वित्त मंत्रालय स्वास्थ्य बीमा के दावों की पारदर्शिता व उपभोक्ताओं की शिकायतों को कम करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म नैशनल हेल्थ क्लेम्स एक्सचेंज (एनएचसीएक्स) पर नियंत्रण चाहता है। अभी एनएचसीएक्स स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय के संपर्क में है।
सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘बीमा कंपनियों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और बीमित व्यक्तियों को एक ही मंच पर लाने का विचार है। इससे पारदर्शिता बढ़ाई जा सकेगी। इसके अलावा भारतीय बीमा विनियामक व विकास प्राधिकरण के तहत बेहतर विनियमन तय किया जा सकेगा। एनएचसीएक्स स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच और दावों को सुव्यवस्थित करने के लिए बीमा कंपनियों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और सरकारी बीमा योजना प्रशासकों को जोड़ता है।
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अधिकारी ने कहा ‘हम स्वास्थ्य बीमा दावों की प्रक्रिया को कहीं अधिक पारदर्शी बनाना चाहते हैं। कई मामलों में बीमाकर्ताओं और नियामकों ने यह देखा है कि अस्पताल बीमित व्यक्तियों के लिए बिल को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं।’
सूत्र ने आगे कहा कि इससे अस्पतालों और बीमाकर्ताओं दोनों की मोलभाव करने की क्षमता में सुधार होगा। अधिकारी ने कहा, ‘भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के तहत इसे लाने के बाद इससे बीमाकर्ताओं और बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य सेवा के साथ मोलभाव करने में अधिक मदद मिलेगी।’