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Trump Tariff से डरना क्यों जरूरी, सबसे ज्यादा सवा 11 लाख करोड़ का है India- US Trade

भारत पिछले 4 साल से सबसे ज्यादा बिजनेस US के साथ कर रहा है, और Trump Tariff को लेकर यहीं चिंता का विषय है। 

Last Updated- April 17, 2025 | 7:18 PM IST
India US Trade
प्रतीकात्मक तस्वीर

वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका लगातार चौथी बार भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा जिससे दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर याने 11 लाख 25 हजार 925 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं, इसी अवधि में चीन के साथ देश का व्यापार घाटा बढ़कर 99.2 अरब डॉलर हो जाएगा। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी मिली। 

वित्त वर्ष 2024-25 में चीन को भारत का निर्यात 14.5 प्रतिशत घटकर 14.25 अरब डॉलर रह गया, जबकि 2023-24 में यह 16.66 अरब डॉलर था। हालांकि, 2024-25 में आयात 11.52 प्रतिशत बढ़कर 113.45 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 में यह 101.73 अरब डॉलर था। चीन के साथ व्यापार घाटा पिछले वित्त वर्ष में करीब 17 प्रतिशत बढ़कर 99.2 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2023-24 में 85.07 अरब अमेरिकी डॉलर था। 

कभी चीन से होता था सबसे ज्यादा कारोबार, आज भी है नंबर दो पर- 

चीन 2024-25 में 127.7 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा। दोनों देशों के बीच 2023-24 में 118.4 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चीन 2013-14 से 2017-18 तक और 2020-21 में भी भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार था। चीन से पहले, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) देश का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। 2021-22 से अमेरिका सबसे बड़ा साझेदार रहा था। संयुक्त अरब अमीरात गत वित्त वर्ष में 100.5 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा। 

वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका को भारत का निर्यात 11.6 प्रतिशत बढ़कर 86.51 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 में यह 77.52 अरब डॉलर था। 2024-25 में आयात 7.44 प्रतिशत बढ़कर 45.33 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 में यह 42.2 अरब डॉलर था। अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष पिछले वित्त वर्ष में 41.18 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो 2023-24 में 35.32 अरब अमेरिकी डॉलर था। 

भारत से क्या जाता है US, अमेरिका से क्या आता है भारत- 

अमेरिका को भारत के मुख्य निर्यात में 2024 में औषधि निर्माण व जैविक (8.1 अरब डॉलर), दूरसंचार उपकरण (6.5 अरब डॉलर), कीमती व अर्ध-कीमती पत्थर (5.3 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (4.1 अरब डॉलर), सोना व अन्य कीमती धातु के आभूषण (3.2 अरब डॉलर), सहायक उपकरण सहित सूती तैयार वस्त्र (2.8 अरब डॉलर) और लोहा व इस्पात के उत्पाद (2.7 अरब डॉलर) शामिल हैं। आयात में कच्चा तेल (4.5 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (3.6 अरब डॉलर), कोयला, कोक (3.4 अरब डॉलर), कटे व पॉलिश किए हुए हीरे (2.6 अरब डॉलर), इलेक्ट्रिक मशीनरी (1.4 अरब डॉलर), विमान, अंतरिक्ष यान तथा उसके पुर्जे (1.3 अरब डॉलर) और सोना (1.3 अरब डॉलर) शामिल है। 

भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार के आने वाले वर्षों में तेजी से बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि दोनों देश एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। इसका उद्देश्य 2030 तक वस्तुओं व सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब अमेरिकी डॉलर करना है। 

India- US trade पर सरकारी आंकड़ें पढ़ें- 

संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है, जिसका कुल द्विपक्षीय व्यापार (वस्त्रों और सेवाओं में) 2023 के कैलेंडर वर्ष के लिए $190.1 बिलियन है। (स्रोत: यूएस सेंसस डेटा) 2023-24 वित्तीय वर्ष के दौरान, अमेरिका भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत था, जिसमें USD 4.99 बिलियन का निवेश हुआ, जो कुल FDI इक्विटी निवेश का लगभग 9% है। कई भारतीय कंपनियां अमेरिका में निवेश कर रही हैं और मूल्य जोड़ रही हैं। अप्रैल 2023 में जारी CII अध्ययन के अनुसार, 163 भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में $40 बिलियन से अधिक का निवेश किया और 425,000 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित कीं।

भारत के वित्त मंत्रालय और अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम [DFC] के बीच 2022 में एक निवेश प्रोत्साहन समझौता (Investment Incentive Agreement) पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिससे इक्विटी निवेश, सह-बीमा, अनुदान, संभावना अध्ययन और तकनीकी सहायता संभव हुई। जनवरी 2024 तक, DFC का भारत पोर्टफोलियो लगभग 4.0 बिलियन डॉलर का था, जो 100+ परियोजनाओं में फैला हुआ था।

