कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए टीके पहुंचाना शुरू कर दिया गया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पुणे संयंत्र से आज तड़के 5 बजे तापमान नियंत्रण की सुविधा वाले तीन ट्रक टीके लेकर निकल पड़े। देश में 1995 के पल्स पोलियो के बाद पहली बार इतने बड़े स्तर पर हो रहे टीकाकरण के लिए टीके लेकर ट्रक सीधे पुणे हवाई अड्डा पहुंचे। वहां टीके स्पाइसजेट के खास बोइंग-737 विमान में चढ़ाए गए और टीके के 22 डिब्बे लेकर विमान उड़ गया। करीब 32 किलोग्राम वजन वाले हरेक डिब्बे में कोविशील्ड टीके की करीब 12,000 खुराक थीं और ठंडा रखने वाले जेल से भरी थैलियां भी थीं। कुछ देर बाद गोएयर की एक उड़ान चेन्नई के लिए गई और कुल 9 विमानों के जरिये 56 लाख से ज्यादा टीके 13 शहरों के लिए भेज दिए गए।
पहले आशंका जताई जा रही थी कि शीत भंडारण की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण टीके रखने में दिक्कत आएगी। मगर ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका का टीका कोविशील्ड फाइजर के टीके के मुकाबले अधिक तापमान पर सुरक्षित रखा जा सकता है।
टीके से भरे 23 डिब्बे अहमदाबाद पहुंचाने वाली विमानन कंपनी एयर इंडिया में माल परिवहन विभाग के प्रमुख निर्भीक नारंग ने बताया, ‘हम टीके ले जाने में सूखे बर्फ का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं क्योंकि जेल पैक से ही तापमान सही बना हुआ है। मगर टीके देश से बाहर ले जाने के लिए शुष्क बर्फ का इस्तेमाल किया जा सकता है।’ पुणे से कोविशील्ड के डिब्बे जब दिल्ली पहुंचे तो हवाई अड्डे से उन्हें सीधे गोदाम पहुंचा दिया गया। दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट के मुख्य कार्याधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा, ‘हम टीके का परिवहन कुशलता के साथ करने के लिए पिछले कुछ महीनों से निर्यातकों, आयातकों, माल ढुलाई करने वाली कंपनियों, सरकार, पुलिस आदि के साथ नियमित रूप से संपर्क में थे। टीके का परिवहन आसान बनाने के लिए हमारे हवाईअड्डा पर एयर कार्गो टर्मिनल चौबीसों घंटे काम करेगा।’
दिल्ली, कोलकाता, बेंगलूरु और चेन्नई हवाईअड्डों पर टीके पहुंचने के बाद उन्हें ट्रकों से अस्पताल पहुंचाया गया। वहां से उन्हें देश के 718 जिलों में हजारों नर्सिंग होम और अस्पताल तक भेज जाएगा। दिल्ली हवाईअड्डे से टीके राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पहुंचाने वाली कंपनी कूल-एक्स कोल्ड चेन के सह-संस्थापक कुणाल अग्रवाल ने कहा, ‘टीका ले जाना हमारे लिए नई बात नहीं है, बस इस बार टीका नया था। सीरम और भारत बायोटेक हमारी पुरानी ग्राहक हैं। हमारे ट्रक थोक में टीके लंबी दूरी तक ले जाते हैं।’
टीके का परिवहन करने वाले ट्रकों की भी जांच की गई है गुणवत्ता संबंधी बातोंं पर खरा उतरने के बाद ही इन्हें काम में लगाया गया है।