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Adani bribery case: SEBI के रडार पर अदाणी ग्रुप, डिस्क्लोजर नियमों के उल्लंघन की कर सकती है जांच

सेबी ने स्टॉक एक्सचेंज के अधिकारियों से पूछा है कि क्या अदाणी ग्रीन रिश्वतखोरी के आरोपों में अमेरिकी न्याय विभाग की जांच का उचित तरीके से खुलासा करने में विफल रही है?

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एजेंसियां   
Last Updated- November 22, 2024 | 5:19 PM IST

Adani bribery case: मार्केट रेगुलेटर, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) इस बात की जांच कर रहा है कि क्या अदाणी ग्रुप (Adani Group) ने बाजार को प्रभावित करने वाली जानकारी का खुलासा करने से संबंधित नियमों का उल्लंघन किया है। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी।

ब्लूमबर्ग ने मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से बताया कि सेबी ने स्टॉक एक्सचेंज के अधिकारियों से पूछा है कि क्या अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड रिश्वतखोरी के आरोपों में अमेरिकी न्याय विभाग की जांच का उचित तरीके से खुलासा करने में विफल रही है? सूत्रों ने कहा कि यह तथ्य-जांच प्रक्रिया दो सप्ताह तक जारी रहने की उम्मीद है, जिसके बाद सेबी यह तय कर सकता है कि वह औपचारिक जांच शुरू करना चाहता है या नहीं।

15 मार्च को ब्लूमबर्ग न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिकी अभियोजक यह जांच कर रहे हैं कि क्या अदाणी ग्रुप की किसी इकाई या कंपनी से जुड़े लोग, जिनमें इसके अरबपति चेयरमैन भी शामिल हैं, भारत में एक ऊर्जा परियोजना पर अनुकूल निर्णय लेने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने में शामिल थे।

उस रिपोर्ट में, अदाणी ग्रुप ने कहा था कि उसे अपने चेयरमैन के खिलाफ किसी भी जांच की जानकारी नहीं है। साथ ही ग्रुप ने यह भी कहा था कि वह भारत और अन्य जगहों पर भ्रष्ट्राचार निरोधी कानूनों का पूरी तरह से पालन करता है। 19 मार्च को स्टॉक एक्सचेंज को दी गई एक फाइलिंग में, अदाणी ग्रीन ने कहा कि उसे पता है कि एक असंबंधित तीसरे पक्ष के खिलाफ अमेरिकी भ्रष्टाचार कानूनों के संभावित उल्लंघन को लेकर जांच चल रही है।

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अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी और उनके भतीजे सागर सहित सात अन्य लोगों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति दी थी। अदाणी समूह ने सभी आरोपों को निराधार बताया और कहा कि वह सभी संभावित कानूनी उपाय अपनाएगा।

भारत में स्टॉक एक्सचेंजों को फ्रंटलाइन रेगुलेटर माना जाता है, जिन्हें डिस्क्लोजर जैसे नियमों को लागू करने का कार्य सौंपा गया है। अमेरिकी अभियोग के बाद अदाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी के शेयर गुरुवार को 23% तक गिर गए, हालांकि शुक्रवार को कुछ हद तक नुकसान कम हुआ।

सेबी, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने इस संबंध में टिप्पणी के लिए भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया।

First Published : November 22, 2024 | 4:55 PM IST