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पहले इतनी निर्णायक सरकार नहीं रही: मोदी

Last Updated- December 12, 2022 | 12:21 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयर इंडिया के निजीकरण समेत व्यापक सुधारों के अपनी सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए सोमवार को कहा कि देश में कभी इतनी निर्णायक सरकार नहीं रही। देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में सहभागिता निभाने की आकांक्षा रखने वाले उद्योगों के संगठन इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि खनन, कोयला, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्र निजी उद्योगों के लिए खोले गए हैं और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बारे में उनकी सरकार की स्पष्ट नीति है कि जहां उसकी उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है, उन क्षेत्रों को निजी उद्योगों के लिए खोला जाए।
 उन्होंने कहा कि अनेक क्षेत्रों को निजी उद्योगों के लिए खोलते हुए सरकार ने एक नियामक माहौल बनाया है जिसमें राष्ट्रीय हित को और विभिन्न पक्षों के हितों को प्राथमिकता दी गई है। मोदी ने घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया का निजीकरण करने में सरकार की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उसकी प्रतिबद्धता और गंभीरता को दर्शाता है। अंतरिक्ष क्षेत्र के लोगों द्वारा अपने विचार साझा किए जाने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की क्षमताओं पर यह अडिग विश्वास 21वीं सदी में सुधार लाने में अहम भूमिका निभा रहा है कि वह दुनिया के किसी अन्य देश से रत्ती भर भी कम नहीं है। उन्होंने कहा, ‘इस दिशा में किसी भी अवरोध को हटाने की जिम्मेदारी सरकार की है और सरकार इसके लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही। भारत में कभी इतनी निर्णायक सरकार नहीं रही।’ मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र और प्रौद्योगिकी से जुड़े सुधार इन प्रयासों का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि एक समय अंतरिक्ष क्षेत्र सरकारी क्षेत्र के समानार्थी बन गया था लेकिन उनकी सरकार ने इस सोच को बदला है। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए एक दिशा में नवाचार का समय नहीं है, बल्कि बहुआयामी नवोन्मेषिता का समय है और यह तब संभव होगा जब सरकार सामथ्र्य प्रदान करने की भूमिका निभाएगी ना कि संभालने वाले की।
उन्होंने कहा, ‘भारत में इतने बड़े स्तर पर सुधार दिख रहे हैं क्योंकि उसका दृष्टिकोण स्पष्ट है, जो आत्मनिर्भर भारत बनाने का है। यह केवल एक दृष्टिकोण नहीं है बल्कि सुविचारित योजना और समेकित आर्थिक रणनीति भी है। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण का केंद्र बनाना है।’ मोदी ने कहा कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है जिनके पास अंतरिक्ष क्षेत्र में एक सिरे से दूसरे सिरे तक निर्बाध आपूर्ति वाली प्रौद्योगिकी है। उन्होंने कहा कि सरकार साझेदार के रूप में उद्योगों, युवा नवोन्मेषकों और स्टार्ट-अप की मदद कर रही है और करती रहेगी। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के लिए सरकार के प्रयास चार स्तंभों पर आधारित हैं, जिनमें निजी क्षेत्र को नवोन्मेषिता की स्वतंत्रता देना, सरकार की सामथ्र्य प्रदान करने की भूमिका निभाना, युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना तथा क्षेत्र की कल्पना आम आदमी के विकास में सहायता प्रदान करने वाले स्रोत के रूप में करना शामिल हैं।
 प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष और अंतरिक्ष क्षेत्र पर राज करने की कोशिश की प्रवृत्ति ने 20वीं सदी में दुनिया को बांट दिया था और भारत को 21वीं सदी में सुनिश्चित करना होगा कि यह क्षेत्र दुनिया को जोडऩे और एकजुट करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र 130 करोड़ देशवासियों की प्रगति का बड़ा माध्यम है। अंतरिक्ष क्षेत्र का यह भी आशय है कि उद्यमियों के लिए सामान भेजने से लेकर आपूर्ति तक बेहतर गति। इससे आशय मछुआरों के लिए बेहतर सुरक्षा तथा आय से भी है। मोदी ने कहा कि पिछले सात साल में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अंतिम छोर तक आपूर्ति का तथा पारदर्शी शासन का साधन बन गई है। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी हितधारकों के सुझावों के माध्यम से एक बेहतर स्पेसकॉम और सुदूर संवेदी नीति जल्द सामने आएगी जो अंतिम चरणों में है।
मोदी-जॉनसन की  कई मुद्दों पर चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को टेलीफोन पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने ब्रिटेन द्वारा भारतीय टीके को मान्यता दिए जाने का स्वागत किया और तालिबान के मुद्दे पर समन्वित अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता पर सहमति जताई। ब्रिटेन ने चार दिन पहले घोषणा की थी कि उन भारतीय यात्रियों, जिन्होंने कोविशील्ड की दोनों खुराक या इसके द्वारा अनुमोदित किसी अन्य टीके की सभी खुराक लगवाई होगी, उन्हें 11 अक्टूबर से आगमन पर 10 दिन के क्वारंटीन में रहने की आवश्यकता नहीं होगी। बयान में कहा गया है कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने कोरोनावायरस के खिलाफ साझा लड़ाई और अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सावधानीपूर्वक खोलने के महत्त्व पर चर्चा की।

First Published - October 11, 2021 | 11:14 PM IST

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