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Nifty पर बड़ा खतरा! अगर आज 25,372 के नीचे बंद हुआ तो गिर सकता है 1,000 अंक – क्या तैयार हैं आप?

इंडेक्स 11 कारोबारी सत्रों में 786 अंक टूटा; तकनीकी संकेतों के मुताबिक 25,372 के नीचे जाने पर और गिरावट संभव

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रेक्स कैनो   
Last Updated- November 07, 2025 | 11:34 AM IST

भारत के शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से कमजोरी जारी है। Nifty 50 इंडेक्स ने अपने अक्टूबर के हाई 26,104 से करीब 786 अंक (3%) की गिरावट दर्ज की है। 7 नवंबर 2025 को दिन के कारोबार में यह 25,360 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।

तकनीकी संकेत क्या बता रहे हैं?

Nifty 50

मौजूदा भाव: 25,360

संभावित टारगेट: 24,400

गिरावट का रिस्क: 3.8%

सपोर्ट: 25,372; 25,100

रेजिस्टेंस: 25,630; 25,800; 25,950

टेक्निकल चार्ट के मुताबिक, Nifty अभी अपने 20-दिन के मूविंग एवरेज (20-DMA) यानी 25,630 स्तर और सुपर ट्रेंड लाइन सपोर्ट 25,372 से नीचे है। ये दोनों स्तर किसी शेयर या इंडेक्स के शॉर्ट-टर्म ट्रेंड का संकेत देते हैं। 20-DMA आम तौर पर पहला सहारा होता है, जबकि सुपर ट्रेंड लाइन यह दिखाती है कि बाजार की छोटी अवधि की दिशा क्या है। अगर निफ्टी 25,372 के नीचे बंद होता है, तो यह संकेत होगा कि बाजार में शॉर्ट-टर्म ट्रेंड रिवर्सल यानी कमजोरी बढ़ सकती है।

Nifty में गिरावट की वजह क्या है?

विश्लेषकों के मुताबिक, इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह ग्लोबल मार्केट में कमजोरी है। अमेरिकी शेयर बाजार (वॉल स्ट्रीट) में हाल ही में टेक्नोलॉजी और एआई से जुड़ी कंपनियों में भारी बिकवाली हुई। कमजोर अमेरिकी नौकरी के आंकड़े, टेक कंपनियों में छंटनी, और एआई कंपनियों के ऊंचे वैल्यूएशन पर चिंता के चलते निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी। साथ ही, अमेरिका में सरकारी शटडाउन के चलते आर्थिक आंकड़ों का प्रकाशन रुक गया है। इससे निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ गई है और फेडरल रिजर्व की भविष्य की ब्याज दर नीति को लेकर असमंजस बना हुआ है।

आगे Nifty का क्या रुख रह सकता है?

टेक्निकल विश्लेषण के अनुसार, निफ्टी 25,372 के नीचे जाता है तो यह 25,100 के स्तर तक गिर सकता है, जो इसका 100-दिन का मूविंग एवरेज (100-DMA) है। यदि यह स्तर भी टूटता है, तो 24,400 तक गिरावट की संभावना बन सकती है। यानी मौजूदा स्तर से करीब 4% या 1,000 अंक की गिरावट।

वहीं अगर निफ्टी 25,372 के ऊपर टिकने में सफल रहता है, तो यह 25,630 (20-DMA) के ऊपर रिबाउंड (तेजी) दिखा सकता है। इसके बाद 25,800 से 25,950 के बीच रेजिस्टेंस (रुकावट) का स्तर रहेगा।

क्या मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर भी असर पड़ा है?

इक्विनॉमिक्स रिसर्च के फाउंडर जी. चोक्कालिंगम ने कहा कि लगभग एक-चौथाई मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बड़ी गिरावट आई है। इससे छोटे निवेशकों के लिए तरलता (liquidity) की समस्या बढ़ गई है। इसके अलावा, हाल में आए कई आईपीओ ने भी बाजार से पैसा खींच लिया है, जिससे समग्र निवेशक भावना कमजोर हुई है।

First Published : November 7, 2025 | 11:10 AM IST