Categories: बाजार

उभरते बाजारों से हफ्ते भर में दो अरब डॉलर निकले

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:38 PM IST


शेयर बाजारों में पिछले कुछ दिनों से चल रहे भारी उतार चढ़ाव को देखते हुए दुनिया भर के निवेशकों ने पिछले हफ्ते एशियाई बाजारों से करीब सत्तर करोड़ डॉलर निकाल लिए हैं जबकि उभरते बाजारों से करीब दो अरब डॉलर का निवेश निकाल लिया गया है।



उभरते बाजारों के फंड को ट्रैक करने वाली फर्म इमर्जिंग पोर्टफोलियो फंड रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने मार्च के दूसरे हफ्ते में उभरते बाजारों में लगा अपना ज्यादातर पैसा निकाल लिया है। इन निवेशकों को लगता है कि डॉलर की गिरती कीमत का एक्सपोर्ट से जुड़े कारोबार को खासा नुकसान होना है और उभरते बाजारों को अमेरिकी मंदी से अलग करके नहीं देखा जा सकता।



इन निवेशकों ने डाइवर्सिफाइड ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट्स

(जीईएम) फंड्स से 2.01 अरब डॉलर निकाले हैं जबकि एशिया के फंड्स से 71.40 करोड़ डॉलर का निवेश निकाला जा चुका है। इसके अलावा 12 मार्च को खत्म हुए हफ्ते में ईएमईए और लैटिन अमेरिकी फंड्स से इन निवेशकों ने 0.1 फीसदी निवेश निकाल लिया है। ब्रिक देशों (ब्राजील, रूस, भारत और चीन)के फंड्स की बात करें तो केवल रूस में इस दौरान फंड्स का इनफ्लो देखा गया जबकि बाकी ब्रिक देशों के फंड्स से पिछले चार हफ्तों में तीन बार पैसा निकाला जा चुका है।


 


हालांकि कमोडिटी बाजार की मजबूती ने ब्राजील और लैटिन अमेरिकी बाजारों को कुछ राहत दी है

, तभी इन बाजारों से 0.01 और 0.02 फीसदी का निवेश निकला है। लेकिन कुछ फंड मैनेजर और निवेशक कमोडिटी और एनर्जी के बाजार में अचानक आई इस भारी तेजी से थोड़ा चिंतित हैं। उनका मानना है कि बाजार और पैसा मुहैया कराने के फेडरल रिजर्व के प्रयासों से इस असेट क्लास यानी कमोडिटी और एनर्जी में और पैसा आना शुरू हो जाएगा, जो उचित नहीं होगा।

 


फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक

11 मार्च को फेडरल रिजर्व के इस ऐलान के बाद कि बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए वो 200 अरब डॉलर की मदद करेगा, डेट बाजार में तो पैसा आया लेकिन इसके बावजूद चार बड़े इमर्जिंग बाजारों के इक्विटी फंड्स से पैसा निकला है।
First Published : March 18, 2008 | 12:14 AM IST