देश भर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर फैलने और तीसरी लहर आने की आशंका बढऩे के कारण शॉपिंग मॉल में निवेश करने वालों ने हाथ रोक लिए हैं। मॉल बनाने वालों ने निर्माण कार्य ठप कर दिया है और जो 2021 में नए मॉल शुरू करने वाले थे, उन्होंने अपनी परियोजनाएं टाल दी हैं। मॉल में तगड़ा निवेश करने वाले कई निवेशक या तो अपनी संपत्तियां बेच सकते हैं या रणनीति में बदलाव कर मॉल के एक हिस्से को दफ्तरों, को-वर्किंग स्पेस आदि में बदल सकते हैं ताकि नुकसान की कुछ भरपाई हो सके।
2021 में देश भर में करीब 2.2 करोड़ वर्ग फुट क्षेत्रफल के 54 नए मॉल बनने की उम्मीद थी। लेकिन कॉलियर्स इंडिया के अनुसार अब तक केवल 5 नए मॉल ही इस बार खोले जाने की उम्मीद है, जिनका कुल क्षेत्रफल 25 लाख वर्ग फुट है। हालांकि साल के अंत तक 60 लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल में मॉल तैयार हो सकते हैं। कॉलियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक (मूल्यांकन) अजय शर्मा ने कहा, ‘इनमें से करीब 68 फीसदी मॉल महानगरों में और शेष मझोले शहरों में बनने की उम्मीद है। लेकिन अब हमें लग रहा है कि इनमें से 30 फीसदी मॉल मालिकों को अपनी संपत्तियां नए खरीदार को बेचनी पड़ सकती हैं या मुनाफे में आने के लिए वे संपत्ति का इस्तेमाल बदल सकते हैं। इसकी वजह कोरोना की दूसरी लहर और संभावित तीसरी लहर हैं, जिनकी वजह से कारोबार पर चोट पड़ रही है।’ उद्योग के अनुमान के अनुसार मॉल परियोजनाओं में करीब 14,000 करोड़ रुपये लगाए जाने थे, जिनका काफी हिस्सा लग चुका है।
शॉपिंग सेंटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन और इनफिनिटी मॉल के मुख्य कार्याधिकारी मुकेश कुमार ने कहा, ‘मॉल में बहुत कम लोग आ रहे हैं, जिस कारण कोई भी बड़ा मॉल नहीं खोलना चाह रहा है और सही वक्त का इंतजार किया जा रहा है। मॉल निर्माण फिर रुक गया है और दूसरी या तीसरी तिमाही या अगले साल काम शुरू होने की उम्मीद है।’
मौजूदा शॉपिंग मॉल मालिकों को भी इस साल भारी नुकसान हो सकता है। कुमार ने कहा कि मॉल उद्योग को हर महीने 15,000 से 18,000 करोड़ रुपये खुदरा आय होती है, जिसमें 15 फीसदी किराये से होने वाली आय है। उन्होंने कहा, ‘मॉल दो महीने पूरी तरह बंद रहे हैं, जिससे रिटेलरों के साथ मॉल मालिकों को भी नुकसान हुआ है। हम उम्मीद करते हैं कि जून के मध्य से मॉल खुलना शुरू होंगे और जुलाई से ग्राहक भी आने लगेंगे। ऐसे में पिछले साल की तरह मॉल तीन या साढे तीन महीने बंद नहीं रहेंगे और किराये का नुकसान पिछली बार से कम होगा।’ मगर मॉल मालिकों इस दो महीने में किराये के मद में 4,500 से 6,400 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है।