महामारी से ओटीसी दवा की बढ़ी ताकत

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 2:45 AM IST

हाल में दवा कंपनियों ने ओवर द काउंटर (ओटीसी) उपभोक्ता स्वास्थ्य कारोबार पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है। पिछले साल डॉक्टरी पर्ची वाली कई दवाओं को ल्यूपिन और सिप्ला जैसी प्रमुख औषधि कंपनियों के ओटीसी पोर्टफोलियो में शामिल किया गया था। उपभोक्ता स्वास्थ्य उत्पादों के लिए किसी डॉक्टर से पर्ची लेने की आवश्यकता नहीं होती है और उसे दवा विक्रेताओं से सीधे तौर पर खरीदा जा सकता है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के मद्देनजर विश्लेषकों का मानना है कि ओटीसी दवाओं पर कंपनियों को जोर बरकार रहेगा क्योंकि डॉक्टरों के पास लोगों की आवाजाही फिलहाल कम हो गई है।
देश की शीर्ष 10 उपभोक्ता स्वास्थ्य कंपनियों में शामिल सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज (सन फार्मा) ने वित्त वर्ष 2020 की आनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि तमाम ब्रांडों को ओटीसी में जाने की प्रवृत्ति बढ़ रही थी। ल्यूपिन की ओटीसी इकाई ल्यूपिनलाइफ कंज्यूमर हेल्थकेयर ने वित्त वर्ष 2020 में इसी प्रवृत्ति पर ध्यान केंद्रित किया। पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने और भूख बढ़ाने वाली दवा ल्यूपिजाइम को ल्यूपिन के ओटीसी पोर्टफोलियो में शामिल कर लिया गया।
ल्यूपिनलाइफ कंज्यूमर हेल्थकेयर के प्रमुख अनिल कौशल ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान हमें पता चला कि अधिकतर उपभोक्ता उत्पाद वास्तव में एसओएस उत्पाद नहीं थे लेकिन ठीक उसी समय उपभोक्ता अपने स्वास्थ्य के प्रति कहीं अधिक जागरूक हो गए थे।’ उन्होंने कहा कि ओटीसी पर ध्यान केंद्रित करना एक ऐसा रास्ता था जिस ओर कई ब्रांडों ने रुख किया। उन्होंने कहा कि एक ऐसी दवा कंपनी जिसने समय के साथ-साथ डॉक्टरी पर्ची वाली दवा बाजार में अपनी उल्लेखनीय हिस्सेदारी हासिल कर चुकी है, उसके लिए ओटीसी की ओर रुख करना अच्छा रहेगा। दूसरी ओर, उपभोक्ता कंपनी को अपने ब्रांड की विश्वसनीयता के लिए काफी निवेश करना पड़ता है। पिछले चार-पांच महीनोंं के दौरान गंभीर उपचार श्रेणी में दवाओं की बिक्री काफी प्रभावित हुई है। इस श्रेणी में लोगों द्वारा डॉक्टरी पर्ची वाली दवाओं की खरीदारी से बिक्री को रफ्तार मिलती है। कौशल ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि ऐसा कब तक चलेगा। लेकिन यदि किसी दवा कंपनी का पोर्टफोलियो विविध है तो यह उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने का एक अवसर भी है।’
अहमदाबाद की दवा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर ने जड़ीबूटियों के अर्क के अलावा विटामिन सी, डी और ई के टैबलेट को बाजार में उतारा है जिसे सुपरम्यून नाम दिया गया है। मौजूदा वैश्विक महामारी के दौरान लोगा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उत्पादों के अलावा मल्टीविटामिन भी ले रहे हैं। कंपनी को इस श्रेणी में एक अवसर दिख रहा है।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमारा विचार उपभोक्ताओं की मांग को ध्यान में रखते हुए उत्पादों को उसी के अनुरूप तैयार किया जाए।’ उदाहरण के लिए, सिप्ला को आरएक्स (ब्रांडेड) और जीएक्स (जेनेरिक) दवाओं के बीच तालमेल बिठाने में अवसर दिख रहा है। इसलिए जेनेरिक दवा श्रेणी में उसका अच्छा कारोबार है।
सिप्लला के वैश्विक मुख्य वित्तीय अधिकारी केदार उपाध्याय ने कहा, ‘पर्चे वाली दवाओं के कारोबार में आप डॉक्टरों के संपर्क में रहते हैं लेकिन जेनेरिक दवाओं के कारोबार में मांग सृजित करनना कठिन होता है खासकर दूरदराज के क्षेत्रों में। हमारे जेनेरिक कारोबार के कुछ ब्रांड उपभोक्ता कारोबार में शामिल किए जाने के लिए उपयुक्त हैं। वे अब लगभग एफएमसीजी उपभोक्ता वस्तुओं की ही तरह काम करते हैं।’ कंपनी ने पर्ची वाली ब्रांडेट दवा कारोबार, जेनेरिक दवा कारोबार और उपभोक्ता स्वास्थ्य कारोबार को अपनी ‘वन इंडिया’ रणनीति के तहत सुदृढ़ किया है।
ओटीसी उपभोक्ता स्वास्थ्य उत्पादों का वैश्विक बाजार 2019 में करीब 141.5 अरब डॉलर था जिसे 4.3 फीसदी सीएजीआर के साथ बढ़कर 2024 तक 175 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

First Published : August 31, 2020 | 11:50 PM IST