गुजरात सरकार टाटा पावर मुंद्रा, अदाणी पावर और एस्सार पावर से कुल 7,180 मेगॉवाट बिजली खरीदने के लिए बिजली खरीद अनुबंध (पीपीए) में संशोधन करने के लिए अपने पिछले फैसले से पीछे हट गई है। राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार, सरकार के पिछले प्रस्ताव के तहत ये कंपनियां अधिक शुल्क दरें वसूल सकती थीं लेकिन अब उसे रद्द कर दिया गया है। राज्य सरकार अब मौजूदा पीपीए के इतर इन इकाइयों से अलग-अलग पूरक पीपीए पर हस्ताक्षर करेगी।
यह प्रस्ताव नवंबर 2018 में उस समय जारी किया गया था जब राज्य सरकार द्वारा गठित एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने पीपीए के लिए नई शर्तों का सुझाव दिया था। इसमें बढ़ी हुई लागत का भार उपभोक्ताओं, लेनदारों और परियोजना डेवलपर के कंधों पर डालने की बात कही गई थी।
राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि कोयला की कीमतों में नरमी के साथ ही पारंपरिक बिजली के लिए परिस्थिति अब बदल चुकी है। इसलिए पूरक पीपीए के मद्देनजर बढ़ी हुई शुल्क दरें राज्य सरकार के लिए अब व्यावहारिक नहीं रह गई है। राज्य सरकार की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि अब वह एस्सार पावर और टाटा पावर के साथ पूरक पीपीए पर हस्ताक्षर करेगी जबकि टाटा पावर फिलहाल राज्य सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रही है। जहां तक अदाणी पावर का सवाल है तो पूरक पीपीए का मामला फिलहाल केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) के पास लंबित है।
गुजरात सरकार का यह निर्णय ऐसे समय में सामने आया है जब महज एक सप्ताह पहले महाराष्ट्र सरकार ने सीजीपीएल के लिए संशोधित शुल्क दरों को मंजूरी देने के लिए सहमति जताई थी। महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (एमएसईडीसीएल) को सीजीपीएल के लिए संशोधित शुल्क दरों के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मिली थी। इस संबंध में एक खबर इस समाचार पत्र में भी प्रकाशित हुई थी।
टाटा पावर ने अपनी हालिया वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि कोस्ट्रल गुजरात पावर लिमिटेड (सीजीपीएल) राज्य सरकारों के साथ मौजूदा पीपीए के इतर एक पूरक पीपीए पर हस्ताक्षर कर सकती है। सीजीपीएल गुजरात के मुंद्रा में टाटा पावर की अल्ट्रा मेगा बिजली परियोजना है।
गुजरात सरकार की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि सीजीपीएल ने जिस शुल्क दर पर पूरक पीपीए पर हस्ताक्षर करेगी वह उसके मौजूदा पीपीए एवं अन्य राज्य सरकारों के पीपीए के मुकाबले कम होगी।
वार्षिक रिपोर्ट में कहहा गया है कि गुजरात और महाराष्ट्र की सरकारें पूरक पीपीए के लिए अलग-अलग समझौते पर हस्ताक्षर करेंगी। इस बीच, गुजरात सरकार ने अपने राज्य में मौजूदा आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के लिए एक राहत योजना तैयार करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की है।
