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मकानों की बिक्री में मुंबई का बेहतर प्रदर्शन

Last Updated- December 14, 2022 | 9:58 PM IST

देश के अन्य प्रॉपर्टी बाजारों की तुलना में मुंबई का आवासीय रियल एस्टेट बाजार बेहतर प्रदर्शन करता नजर आ रहा है। सलाहकारों व िवश्लेषकों का कहना है कि डेवलपरों की ओर से दी जा रही छूट, स्टांप शुल्क में की गई हाल की कटौती और मांग बढऩे से मदद मिली है।
मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में कैलेंडर वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में करीब 9,200 मकानों की बिक्री हुई है, जबकि इसके पहले की तिमाही में 3,600 मकानों की बिक्री हुई थी। यह चेन्नई को छोड़कर किसी भी शहर की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा बिक्री है। एनॉराक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट की हाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि चेन्नई में 2020 की दूसरी तिमाही का आधार कम था। एनॉरॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘ऐसा मुख्य रूप से इसलिए हुआ है कि अंतिम उपभोक्ता आगे आ रहे हैं और तमाम लुभावने पेशकश व छूट का लाभ उठा रहे हैं। इसमें से ज्यादातर पेशकश में ग्राहकों को सीधे वित्तीय लाभ मिल रहा है।’
राज्य सरकार ने सीमित अवधि के लिए स्टांप शुल्क में कमी की है, उसका भी फायदा मिल रहा है। दिसंबर 2020 तक  इसे 2 प्रतिशत और जनवरी से मार्च 2021 तक 3 प्रतिशत कर दिया गया है।  
कुल मिलाकर इन सभी पेशकश से प्रॉपर्टी की कीमतों में कमी आई है और 7-15 प्रतिशत फायदा मिल रहा है। पुरी ने कहा कि इसकी वजह से ग्राहक बेहतर सौदे करने की कवायद कर रहे हैं।
एक और पहलू यह है कि एमएमआर में सस्ती और मझोली श्रेणी (1.5 करोड़ रुपये तक) के नए मकान पिछले कुछ साल के दौरान बने हैं। 2018 से 2020 की तीसरी तिमाही तक एमएमआर में 1.56 लाख मकान बने हैं, जिनमें से सस्ते व मझोले मकानों की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत या 1.33 लाख मकान है।
प्रॉपर्टी डेवलपर भी मकानों की बिक्री में तेजी देख रहे हैं। गोदरेज प्रॉपर्टीज के मोहित मल्होत्रा ने कहा, ‘बेहतर बिक्री हो रही है। पहली तिमाही में हमने 1,500 करोड़ रुपये की बिक्री की डिलिवरी दी है, जबकि दूसरी तिमाही में भी सकारात्मक आंकड़े हैं।’ ओबेरॉय रियल्टी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक विकास ओबेरॉय ने कहा कि उनकी कंपनी पहले ही बिक्री में तेजी देख रही है। उन्होंने कहा, ‘हमने परिणाम घोषित किए हैं, जिससे साफ पता चलता है कि इस तिमाही में प्रदर्शन पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में बेहतर रहा है। ऐसे में यह मानने की सभी वजहें हैं कि अगली तिमाही में भी स्थिति बेहतर रहेगी।’
एमके ग्लोबल फाइनैंसियल सर्विसेज की हाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई एकमात्र बाजार है, जहां वित्त वर्ष 2020 में मांग स्थिर है और नई पेशकश घटी है, जबकि अन्य बाजारों में मांग व आपूर्ति दोनों कम हुई है।
 कैलेंडर वर्ष  की चौथी तिमाही में त्योहारी सीजन के दौरान अन्य बाजारों की तुलना में मुंबई बाजार बेहतर रहने की उम्मीद की जा रही है। एनॉराक की हाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर-दिसंबर के दौरान  बिक्री मेंं 33 से 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि ग्राहकों को स्टांप शुल्क छूट, डेपलपर छूट और अनन्य छूट सीमित अवधि के लिए मिल रही है और होम लोन पर ब्याज दरें भी कम हैं।
बेंगलूरु और पुणे को छोड़कर ज्यादातर बाजारों में कैलेंडर वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में मकानों की बिक्री 20 से 30 प्रतिशत बढऩे की उम्मीद है।

हरित प्रमाणपत्रों का कारोबार 25 नवंबर से फिर शुरू होने की उम्मीद
अक्षय ऊर्जा प्रमाणपत्रों (आरईसी) का कारोबार चार महीने के अंतराल के बाद 25 नवंबर से फिर शुरू होने की उम्मीद है। बिजली अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) ने आरईसी मूल्य के मुद्दे पर सुनवाई पूरी कर ली है और वह इस पर जल्द अंतिम फैसला सुना सकता है। आरईसी या हरित प्रमाणपत्रों की खरीद-फरोख्त इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) तथा पावर एक्सचेंज इंडिया (पीएक्सआईएल) में प्रत्येक माह के अंतिम बुधवार को होती है। केंद्रीय बिजली नियामक आयोग (सीईआरसी) द्वारा आरईसी का न्यूनतम मूल्य तय करने से संबंधित तीन अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई करते हुए एपीटीईएल ने इस साल जुलाई में हरित प्रमाणपत्रों की खरीद-फरोख्त को चार सप्ताह तक स्थगित कर दिया था। पीएक्सआईएल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रभजीत कुमार सरकार ने कहा, ‘न्यायाधिकरण ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली है और अपना फैसला सुरक्षित रखा है। हमें उम्मीद है कि अंतिम निर्णय जल्द आएगा।’     भाषा

First Published - November 2, 2020 | 12:34 AM IST

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