कोरोनावायरस संक्रमण की लगातार तेज होती रफ्तार के बीच कोविड-19 सलाहकार पैनल ने लोगों को घरों के भीतर भी मास्क पहनने की सलाह देते हुए कहा है कि अगर आसपास कोविड-19 का कोई मरीज है तो फिर मास्क पहनना बेहद जरूरी है।
नीति आयोग के सदस्य एवं सलाहकार पैनल के प्रमुख वी के पॉल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में सोमवार को कहा कि अब घर के भीतर भी मास्क पहनने का वक्त आ चुका है। पॉल ने कहा, ‘हम पहले घरों के बाहर मास्क पहनने की हिदायत दिया करते थे लेकिन इस समय संक्रमण जिस तरह से बढ़ रहा है, उसमें घरों के भीतर होने पर भी मास्क पहनना उपयोगी होगा, खासकर जब आसपास कोई व्यक्ति कोविड पॉजिटिव हो।’
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैन्यबलों की तरफ से की गई कोविड तैयारियों का जायजा लिया। सैन्यबलों ने पिछले दो साल में सेवानिवृत्त हुए अपने सभी चिकित्सकीय स्टाफ को उनके घरों के करीब के कोविड प्रतिष्ठानों में तैनात करने की बात कही है। इसके अलावा सैन्यबल अपने चिकित्सा ढांचे को असैन्य प्रतिष्ठानों के सुपुर्द करने की भी तैयारी में हैं। तीनों सेनाओं के संयुक्त प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि नर्सिंग स्टाफ को बड़ी संख्या में अस्पतालों में तैनात किया जा रहा है ताकि डॉक्टरों को मदद मिल सके।
इसके अलावा सेनाओं के पास मौजूद ऑक्सीजन सिलिंडर भी अस्पतालों के उपयोग के लिए जारी कर दिए जाएंगे। सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से पैदा हो रही समस्याओं के मद्देनजर लोगों से घबराहट में न आने को कहा है। सरकार ने कहा है कि देश में मेडिकल ऑक्सीजन की समुचित मात्रा उपलब्ध है, समस्या सिर्फ उसके परिवहन की है। गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल ने कहा, ‘राज्य ऑक्सीजन की त्वरित आपूर्ति के लिए उद्योग जगत, ट्रांसपोर्टर एवं आपूर्तिकर्ताओं के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं।’
पिछले कुछ दिनों में देश में मेडिकल ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता बढ़ाई गई है। कुछ दिनों पहले तक देश में जहां 7,259 टन ऑक्सीजन का दैनिक उत्पादन हो रहा था वहीं 24 अप्रैल को यह बढ़कर 9,103 टन प्रतिदिन हो गया। सरकार ने ऑक्सीजन के समुचित इस्तेमाल का आह्वान करने के साथ ही सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मेडिकल ऑक्सीजन औद्योगिक इकाइयों को न दिया जाए ताकि अधिकतम मरीजों को ऑक्सीजन मिल सके। इसके अलावा राज्यों से यह भी कहा गया है कि नाइट्रोजन एवं एर्गान टैंकरों को भी ऑक्सीजन के भंडारण के लायक बनाएं। गोयल ने बताया कि दूसरे देशों से भी टैंकर मिल रहे हैं। हम खाली कंटेनरों को एयरलिफ्ट कर जल्दी से ऑक्सीजन टैंकर मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं। रेलवे मंत्रालय ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में स्थित नौ रेलवे स्टेशनों पर 2,670 कोविड केयर बिस्तर वाली सुविधाएं तैयार की हैं। कोविड की दूसरी लहर में रोजाना करीब 3.5 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं जो पहली लहर में आए चरम स्तर का करीब चार गुना है। अधिकांश राज्यों में पहली लहर की तुलना में इस बार तीन से पांच गुना नए मामले सामने आ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 82 फीसदी मरीज ठीक भी हो चुके हैं। कोविड संक्रमण की पुष्टि के लिए किए जाने वाले आरटी-पीसीआर जांच में हो रही देरी के सवाल पर एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि छाती का सीटी स्कैन, खून की जांच रिपोर्ट और मरीज के लक्षणों के आधार पर तैयार क्लिनिकल डायग्नोसिस भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है। डॉ गुलेरिया कहते हैं, ‘जिस तरह से मामले बढ़ रहे हैं, उसमें आरटी-पीसीआर जांच की पुष्टि नहीं होने के बावजूद मरीज का इलाज कोविड संक्रमित मानकर करना चाहिए। लोगों को खुद को आइसोलेट करने के लिए जांच रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना चाहिए।’