केंद्र द्वारा दिसंबर 2021 में उद्योग के लिए नियम नोटिफाई किए जाने के बाद से आठ राज्यों ने डायरेक्ट सेलिंग (प्रत्यक्ष बिक्री करने वाली) इकाइयों की निगरानी के लिए गाइडलाइन नोटिफाई किए हैं।
केंद्र द्वारा उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) नियम, 2021 के तहत अधिसूचित नियमों में राज्य सरकार द्वारा निगरानी का प्रावधान है। प्रत्येक राज्य सरकार के लिए यह जरूर है कि वह डायरेक्ट सेलर्स और डायरेक्ट सेलिंग करने वाली इकाई की गतिविधियों की निगरानी या पर्यवेक्षण के लिए तंत्र स्थापित करे।
इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (IDSA) के चेयरमैन रजत बनर्जी ने कहा कि IDSA पहले से ही पांच राज्यों में निगरानी तंत्र का हिस्सा है। गाइडलाइन लाने वाले राज्यों में केरल को सबसे विस्तृत समझा जाता है। एक समान ढांचे के लिए IDSA बेंगलूरु के नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी के साथ भी काम कर रहा है। बनर्जी ने कहा कि यह क्षमता निर्माण के लिए है। इसके तैयार होने पर, हम इसे विभिन्न राज्य सरकारों के पास ले जा सकते हैं।
इन गाइडलाइन के साथ आने वाले आठ राज्यों में पश्चिम बंगाल भी शामिल है, जो डायरेक्ट सेलिंग रेवेन्यू के लिहाज से दूसरे स्थान पर आता है। पश्चिम बंगाल के उपभोक्ता मामलों के विभाग की प्रमुख सचिव रोशनी सेन ने कहा कि उनके कार्यालय को नामांकन के लिए डायरेक्ट सेलिंग करने वाली इकाइयों से 100 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
इस सूचीबद्धता से राज्यों को इकाइयों की निगरानी और पर्यवेक्षण करने में मदद मिलेगी। शुक्रवार को राज्य ने डायरेक्ट सेलिंग करने वाली इकाइयों के लिए ऑनलाइन नामांकन की भी शुरुआत की।
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सेन ने बताया कि हालांकि राज्य को 100 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, लेकिन IDSA के पास 18 सदस्य हैं और एसोसिएशन से अन्य कंपनियों को अपने दायरे में लाने का आह्वान किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य सरकार को मदद मिलेगी। वर्ष 2021-22 में भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग 19,020 करोड़ रुपये का रहा।
IDSA सदस्यों की संख्या लगभग 55 प्रतिशत थी। वर्ष 2021-22 की अवधि के लिए IDSA द्वारा जारी ‘भारत में प्रत्यक्ष बिक्री के वार्षिक सर्वेक्षण’ के अनुसार भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, वर्ष 2020-21 में प्राप्त वार्षिक बिक्री का आंकड़ा 18,067 करोड़ रुपये था।