US President Donald Trump (PC: Reuters)
US Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत से होने वाले सभी निर्यातों पर 25% आयात शुल्क लगाने का ऐलान किया है। यह टैरिफ 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा और इसका असर स्मार्टफोन, दवाइयों, झींगा, ऑटो पार्ट्स और ज्वेलरी जैसे कई अहम सेक्टरों पर पड़ेगा। ट्रंप प्रशासन का दावा है कि यह कदम भारत की गैर-राजकोषीय व्यापार बाधाओं और रूस के साथ उसके रक्षा व ऊर्जा संबंधों के जवाब में उठाया गया है।
भारत और अमेरिका के बीच साल 2024 में कुल द्विपक्षीय व्यापार $129 अरब डॉलर (करीब ₹10.7 लाख करोड़) रहा था। इस फैसले से इस व्यापार में भारी गिरावट की आशंका जताई जा रही है। खास तौर पर वे सेक्टर जो अमेरिका पर भारी रूप से निर्भर हैं, उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है।
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ट्रंप ने यह आदेश 30 जुलाई को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट किया, जबकि भारत और अमेरिका के बीच पांचवें दौर की व्यापार वार्ता वॉशिंगटन में कुछ ही दिन पहले खत्म हुई थी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत द्वारा रूस से ऊर्जा और रक्षा उपकरणों की खरीद पर आगे और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
अगले चरण की व्यापार वार्ता अगस्त के आखिरी हफ्ते में नई दिल्ली में प्रस्तावित है। इसके लिए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 25 अगस्त से भारत का दौरा करेगा।
वित्त वर्ष 2024–25 में भारत ने अमेरिका को $24.1 अरब (55% की सालाना बढ़ोतरी) के स्मार्टफोन निर्यात किए। PLI योजना के तहत भारत ने आईफोन जैसी प्रीमियम डिवाइसेज़ का निर्यात तेज़ी से बढ़ाया है। हाल ही में भारत ने अमेरिका को आईफोन निर्यात करने के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। लेकिन अब 25% टैरिफ लागू होने के बाद अमेरिका में इनकी कीमतें बढ़ सकती हैं और मांग पर असर पड़ सकता है।
भारत ने FY25 में अमेरिका को $10 अरब से अधिक के जेनेरिक दवाओं और APIs का निर्यात किया। यदि इन पर छूट नहीं मिली, तो अमेरिका में दवाइयों की कीमतें बढ़ सकती हैं और सप्लाई चेन बाधित हो सकती है। अमेरिकी हेल्थकेयर सिस्टम भारतीय दवाओं पर काफी निर्भर है, जिससे यह फैसला दोनों देशों के लिए संवेदनशील बन जाता है।
भारत ने 2024 में अमेरिका को $10.8 अरब मूल्य के वस्त्र और परिधान निर्यात किए, जो कुल टेक्सटाइल निर्यात का 28.5% हिस्सा है। पहले से 10–12% के मौजूदा शुल्क के ऊपर अब 25% का नया शुल्क भारतीय गारमेंट्स को अमेरिकी बाज़ार में गैर-प्रतिस्पर्धी बना सकता है। इसका फायदा वियतनाम और बांग्लादेश जैसे देशों को मिल सकता है।
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भारत ने FY25 में $12 अरब की ज्वेलरी का निर्यात किया, जिसमें अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 30% है। मौजूदा 27% शुल्क के बाद 25% अतिरिक्त टैरिफ से इस क्षेत्र की मार्जिन बुरी तरह प्रभावित हो सकती है और ऑर्डर कैंसिल होने या अमेरिकी खरीदारों के सप्लायर बदलने की आशंका है।
भारत ने 2024 में अमेरिका को $2.2 अरब मूल्य के ऑटो कंपोनेंट्स निर्यात किए। हालांकि, फिनिश्ड व्हीकल्स का निर्यात केवल $10 मिलियन के आसपास रहा, लेकिन पार्ट्स पर 25% शुल्क से ‘मेक इन इंडिया’ के तहत इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट्स को नुकसान हो सकता है।
भारत की समुद्री निर्यात इंडस्ट्री का कुल आकार $7.2 अरब है, जिसमें अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग $2.4 अरब है। झींगा प्रमुख उत्पाद है, और इस पर टैरिफ बढ़ने से भारत की कीमतें लैटिन अमेरिकी निर्यातकों की तुलना में गैर-प्रतिस्पर्धी हो सकती हैं। यह फैसला ऐसे समय आया है जब अमेरिका भारत के कृषि उत्पादों पर उच्च MFN टैरिफ की आलोचना करता रहा है।
यह टैरिफ आदेश ट्रंप ने 30 जुलाई को Truth Social पर पोस्ट किया, जब वॉशिंगटन में भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का पांचवां दौर हाल ही में संपन्न हुआ था। उन्होंने संकेत दिए हैं कि भारत की रूस से ऊर्जा और रक्षा खरीद पर आगे और भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
अब दोनों देशों के बीच छठा व्यापार वार्ता दौर अगस्त के अंत में होगा, जब अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 25 अगस्त से नई दिल्ली का दौरा करेगा।