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किसानों संग बातचीत रही बेनतीजा

Last Updated- December 14, 2022 | 8:34 PM IST

तीन केंद्रीय मंत्रियों और हजारों आंदोलनरत किसानों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत गुरुवार को बेनतीजा रही क्योंकि केंद्रीय नेताओं ने नए कृषि कानूनों को रद्द करने की उनकी मांग खारिज कर दी। किसान प्रतिनिधियों ने करीब आठ घंटे तक चली बातचीत के दौरान नाश्ता, चाय और पानी भी लेने से इनकार कर दिया।
सरकार ने करीब 40 किसान नेताओं को भरोसा दिया कि उनकी वाजिब चिंताओं का समाधान किया जाएगा,  लेकिन किसान नेताओं ने इन कानूनों में बहुत सी खामियों का मुद्दा उठाया। किसान नेताओं ने कहा कि ये कानून सितंबर में जल्दबाजी में पारित किए गए।
कृषि मंत्रालय ने ट्वीट किया कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के संदेह दूर किए। तोमर सरकार की तरफ से इस बातचीत की अगुआई कर रहे हैं। बाद में तोमर ने संवाददाताओं से कहा कि अगली बैठक शनिवार को दिन में दो बजे होगी।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि बैठक शनिवार को शुरू होगी क्योंकि समय की किल्लत के कारण किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका। किसान नेता नारेबाजी करते हुए बैठक स्थल से बाहर निकले। उन्होंने कहा कि बातचीत बेनतीजा रही। कुछ ने धमकी दी कि अगर गुरुवार की बैठक में कोई समाधान नहीं हुआ तो वे अगली बैठकों का बहिष्कार करेंगे।
एआईकेएससीसी (ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी) के कार्यसमूह की सदस्य और महाराष्ट्र एवं गुजरात के किसानों के प्रतिनिधि लोक संघर्ष मोर्चा की अध्यक्ष प्रतिभा शिंदे ने कहा, ‘हमारी तरह से बातचीत पूरी हो गई है। हमारे नेताओं ने कहा कि अगर आज सरकार ने कोई समाधान नहीं दिया तो वे अगली बैठकों में शामिल नहीं होंगे।’
एक अन्य किसान नेता कुलवंत सिंह संधु ने कहा कि सरकार ने एमएसपी और खरीद व्यवस्था समेत बहुत से प्रस्ताव रखे, जिन पर शनिवार को सरकार के साथ अगली बैठक से पहले शुक्रवार को किसान संगठनों के बीच चर्चा होगी। सूत्रों ने कहा कि सरकार ने तीन नए कानूनों पर विस्तृत प्रस्तुति दी और किसान कल्याण के अपने मकसद का दावा किया। हालांकि, केंद्रीय नेताओं ने विज्ञान भवन में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ चौथे दौर की बातचीत में सरकार की पहल को खारिज कर दिया। बैठक में तोमर के अलावा सरकार की ओर से रेलवे और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल रहे। सोम प्रकाश पंजाब से ही सांसद हैं।
बैठक में उपस्थित 40 किसान नेताओं ने सरकार की ओर से दोपहर के भोजन की पेशकश को नकार दिया और सिंधु बॉर्डर से वैन में भरकर लाए गए भोजन को प्राथमिकता दी। सिंधु बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान नए कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए डटे हुए हैं।
इन किसान नेताओं ने बैठक के दौरान दी गई चाय और पानी लेने से भी इनकार कर दिया।
पिछली दौर की वार्ता 1 दिसंबर को हुई थी लेकिन उसमें तीन घंटे की चर्चा के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला था। उसमें किसान समूहों ने सरकार की ओर से एक समिति के गठन के सुझाव को खारिज कर दिया था। सरकार एक समिति बनाकर नए कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की ओर से उठाए जा रहे मुद्दों पर विचार करना चाहती थी।

First Published - December 3, 2020 | 11:41 PM IST

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