अहमदाबाद के बीच जो बहुचर्चित भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना कानूनी पचड़े में फंसती जा रही है। महाराष्ट्र सरकार और गोदरेज कंपनी के एक दूसरे के ऊपर वादा खिलाफ का आरोप लगा रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे उच्च न्यायालय को बताया कि उपनगरीय विक्रोली में गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड के स्वामित्व वाले भूखंड को छोड़कर, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिस पर अदालत पांच दिसंबर से सुनवाई शुरु करेगी।
विक्रोली में कंपनी के स्वामित्व वाले भूखंड के अधिग्रहण को लेकर राज्य सरकार और कंपनी के बीच 2019 से कानूनी विवाद है। मुंबई और अहमदाबाद के बीच कुल 508.17 किमी लंबी रेललाइन में से करीब 21 किमी लाइन भूमिगत होगी। भूमिगत लाइन के लिए बनाई जाने वाली सुरंग के प्रवेश बिंदुओं में से एक विक्रोली में पड़ता है जो गोदरेज के स्वामित्व वाली भूमि पर है। इस सुरंग की शुरुआत मुंबई के विक्रोली इलाके से होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने मार्च 2018 में विक्रोली के इस प्लॉट को लेने की प्रक्रिया जमीन अधिग्रहण कानून 2013 के तहत शुरू की. कंपनी का कहना है कि नुकसान भरपाई को लेकर सुनवाई को अब 26 महीने से ज्यादा का समय गुजर गया है। ऐसे में पुरानी दरों पर किया गया करार अब रद्द होता है।
न्यायमूर्ति आर. डी. धानुका और न्यायमूर्ति एस. जी. दिगे की पीठ ने सोमवार को कहा कि वह पांच दिसंबर से याचिका की सुनवाई शुरू करेगी। कंपनी ने पिछले महीने एक याचिका दायर कर बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की खातिर महाराष्ट्र सरकार के 15 सितंबर के आदेश को चुनौती दी है।
राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी ने कहा कि यह मामला अत्यावश्यक है क्योंकि परियोजना अटकी हुई है। परियोजना के लिए मुंबई से अहमदाबाद तक भूमि की जरूरत है। गोदरेज के स्वामित्व वाली जमीन को छोड़कर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। उन्होंने अनुरोध किया कि अदालत जल्द से जल्द याचिका पर सुनवाई शुरू करे क्योंकि राज्य सरकार ने अधिग्रहण के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं।
बुलेट ट्रेन की जमीन के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जा रही 264 करोड़ रुपए की नुकसान भरपाई की रकम के खिलाफ गोदरेज ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मुंबई के विक्रोली इलाके में 10 हेक्टेयर की जमीन को बुलेट ट्रेन के लिए लेने की तैयारी राज्य सरकार ने शुरू की है। कंपनी बॉम्बे हाईकोर्ट से इस जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग कर रही है । राज्य सरकार 264 करोड़ की रकम ही नुकसान भरपाई के लिए देने पर अड़ी हुई है।
अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी। यह बुलेट ट्रेन ई5 सीरीज ट्रेन हिताची और कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज द्वारा निर्मित जापानी शिंकानसेन हाई-स्पीड ट्रेन का ही एक प्रकार है। अहमदाबाद से मुंबई के बीच हाई स्पीड बुलेट ट्रेन बनने के बाद 508 किलोमीटर की यात्रा को 2 घंटे 58 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। फिलहाल इसे पूरा करने में 6 घंटे से अधिक का समय लगता है।
बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला, 14 सितंबर, 2017 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रखी थी। एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत वाली बुलेट ट्रेन परियोजना के दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद थी। लेकिन अब इसका समय पर पूरा होना मुश्किल दिखता है। बुलेट ट्रेन के रूट पर 12 स्टेशन होंगे। इनमें से आठ गुजरात में और चार महाराष्ट्र में होंगे। इसका संचालन नियंत्रण केंद्र अहमदाबाद के साबरमती में स्थित होगा। इसके तीन डिपो होंगे, एक-एक गुजरात के सूरत और साबरमती में और एक महाराष्ट्र के ठाणे में।