दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लगाए गए सप्ताहांत कर्फ्यू में जरूरी एवं गैर-जरूरी सामान की दिल्ली के भीतर और अंतर-राज्यीय आवाजाही एवं परिवहन और सभी आवश्यक वस्तुओं की डिलिवरी की मंजूरी दी है। दिल्ली में सप्ताहांत कर्फ्यू शुक्रवार रात 10 बजे से शुरू होगा। दिल्ली सरकार ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की डिलिवरी करने वाले लोगों समेत कुछ श्रेणियों के लोगों को शहर में आवाजाही की मंजूरी दी जाएगी, लेकिन उन्हें राज्य सरकार की वेबसाइट पर पास के लिए आवेदन करना होगा। इस आदेश में जरूरी और गैर-जरूरी सामान को लेकर भ्रम की स्थिति दूर की गई है। दिल्ली सरकार ने सभी प्रकार के सामान की शहर के भीतर और अंतर-राज्यीय आवाजाही को मंजू्री दी है। महाराष्ट्र में इसे लेकर स्थिति दो दिन में स्पष्ट हो पाई है।
दिल्ली सरकार ने दूरसंचार, इंटरनेट सेवा, प्रसारण एवं केबल सेवा, आईटी एवं आईटी आधारित सेवाओं के तहत सेवा प्रदाताओं को आवाजाही की मंजू्री दी है। महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार देर रात साफ किया कि राज्य जोमैटो और स्विगी जैसी ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं के जरिये सप्ताह के सभी दिन 24घंटे खाद्य एवं आवश्यक चीजों की ऑनलाइन होम डिलिवरी को मंजूरी देगा।
उद्योग की संस्था नैसकॉम ने बुधवार को महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम के सीईओ, उद्योग एवं आंतरिक कारोबार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव, गृह मामलों के सचिव को एक पत्र लिखा था। इसमें आग्रह किया गया था कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को सभी माल एवं सेवाएं मुहैया कराने की मंजूरी दी जाए। उन पर आवश्यक वस्तु एवं सेवाओं की बंदिश नहीं लगाई जाए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि डीपीआईआईटी ने इस मामले में अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
नैसकॉम ने कहा, ‘इस संदर्भ में हमारा मानना है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को सभी तरह की वस्तुएं एवं सेवाएं आपूर्ति करने की मंजूरी देने से बहुत कम लोगों को वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए अपने घरों से बाहर निकलना पड़ेगा। ऐसी चीजें मंगवाने की मंजूरी देने से न केवल दैनिक गतिविधियों में अवरोध रुकेगा बल्कि इससे कोविड-19 के प्रसार पर भी अंकुश लगेगा।’
नैसकॉम ने अपने पत्र में कहा है कि अप्रैल 2020 में केंद्र सरकार ने भी ई-कॉमर्स कंपनियों को सभी वस्तुओं एवं सेवाओं की डिलिवरी की मंजूरी दी थी। उद्योग पिछले एक साल से महामारी के प्रसार पर अंकुश के लिए संपर्क रहित डिलिवरी समेत सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।
कोविड-19 के मामले बढऩे से आंशिक लॉकडाउन या कर्फ्यू लगाने के बारे में विचार करने वाले राज्यों की तादाद बढ़ती जा रही है। ऐसे में ऑनलाइन डिलिवरी के लिए पिछले साल के समान हालात दिखने लगे हैं। ई-कॉमर्स उद्योग कह रहा है कि जरूरी एवं गैर-जरूरी का भेद किए बिना सभी तरह की वस्तुओं की डिलिवरी को मंजूरी दी जानी चाहिए। दूसरी तरफ ऑफलाइन कारोबारियों का कहना है कि अगर ई-कॉमर्स कंपनियों को बिना किसी भेद के परिचालन की मंजूरी दी जा रही है तो उन्हें भी दुकानें खोलने की मंजूरी दी जानी चाहिए।