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नौ महीने बाद फंड उद्योग में निकासी से अधिक रहा निवेश

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:22 AM IST

नौ महीनों के लंबे अंतराल के बाद आखिरकार इक्विटी म्युचुअल फंडों (एमएफ) में शुद्ध निवेश बढ़ा है। इसका मतलब है कि नौ महीने के बाद पहली बार इक्विटी योजनाओं में निकासी के मुकाबले निवेश अधिक रहा है। हालांकि इसके आधिकारिक आंकड़े अभी नहीं आए हैं मगर संकेत यही हैं कि एमएफ उद्योग अपनी इक्विटी योजनाओं में निवेशकों को आकर्षित करने में सफल रहा है। देश में म्युचुअल फंड उद्योग करीब 31 लाख करोड़ रुपये का है। जुलाई के बाद इक्विटी आधारित योजनाओं से निवेशकों ने 47,000 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार इक्विटी की विभिन्न श्रेणियों में प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में इजाफा हुआ है। पिछले महीने मोटे तौर पर बाजार का प्रदर्शन दमदार नहीं रहा, इसके बावजूद निवेशकों ने इक्विटी योजनाओं में रकम झोंकने में कोताही नहीं की। इतना ही नहीं, नौ महीनों तक लगातार निकासी झेलने के बाद एमएफ कंपनी बाजार में शुद्ध खरीदार रही हैं। मार्च में उन्होंने नकदी बाजार में 2,500 करोड़ रुपये लगाए हैं। जून और फरवरी के बीच इक्विटी फंड प्रबंधकों ने लगातार निकासी के दरम्यान देसी शेयरों से 1.24 लाख करोड़ रुपये निकाल लिए थे।
म्युचुअल फंड उद्योग के लोगों का कहना है कि निवेशक बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव पर नजर रख रहे थे और जब उन्होंने देखा कि बाजार शीर्ष स्तर से 7 प्रतिशत तक नीचे आ चुका है तो उन्होंने खरीदारी शुरू कर दी। इक्विटी योजनाओं में रकम आने के बाद फंड प्रबंधक बाजार में रकम लगाने का हौसला जुटा सकते हैं। यह फायदे का सौदा हो सकता है क्योंकि अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढऩे के बाद विदेशी निवेशक भारतीय शेयरों में अधिक निवेश नहीं कर रहे हैं।
लार्ज-कैप श्रेणी के अलावा दूसरी अहम इक्विटी श्रेणियों में भी निवेश बढ़ा है। उदहारण के लिए एम्फी की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार स्मॉल-कैप श्रेणी में प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति फरवरी के अंत में 66,665 करोड़ रुपये से बढ़कर 67,541 करोड़ रुपये हो गई। लार्ज- और मिड-कैप श्रेणियों की परिसपंत्तियां मार्च में 1.6 प्रतिशत बढ़कर 75,246 करोड़ रुपये हो गईं।
मार्च में बीएसई स्मॉल-कैप 250 सूचकांक में 0.7 प्रतिशत तेजी देखी गई। मार्च के इन आंकड़ों पर एसबीआई एमएफ के मुख्य कारोबारी अधिकारी डी पी सिंह ने कहा, ‘मार्च में रुझान बदला नजर आ रहा है और निवेश करने के लिए मौका तलाश रहे लोग भी बाजार में कूद चुके हैं। मुझे लगता है कि मार्च में शेयरों और सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (एसआईपी) में काफी निवेश  हुआ है।’
हालांकि फंड उद्योग के लोगों का कहना है कि बाजार लुढ़कने से निवेशकों को मौका जरूर मिला है लेकिन अनिश्चितता बढ़ी तो कुछ निवेशक पीछे भी हट सकते हैं। मझोले आकार की एक फंड कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘बाजार थोड़ा ठंडा जरूर पड़ा है, लेकिन अनिश्चितता और बढ़ गई है। बाजार एक सीमित दायरे में तेजी से ऊपर-नीचे जा रहा है। यह उत्साह बढ़ाने वाली बात नहीं है।
अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल वृद्घि और कोविड-19 मामलों में तेजी बाजार के लिए चुनौती पेश कर सकते हैं।’ हालांकि उन्होंने कहा कि कई योजनाओं ने पिछले एक वर्ष में शानदार प्रतिफल दिया है और निवेशक पहले हुए फायदे को देखकर निवेश के लिए उत्साहित हो सकते हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान लार्ज-और मिड-कैप योजनाओं, मिड-कैप योजनाओं और स्मॉल-कैप योजनाओं ने 73 से 105 प्रतिशत औसत प्रतिफल दिया है।

First Published : April 2, 2021 | 11:01 PM IST