प्रेस तेलों की बिक्री 75 करोड़ रुपए तक पहुंची। ड्राय फ्रूट्स और बेसन जैसे नए सेगमेंट में भी कंपनी की आमदनी 100 करोड़ रुपए के पार गई। इसके अलावा ‘Tata Copper Plus’ की बिक्री में 18% की और ‘Himalayan’ ब्रांड में 10% की ग्रोथ दर्ज की गई। इससे साफ है कि उपभोक्ता अब कंपनी के हेल्दी और वैल्यू-एडेड प्रॉडक्ट्स की तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।
कंपनी के पारंपरिक यानी कोर बिज़नेस में ‘नमक’ और ‘चाय’ शामिल हैं। FY25 में कोर बिज़नेस की कुल ग्रोथ 5% रही, जिसमें नमक की ग्रोथ 8% और चाय की सिर्फ 3% रही। नमक सेगमेंट की चार साल की औसत ग्रोथ दर (CAGR) 15% रही है, जो इसकी स्थिर मजबूती को दिखाता है। खास बात यह रही कि वैल्यू-एडेड सॉल्ट जैसे हिमालयन, आयोडीन-प्लस वगैरह की बिक्री में 31% का उछाल आया और अब यह कोर नमक बिज़नेस में 8% का योगदान देता है। रॉक सॉल्ट की बिक्री में भी 57% की तेज़ी देखी गई। दूसरी ओर, चाय सेगमेंट थोड़ा फीका रहा जहां वॉल्यूम ग्रोथ सिर्फ 1% रही।
टाटा कंज़्यूमर का कॉफी सेगमेंट भी FY25 में तेज़ी से उभरा है। कंपनी की कॉफी बिक्री में 33% की ग्रोथ हुई और ‘Tata Coffee’ का ग्रॉस रेवेन्यू पहली बार 1,000 करोड़ रुपए के पार गया। यह कंपनी के लिए एक अहम माइलस्टोन है और यह बताता है कि भारत और इंटरनेशनल दोनों मार्केट में टाटा कॉफी की डिमांड लगातार बढ़ रही है।
गैर-ब्रांडेड यानी नॉन-ब्रांडेड बिज़नेस में भी FY25 में कंपनी ने 21% की ग्रोथ दर्ज की। इस ग्रोथ के पीछे सबसे बड़ा योगदान ‘Plantations बिज़नेस’ का रहा, जिसमें 47% की तेज़ी आई। इसमें कीमतों में बढ़ोतरी और वॉल्यूम ग्रोथ दोनों शामिल रहे। ‘Solubles बिज़नेस’ (पाउडर कॉफी और चाय) में भी 12% की ग्रोथ रही। खासकर वियतनाम और भारत के बाज़ारों में कॉफी सॉल्युबल्स की डिमांड काफी बढ़ी है, जिससे इस सेगमेंट को मजबूत सपोर्ट मिला।
टाटा कंज़्यूमर ने इंटरनेशनल लेवल पर भी FY25 में स्थिर प्रदर्शन किया। कंपनी की अंतरराष्ट्रीय आमदनी में 5% की ग्रोथ दर्ज की गई। ब्रिटेन में कंपनी ने बड़ी सफलता हासिल की और ब्रांडेड चाय सेगमेंट में नंबर 2 प्लेयर बन गई, जिसकी बाजार हिस्सेदारी अब 16.5% है। कनाडा में टाटा अब भी नंबर 1 चाय कंपनी है। अमेरिका में कंपनी की कॉफी बिक्री में 3% की बढ़ोतरी हुई, हालांकि चाय के वॉल्यूम थोड़े घटे हैं।
FY25 में टाटा कंज़्यूमर की वर्किंग कैपिटल स्थिति में बड़ा बदलाव देखने को मिला। कंपनी का नेट वर्किंग कैपिटल अब नेगेटिव हो गया है, यानी उसे अपने बिज़नेस को चलाने के लिए बाहर से नकद लाने की ज़रूरत नहीं रही। कैश कंवर्ज़न साइकिल भी FY24 में 29 दिन से घटकर FY25 में 21 दिन हो गई। हालांकि, इस साल कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) थोड़ा गिरकर 6.6% और रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड (RoCE) घटकर 9.5% हो गया, जो पिछली तेज़ ग्रोथ के मुकाबले सामान्य माने जा रहे हैं।
नुवामा का मानना है कि टाटा कंज़्यूमर का फोकस अब तेजी से बढ़ रहे प्रॉडक्ट्स पर है और कंपनी इन सेगमेंट्स में अपना दबदबा लगातार बढ़ा रही है। कोर बिज़नेस स्थिर है और नए बिज़नेस हाई ग्रोथ दे रहे हैं, जिससे कंपनी की कमाई और मुनाफा दोनों में मजबूती आती दिख रही है। इसीलिए ब्रोकरेज ने शेयर पर अपनी ‘BUY’ रेटिंग बरकरार रखते हुए 1,335 रुपए का टारगेट दिया है, जो इसकी BSE पर मौजूदा प्राइस ₹1061 से 26% का अपसाइड है।
डिस्क्लेमर: यह खबर ब्रोकरेज की रिपोर्ट के आधार पर है, निवेश संबंधित फैसले लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।