भारत और अमेरिका ने 13 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में लघु और मझोले आकार के उद्यमों (SME) पर सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह MoU दोनों पक्षों के बीच वैश्विक बाजार में MSME की भागीदारी को बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञता के आदान-प्रदान की परिकल्पना करता है, जिसमें आपसी यात्राएं और 6 विषयों पर वेबिनार और कार्यशालाएं शामिल हैं, जैसे व्यापार और निर्यात वित्त तक पहुंच, प्रौद्योगिकी और डिजिटल व्यापार, हरित अर्थव्यवस्था, और व्यापार सुविधा।

 

जानें India- US trade mechanism – 

  1. भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच (TPF): 2005 में स्थापित, TPF बाजार पहुंच और व्यापार संबंधित मामलों पर चर्चा करता है। 14वां TPF 12 जनवरी 2024 को नई दिल्ली, भारत में हुआ, जिसमें CIM और USTR के नेतृत्व में चर्चा हुई।
  2. भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद: यह मानकों, व्यवसाय में आसानी, यात्रा और पर्यटन, और अन्य महत्वपूर्ण वाणिज्यिक मुद्दों पर सहयोग को बढ़ावा देता है। इसे CIM और अमेरिकी वाणिज्य सचिव द्वारा सह-आधारित किया जाता है। पांचवां वाणिज्यिक संवाद 10 मार्च 2023 को नई दिल्ली में हुआ था, और छठा संवाद 03 अक्टूबर 2024 को वाशिंगटन डीसी में होगा। छठे वाणिज्यिक संवाद के आपूर्ति श्रृंखला ट्रैक के तहत दोनों देशों ने “महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं का विस्तार और विविधीकरण” पर एक MoU पर हस्ताक्षर किया, जो एक-दूसरे की ताकतों का उपयोग करेगा और महत्वपूर्ण खनिजों की खोज, निष्कर्षण, प्रसंस्करण, पुनःसंचय और संबंधित गतिविधियों के सामूहिक विकास को बढ़ावा देगा।

iii. भारत-अमेरिका CEO मंच: 2005 में स्थापित, यह मंच वाणिज्यिक संवाद के किनारे पर बैठक करता है और वाणिज्यिक संवाद को सिफारिशें प्रस्तुत करता है। CEO मंच 02 अक्टूबर 2024 को वाशिंगटन डीसी में मिला।

  1. सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT): 2005 में एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित किया गया था, जो दोनों पक्षों से सरकार और उद्योग को एक साथ लाकर इलेक्ट्रॉनिक्स और IT क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा करता है। हाल ही में, MeitY के सचिव ने 17 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली में आयोजित भारत-अमेरिका सूचना और संचार प्रौद्योगिकी कार्य समूह की बैठक में अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय संचार और सूचना नीति समन्वयक, एम्बेसडर स्टीव लैंग के साथ सह-नेतृत्व किया, जिसमें अमेरिकी दूतावास के एम्बेसडर एरिक गार्सेटी भी उपस्थित थे।
  2. भारत-अमेरिका आर्थिक और वित्तीय साझेदारी संवाद (EFP): इसे वित्त मंत्री और अमेरिकी ट्रेजरी सचिव द्वारा सह-नेतृत्व किया जाता है। 9वीं मंत्रीस्तरीय EFP संवाद नवंबर 2022 में नई दिल्ली में हुआ था। 11वीं वित्तीय और नियामक संवाद मार्च 2023 में गांधीनगर में आयोजित हुआ।
  3. इंडो-पैसिफिक आर्थिक ढांचा (IPEF): भारत ने मई 2022 में IPEF के शुभारंभ में 13 भागीदार देशों के साथ भाग लिया। भारत ने IPEF के चार में से तीन स्तंभों में शामिल होने का निर्णय लिया, जो आपूर्ति श्रृंखलाओं (2), निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (4) और स्वच्छ ऊर्जा (3) से संबंधित हैं। IPEF के स्तंभ-2 ‘आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन’ का मसौदा मई 2023 में तैयार हुआ, जो फरवरी 2024 से प्रभावी हो चुका है। इस वर्ष IPEF मंत्रीस्तरीय बैठकें मार्च 2024 और जून 2024 में आयोजित हुईं। 6 जून 2024 को सिंगापुर में IPEF स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक मंच (“Investor Forum”) का आयोजन किया गया था, जो अंतिम मंत्रीस्तरीय बैठक के किनारे हुआ। भारत ने IPEF के स्तंभ-3, स्तंभ-4 और समग्र समझौते पर अमेरिका की यात्रा के दौरान सितंबर 2024 में हस्ताक्षर किए, और विदेश मंत्री ने पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे से पहले, सचिव ब्लिंकेन को इन समझौतों की प्रति सौंपी।

(एजेंसी इनपुट के साथ) 

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First Published - April 16, 2025 | 5:35 PM IST

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